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विश्वभर में हिंदुओं के घर पहुंचेगा प्रभु राम का प्रसाद, 25 मार्च से अमेरिका में शुरू होगी रथ यात्रा

अमेरिका में ही यह रथ यात्रा 25 मार्च से पूरे उत्तरी अमेरिका और कनाडा में निकलेगी और 45 दिनों में यह दोनों देश में स्थित एक हजार से अधिक मंदिरों को जोड़ेगी। विहिप के विदेश विभाग ने 60 से अधिक देशों में राम प्रसाद भेजने की तैयारी की है। कुछ देश में यह प्रसाद जा भी चुका है। यह अभियान अभी से प्रारंभ होकर मार्च-अप्रैल तक चलेगा।

By Nimish Hemant Edited By: Shyamji Tiwari Updated: Thu, 25 Jan 2024 09:10 PM (IST)
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विश्वभर में हिंदुओं के घर पहुंचेगा प्रभु राम का प्रसाद
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। रामलला के विग्रह की प्राण प्रतिष्ठा को लेकर चले आमंत्रण अभियान ने जिस प्रकार विश्व भर के हिंदुओं को एक सूत्र में पिरो दिया था। कुछ उसी प्रकार का माहौल राम प्रसाद वितरण अभियान में भी साकार होगा। जब विश्व भर के मंदिर अयोध्या से एकाकार होंगे। इसके लिए विभिन्न देशों में राम प्रसाद रथ यात्रा निकालने की तैयारी है।

अमेरिका में ही यह रथ यात्रा 25 मार्च से पूरे उत्तरी अमेरिका और कनाडा में निकलेगी और 45 दिनों में यह दोनों देश में स्थित एक हजार से अधिक मंदिरों को जोड़ेगी। इसी तरह के विभिन्न अनुष्ठान ब्रिटेन, कनाडा, आस्ट्रेलिया, श्रीलंका, इंडोनेशिया, जापान, सूरीनाम, फिजी, फिनलैंड व फ्रांस समेत अन्य देशों में भी होंगे। जहां स्थित सभी हिंदू मंदिरों के जरिए वहां के हिंदू समाज में प्रसाद का वितरण किया जाएगा।

60 से अधिक देशों में प्रसाद भेजने की तैयारी

इसमें हिंदू स्वयंसेवक संघ, हिंदू काउंसिल, विहिप व हिंदू मंदिर संगठनों के साथ ही समाज की सक्रिय भूमिका होगी। विहिप के विदेश विभाग ने 60 से अधिक देशों में राम प्रसाद भेजने की तैयारी की है। कुछ देश में यह प्रसाद जा भी चुका है। यह अभियान अभी से प्रारंभ होकर मार्च-अप्रैल तक चलेगा।

विहिप के एक वरिष्ठ पदाधिकारी के अनुसार रामलला के मंदिर को लेकर जितना उत्साह, उमंग और भावुकता अपने देश में है। विदेश में बसे हिंदुओं में उससे कमतर नहीं बल्कि वे अधिक भावुक और अधीर हैं। विदेश में बसे ऐसे हजारों हिंदुओं के श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट को आग्रह आ रहे हैं, जो रामलला का साक्षात दर्शन करना चाहते हैं, लेकिन मंदिर के पट खुलने के बाद से अयोध्या में जिस तरह की जनभावना उमड़ी है, उसमें फिलहाल विदेश में हिंदुओं के यहां आने के कार्यक्रम को आगे बढ़ाने के साथ पंजीकरण व्यवस्था को स्थगित कर दिया गया है।

VHP के विदेश विभाग ने तैयार की सूची

इस बीच, ऐसी व्यवस्था की जा रही है, जिससे विश्वभर में बसे हिंदुओं के घर सीधे प्रभु राम का आर्शीवाद पहुंचे। विहिप के विदेश विभाग ने ऐसे 60 से अधिक देशों की सूची तैयार की है, जहां भक्तिभाव और ससम्मान राम प्रसाद भेजी जाएगी। विहिप के विदेश विभाग के प्रमुख स्वामी विज्ञानंद के अनुसार प्राण प्रतिष्ठा में को लेकर अक्षत आमंत्रण कार्यक्रम में वैश्विक स्तर पर हिंदुओं का उत्साह अविस्मरणीय था।

जगह-जगह रथ यात्रा व कार रैली निकली। नगर संकीर्तन, मंदिरों में सुंदर कांड पाठ, हनुमान चालीसा, हवन व आरती हुई। संपूर्ण हिंदू समाज का घर दीपों से जगमग हुआ। इससे ही उनकी भावना समझी जा सकती है। अब उन्हें राम प्रसाद का शिद्दत से इंतजार है। वैसे, प्राण प्रतिष्ठा के विभिन्न देशों के 150 से अधिक हिंदू साक्षात गवाह बने थे। उन्हें लौटते वक्त एक-एक किलो प्रसाद सौंपा गया है।

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अब 60 से अधिक देशों में बसे संपूर्ण हिंदू समाज में वितरण के लिए प्रसाद भेजे जाएंगे। यह प्रसाद वहां के संगठन पदाधिकारी लेकर जाएंगे। स्वामी ज्ञानानंद के अनुसार, राम प्रसाद का वजन देश में हिंदुओं की संख्या के आधार पर होगा, जैसे अमेरिका में 50 किलो प्रसाद भेज दिया गया है। जरूरत पड़ने पर वहां स्थित मंदिर के पदाधिकारी उसमें मिष्ठान मिलाकर और प्रसाद तैयार कर लेंगे, जैसे अयोध्या से भेजे गए अक्षत के साथ हिंदू समाज के आमंत्रण के मामले में था।

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