Delhi: कश्मीर पर कुहासा खत्म, अब गुलाम कश्मीर की बारी- विश्व हिंदू परिषद
विहिप के अंतरराष्ट्रीय कार्याध्यक्ष व वरिष्ठ अधिवक्ता आलोक कुमार ने अनुच्छेद 370 पर सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय का स्वागत करते हुए कहा है कि यह निर्णय अमर बलिदानी डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी को एक कृतज्ञ राष्ट्र की श्रद्धांजलि जैसा है। आज के निर्णय से यह प्रमाणित होता है कि 1947-48 में महाराजा हरी सिंह द्वारा हस्ताक्षर किया गया विलय पत्र अंतिम और वैध था।
By Jagran NewsEdited By: GeetarjunUpdated: Mon, 11 Dec 2023 11:19 PM (IST)
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। विहिप के अंतरराष्ट्रीय कार्याध्यक्ष व वरिष्ठ अधिवक्ता आलोक कुमार ने अनुच्छेद 370 पर सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय का स्वागत करते हुए कहा है कि यह निर्णय अमर बलिदानी डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी को एक कृतज्ञ राष्ट्र की श्रद्धांजलि जैसा है। आज के निर्णय से यह प्रमाणित होता है कि 1947-48 में महाराजा हरी सिंह द्वारा हस्ताक्षर किया गया विलय पत्र अंतिम और वैध था।
जम्मू कश्मीर हमेशा से भारत का अभिन्न अंग है और रहेगा। तब की सरकार ने अपनी कुछ राजनितिक महत्वाक्षांओं के कारण अनुच्छेद 370 से जम्मू कश्मीर को एक विशेष दर्जा दिया हुआ था।
उन्होंने कहा कि देश की संसद ने इस अनुच्छेद को हटा दिया था। फिर भी इस वाद के कारण कुछ कुहासा छाया हुआ था, जो आज के निर्णय के बाद से साफ हो गया। हमें विश्वास है कि जम्मू कश्मीर में विकास की धारा इसी तेजी से बढ़ती रहेगी।
विहिप कार्याध्यक्ष ने जोर देकर कहा कि अब जम्मू और कश्मीर में एक ही बड़ा काम बचा हुआ रह गया है। वह है, गुलाम कश्मीर की पाकिस्तान के पंजे से मुक्ति। हमें विश्वास है कि सशक्त भारत और संकल्पित सरकार पाक अधिकृत कश्मीर को भी जल्द मुक्त करा सकेगी।
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