एलजी पर दबाव बना रही है 'आप', घर तक राशन पहुंचाने के प्रस्ताव में नहीं किया गया नियमों का पालन
विजेंद्र गुप्ता ने कहा कि राशन की 'डोरस्टेप डिलीवरी सेवा' को वित्तीय और विधि विभाग की सहमति के बिना मंजूरी दी गई है।
नई दिल्ली [जेएनएन]। दिल्ली सरकार की कैबिनेट द्वारा कार्ड धारकों के घर तक पैकेट बंद राशन पहुंचाने के प्रस्ताव को मंजूरी देने पर भाजपा ने सवाल उठाए हैं। विधानसभा में विपक्ष के नेता विजेंद्र गुप्ता ने कहा कि राशन की 'डोरस्टेप डिलीवरी सेवा' को वित्तीय और विधि विभाग की सहमति के बिना मंजूरी दी गई है। यदि आम आदमी पार्टी की सरकार इसे लागू करने में गंभीर होती तो इसे मजबूत तैयारी के बाद लेकर आती। सरकार ने हाल ही में पकड़े गए चार लाख फर्जी राशन कार्ड धारकों के खिलाफ भी कार्रवाई नहीं की है।
उपराज्यपाल पर दबाव बना रही है 'आप'
विजेंद्र गुप्ता ने बुधवार को एक विज्ञप्ति जारी कर कहा कि झूठा श्रेय लेने के लोभ में 'आप' सरकार डोरस्टेप योजना लागू करना चाहती है। वित्त और विधि विभाग ने सरकार के इस प्रस्ताव पर आपत्ति जताई है। सरकार ने इन आपत्तियों को दरकिनार करते हुए अपने स्तर पर ही प्रस्ताव को कैबिनेट में मंजूरी दे दी। अब वह जनहित की दुहाई देकर उपराज्यपाल पर दबाव बना रही है। यदि उपराज्यपाल प्रस्ताव के आधा-अधूरा होने पर आपत्ति दर्ज कराएंगे तो योजना के क्रियान्वयन न हो पाने का सारा ठीकरा उन्हीं के सर मढ़ दिया जाएगा।
राशन माफिया पर काबू पाने में विफल
गुप्ता ने आरोप लगाया कि सरकार ने दिल्ली के राशन विक्रेताओं को खाद्य सामग्री के वितरण में दी जाने वाली मार्जन मनी 70 रुपये प्रति क्विंटल से बढ़ाकर 200 रुपये कर दी है। राशन माफिया पर काबू पाने में विफल रही सरकार 'डोरस्टेप डिलीवरी सेवा' के नाम पर अब अपनी जिम्मेदारी से बचना चाहती है। इस सिस्टम के जरिये वह राशन माफिया को फायदा पहुंचाना चाहती है। राशन वितरण में सरकार पूरी तरह विफल रही है, इसलिए अफसरों को जिम्मेदार ठहराकर अपना दामन बचा रही है।
पेश किए आंकड़े
विजेंद्र गुप्ता ने खाद्य विभाग के आकड़ों का हवाला देते हुए बताया कि दिल्ली में कुल 73 लाख लोगों को सस्ता राशन मिलता है। यहा 19.50 लाख राशन कार्ड धारक हैं। फर्जी कार्ड धारकों पर रोक लगाने के लिए राशन कार्ड को आधार कार्ड से लिंक कराया गया है। जनवरी 2018 में 15.15 लाख कार्ड धारकों ने राशन की दुकानों से राशन प्राप्त किया। फरवरी 2018 में 15.15 लाख कार्ड धारकों ने अपने कोटे का राशन लिया। चार लाख से अधिक लोगों ने न तो जनवरी में और न ही फरवरी में अपने राशन कार्ड से राशन उठाया।
ये है नियम
नियमानुसार जो कार्ड धारक तीन महीने तक लगातार राशन नहीं लेता है, उसका राशन कार्ड निरस्त कर दिया जाता है। जिन चार लाख लोगों ने अपना राशन नहीं उठाया, ये वे लोग हैं जिन्हें सस्ते राशन की जरूरत नहीं है। राशन माफिया और सरकार की मिलीभगत के कारण फर्जी राशन कार्डो का खेल चल रहा है। उन्होंने आशका जताई कि 'डोरस्टेप डिलीवरी सेवा' शुरू होने के बाद कहीं गरीबों का राशन कालाबाजारियों तक सीधे न पहुंचा दिया जाए।
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