झूठे साबित हो रहे हैं केजरीवाल सरकार के दावे, बदहाल है शिक्षा व्यवस्था: विजेंद्र गुप्ता
गुप्ता ने आंकड़ों का हवाला देते हुए कहा कि सर्वेक्षण में दिल्ली का नाम उन पांच राज्यों व संघ शासित क्षेत्रों की सूची में शामिल है जिनका प्रदर्शन सबसे अधिक खराब है।
नई दिल्ली [जेएनएन]। दिल्ली विधानसभा में प्रतिपक्ष के नेता विजेंद्र गुप्ता ने दिल्ली सरकार के उन दावों को खोखला करार दिया जिनमें केजरीवाल सरकार शिक्षा में बदलाव के दावे करती है। गुप्ता ने कहा कि नेशनल काउंसिल ऑफ एजुकेशनल रिसर्च एंड ट्रेनिंग (एनसीईआरटी) द्वारा हाल ही में सातवें ऑल इंडिया स्कूल एजुकेशन सर्वेक्षण के आंकड़े चिंताजनक हैं।
गुप्ता ने आंकड़ों का हवाला देते हुए कहा कि सर्वेक्षण में दिल्ली का नाम उन पांच राज्यों व संघ शासित क्षेत्रों की सूची में शामिल है जिनका प्रदर्शन सबसे अधिक खराब है। अध्ययन के परिणामों के आधार पर 8वीं कक्षा के बच्चों की अंग्रेजी विषय की स्थिति सर्वाधिक दयनीय है।
गणित में तीसरी कक्षा के बच्चों की अध्ययन की स्थिति न्यूनम स्तर से दूसरे नंबर पर है। इसमें दिल्ली में आठवीं कक्षा में अध्ययन कर रहे 32 फीसद विद्यार्थी अंग्रेजी भाषा और 34 फीसद विद्यार्थी गणित से संबधित प्रश्नों का सही उत्तर दे पाए।
तीसरी कक्षा के विद्यार्थियों में केवल 54 फीसद बच्चे गणित तथा 58 प्रतिशत बच्चे अंग्रेजी भाषा से संबंधित प्रश्नों का सही उत्तर दे पाए। उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार बड़े-बड़े दावे करती है कि वह शिक्षा का बजट बढ़ाकर शिक्षा के क्षेत्र में बदलाव कर रही है। लेकिन यह आंकड़े सरकार के सभी दावों को झूठा साबित कर रहे हैं।
गुप्ता ने सरकार को सुझाव देते हुए कहा कि आम आदमी पार्टी की सरकार शिक्षाविदों, विशेषज्ञों तथा सभी राजनैतिक दलों के प्रतिनिधियों के साथ मिलकर दिल्ली में शिक्षा के स्तर में सुधार लाने के लिए गंभीर चिंतन करे, ताकि दावों में ही नहीं बल्कि जमीनी स्तर पर शिक्षा के स्तर में सुधार हो सके।
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