Delhi: जैसे ही त्योहार ने दी दस्तक वैसे ही तार-तार हुआ संपत्ति बदरंग अधिनियम
होर्डिंग्स व पोस्टर निगम के उस संपत्ति बदरंग अधिनियम की धज्जियां उड़ा रहे हैं जिसके अनुसार सार्वजनिक स्थलों की खूबसूरती को बदरंग करना कानून जुर्म है। इस मामले को निगम की बैठकों में पार्षदों की ओर से समय-समय उठाया भी जाता है।
By Mangal YadavEdited By: Updated: Tue, 10 Nov 2020 03:16 PM (IST)
नई दिल्ली [मनीषा गर्ग]। लॉकडाउन के समय में संपत्ति बदरंग की समस्या को लेकर निगम राहत की सांस ले रहा था। पर त्योहारों के दस्तक देते ही दीवारें व खंभे शुभकामना संदेश के पोस्टर व होर्डिंग्स से पट गए है। रक्षाबंधन, स्वतंत्रता दिवस, जन्माष्टमी की शुभकामनाओं के होर्डिंग्स अभी उतरे ही थे कि अब दीवाली, गोवर्धन पूजा, भाई दूज व छठ पूजा के लगे बधाई संदेश के होर्डिंग्स व पोस्टर ने अधिकारियों के माथे पर चिंता की लकीरें खींच दी है। अधिकारियों का कहना है कि कोरोना महामारी व प्रदूषण के चलते निगम पर पहले ही अतिरिक्त भार बढ़ा हुआ है, ऐसे में संपत्ति बदरंग अधिनियम के तहत कार्रवाई सुनिश्चित करना मुश्किल है। जिसके कारण खंभे व दीवारों पर लगे बैनर व पोस्टर निगम को मुंह चिढ़ा रहे है। इन होर्डिंग्स व पोस्टर ने निगम की परेशानी व काम दोनों बढ़ा दिए है। आश्चर्य की बात यह है कि स्वयं निगम पार्षद व उनके कार्यकर्ता ही ये होर्डिंग्स व बैनर लगाकर अपनी राजनीति चमकाने के चक्कर में संपत्ति बदरंग अधिनियम की अवहेलना करते नजर आते है।
इसके अलावा कोरोना काल में कारोबार में आई मंदी के दौर में ग्राहकों को आकर्षित करने के लिए विभिन्न कोचिंग संस्थानों, तकनीकी संस्थान से जुड़े प्रचार व पोस्टर हर जगह-जगह चस्पे आसानी से नजर आ जाएंगे। ये तमाम होर्डिंग्स व पोस्टर निगम के उस संपत्ति बदरंग अधिनियम की धज्जियां उड़ा रहे हैं जिसके अनुसार सार्वजनिक स्थलों की खूबसूरती को बदरंग करना कानून जुर्म है।नजफगढ़ रोड, विकासपुरी, डाबड़ी, दशरथपुरी, नजफगढ़, उपनगरी द्वारका, द्वारका मोड़, उत्तम नगर सहित पश्चिमी व दक्षिणी-पश्चिमी दिल्ली के अनेक जगहों पर अब विभिन्न पोस्टर, होर्डिंग्स व बैनर देखने को मिलते है। यहां तक की मौका मिलने पर लोग कॉलोनी के प्रवेश द्वारों पर भी बैनर लगाकर संपत्ति बदरंग अधिनियम की धज्जियां उड़ाने से नहीं चूकते। हालांकि अधिकारियों द्वारा संपत्ति बदरंग अधिनियम के तहत कभी कभार अनमने ढंग से कार्रवाई होती है, लेकिन अधिकांश पोस्टर राजनीतिक दलों से जुड़े लोगों के होने के कारण निगम कार्रवाई के दौरान सख्ती दिखाने से हमेशा परहेज करता रहा है। इस मामले को निगम की बैठकों में पार्षदों की ओर से समय-समय उठाया भी जाता है।
क्या है संपत्ति बदरंग अधिनियम संपत्ति बदरंग अधिनियम के तहत सार्वजनिक भवन या स्थान की खूबसूरती को नष्ट करने वाले किसी भी कृत्य के खिलाफ सजा का प्रावधान है। इसके अंतर्गत दीवारों पर स्याही या पेंट से कुछ लिखने, दीवारों पर पोस्टर चिपकाने या बैनर लगाने की मनाही है। अधिनियम के तहत संपत्ति शब्द का सार्वजनिक या निजी भवन, दीवार, खंभे, पेड़, छत शामिल हैं। खास बात यह है कि यह संपत्ति सरकारी या निजी दोनों हो सकती है। अधिनियम के तहत दोषी पाए जाने पर दोषी को अधिकतम एक वर्ष की सजा या 50 हजार रुपए जुर्माने का प्रावधान है। मामले की गंभीरता को देखते हुए कैद व जुर्माना दोनों साथ-साथ किया जा सकता है।
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