Delhi JNU: जेएनयू VC ने दिया विवादित बयान, भगवान शिव को SC और जगन्नाथ को बताया आदिवासी
JNU VC Controversial Statement जेएनयू वाइस चांसलर शांतिश्री धूलिपुडी पंडित ने देवताओं को जाति में बांटकर एक नया विवाद खड़ा कर दिया है। जेएनयू वीसी ने भगवान शिव को अनुसूचित जाति और भगवान जगन्नाथ को आदि वासी बताया।
नई दिल्ली, जागरण डिजिटल डेस्क। JNU VC Controversial Statement: जेएनयू एक बार फिर विवादों में है। दरअसल, जेएनयू वाइस चांसलर शांतिश्री धूलिपुडी पंडित ने देवताओं को जाति में बांटकर एक नया विवाद खड़ा कर दिया है। जेएनयू वीसी ने भगवान शिव को अनुसूचित जाति और भगवान जगन्नाथ को आदि वासी बताया। उन्होंने कहा कि अगर एंथ्रोपोलॉजी की दृष्टि से देखा जाए तो कोई भी देवता अगड़ी जाति का नहीं है।
दरअसल, 9 साल के एक लड़के के साथ जातीय हिंसा के बाद जेएनयू वीसी ने अपने विचार व्यक्त करते हुए देवताओं की जाति को लेकर विवादित बयान दिया था। अधिकांश देवताओं की उत्पत्ति को मानवशास्त्रीय रूप से जानना चाहिए। कोई भी देवता ब्राह्मण नहीं है, न सबसे ऊंचा क्षत्रिय है। उन्होंने कहा कि भगवान शिव भी एक अनुसूचित जाति या अनुसूचित जनजाति से ही हो सकते हैं।
उधर, जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में सोमवार को सुरक्षाकर्मी और अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के सदस्य भिड़ गए। एबीवीपी सदस्य छात्रों की रुकी हुई फेलोशिप जारी करवाने की मांग को लेकर फाइनेंस आफिसर का घेराव करने पहुंचे थे। इस दौरान सुरक्षाकर्मियों ने रोकने की कोशिश की तो बात तू-तू मैं मैं से धक्का मुक्की तक पहुंच गई। एबीवीपी ने बयान जारी कर कहा कि सुरक्षाकर्मियों ने दिव्यांग छात्रों, छात्राओं को बुरी तरह मारा। कुल 12 विद्यार्थियों को चोट लगी है, जिनमें चार छात्राएं शामिल है।
एबीवीपी पदाधिकारियों ने बताया कि लंबे समय से छात्र फेलोशिप नहीं मिलने से निराश हो चुके हैं। छात्र प्रशासनिक भवन में फेलोशिप की जानकारी प्राप्त करने जाते हैं तो कर्मचारियों का बर्ताव ठीक नहीं रहता। एबीवीपी का एक प्रतिनिधिमंडल जेएनयू के फाइनेंस आफिसर को ज्ञापन सौंपने पहुंचा था।
जब प्रतिनिधिमंडल वहां पहुंचा तो सुरक्षाकर्मियों का रवैया सही नहीं था। जिसके बाद छात्रों ने फाइनेंस आफिसर का घेराव किया। छात्र उनसे आश्वासन मांग रहे थे। एबीवीपी ने बयान जारी कर कहा कि फाइनेंस आफिसर ने भी बदसलूकी की।