CAA लागू कराने के लिए आगे आया विश्व हिंदू परिषद, शरणार्थियों को नागरिकता दिलाने में इस तरह मदद करेगा विहिप
पाकिस्तान बांग्लादेश और अफगानिस्तान से आकर देश में शरण लिए हिंदू सिख जैन व बौद्ध धर्म के लोगों को देश की नागरिकता दिलाने में विहिप (विश्व हिंदू परिषद) मदद को हाथ आगे बढ़ाएगी। इसके लिए संगठन में चिह्नित लोगों की टोली बनाकर उन्हें प्रशिक्षित कर शरणार्थी कैंपों में भेजा जाएगा। साथ ही ऐसे लोगों पर भी नजर रखी जाएगी जो इसके लिए कुपात्र हैं लेकिन आवेदन की कोशिश करेंगे।
नेमिष हेमंत, नई दिल्ली। पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से आकर देश में शरण लिए हिंदू, सिख, जैन व बौद्ध धर्म के लोगों को देश की नागरिकता दिलाने में विहिप (विश्व हिंदू परिषद) मदद को हाथ आगे बढ़ाएगी। इसके लिए संगठन में चिह्नित लोगों की टोली बनाकर उन्हें प्रशिक्षित कर शरणार्थी कैंपों में भेजा जाएगा। साथ ही ऐसे लोगों पर भी नजर रखी जाएगी जो इसके लिए कुपात्र हैं, लेकिन आवेदन की कोशिश करेंगे।
विहिप अध्यक्ष आलोक कुमार ने नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) लागू होने के साथ ही संगठन के लोगों को इस मामले में आगे आने का आह्वान किया है। उन्होंने केंद्र सरकार के इस निर्णय का स्वागत करते हुए कहा है कि विहिप व अन्य संस्थाओं को भी शरणार्थियों को नागरिकता दिलाने में मदद को लेकर आगे आना चाहिए।
फॉर्म भरवाने में इस तरह होगी मदद
विहिप के एक वरिष्ठ पदाधिकारी के अनुसार, नागरिकता की यह प्रक्रिया इंटरनेट आधारित है। जबकि, शरणार्थियों में अधिकांश ऐसे हैं जो कम पढ़े लिखे हैं। इसलिए उन्हें नागरिकता संबंधित फॉर्म भरने में विहिप के पदाधिकारी मदद करेंगे। इसके लिए आवश्यकता लगने पर शरणार्थियों के स्थानों पर शिविर भी लगाए जाएंगे तथा फार्म भरवाए जाएंगे। क्योंकि, वहां लैंपटाप और इंटरनेट की आवश्यकता होगी।दिल्ली-एसीआर में 10 शरणार्थी कैंप
विहिप पदाधिकारी के मुताबिक इसके पहले, ऐसी टोलियों को प्रशिक्षित किया जाएगा। उन्हें कानून के साथ ही नागरिकता का फॉर्म भरते समय जरूरी दस्तावेजों और कॉलम की जानकारी दी जाएगी। ताकि फॉर्म निरस्त न हो। इसके लिए ऐसे तकनीकी में दक्ष लोगों की सूची तैयार की जा रही है। साथ ही शरणार्थी लोगों की भी सूची तैयार की जा रही है। दिल्ली-एनसीआर में ही ऐसे 10 से अधिक शरणार्थी कैंप हैं, जहां सीएए के पात्र शरणार्थी रहते हैं, साथ ही कई ऐसे हैं जो अलग-अलग स्थानों पर बस गए हैं। उन्हें भी तलाश कर फॉर्म भरवाया जाएगा।
संगठन के राष्ट्रीय प्रवक्ता विनोद बंसल के अनुसार यह प्रक्रिया लंबी है। उसमें सावधानी के लिए प्रशिक्षित कार्यकर्ताओं की आवश्यकता होगी। देशभर में 50 से अधिक शरणार्थी शिविर कैंप हैं, जहां के लिए सैकड़ों पारंगत टोली की आवश्यकता होगी। क्योंकि आवेदन में कई ऐसे नियम है, जिसे भरते समय सतर्कता की आवश्यकता है।
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