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दीवारों की अभी तक नहीं हुई सफाई, दिल्ली हाईकोर्ट ने DU को लगाई फटकार; VC खुद जायजा लेने मौके पर पहुंचे

लिंगदोह समिति की सिफारिशों के अनुसार एक प्रत्याशी पांच हजार रुपये ही खर्च कर सकता है। लेकिन डूसू चुनाव में खड़े हुए प्रत्याशियों ने पोस्टर और बैनर का जिस तरह से इस्तेमाल किया उससे ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि खर्च की सीमा केवल दिखाने के लिए है। खुलेआम नियमों का उल्लंघन होता रहा और चुनाव के लिए गठित समिति इसको नजरअंदाज करती रही।

By uday jagtap Edited By: Sonu Suman Updated: Mon, 28 Oct 2024 08:12 PM (IST)
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दीवारों की सफाई नहीं होने के कारण दिल्ली हाईकोर्ट ने डीयू को लगाई फटकार।
उदय जगताप, नई दिल्ली। दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ (डूसू) चुनाव के परिणाम फिलहाल नहीं आएंगे। हाई कोर्ट ने दीवारों की सफाई न करने के लिए सख्त टिप्पणी की है और डीयू को खरी-खरी सुनाई है। कोर्ट ने कहा कि जब तक दीवारों और कूड़ों की सफाई नहीं होती है, तब चुनाव परिणाम जारी नहीं होंगे। यह सब इसलिए हो रहा है, क्योंकि लिंगदोह समिति की सिफारिशों का छात्र संघ चुनाव में मजाक बनाकर रख दिया गया है।

चुनाव के लिए गठित समिति किसी भी निर्णय पर नहीं पहुंच सकी। बाद में समिति की ओर से प्रत्याशियों को लेकर जाकर सफाई की गई है, लेकिन उसका असर दिखाई नहीं दिया। कुलपति प्रो. योगेश सिंह सफाई का जायजा लेने के लिए खुद मौके पर पहुंचे थे।

एक प्रत्याशी पांच हजार रुपये ही कर सकता है खर्च

लिंगदोह समिति की सिफारिशों के अनुसार एक प्रत्याशी पांच हजार रुपये ही खर्च कर सकता है। लेकिन, डूसू चुनाव में खड़े हुए प्रत्याशियों ने पोस्टर और बैनर का जिस तरह से इस्तेमाल किया, उससे ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि खर्च की सीमा केवल दिखाने के लिए है। खुलेआम नियमों का उल्लंघन होता रहा और चुनाव के लिए गठित समिति इसको नजरअंदाज करती रही। किसी भी प्रत्याशी पर कोई कार्रवाई नहीं की गई।

मामला कोर्ट में पहुंचा है तो विश्वविद्यालय को सफाई कराना भारी पड़ रहा है। डीयू की ओर से कहा गया है कि 90 प्रतिशत सफाई का काम पूरा हो चुका है। लेकिन, राजधानी के इलाकों की बात छोड़ें डीयू परिसर में कुछ दीवारों पर आधे फटे पोस्टर व रंगी हुई दीवारें दिखाई दे रही हैं।

एक करोड़ की राशि चुकाना मुमकिन नहीं: रिषभ चौधरी

अध्यक्ष पद के प्रत्याशी रिषभ चौधरी ने कहा, "समर्थक पर्चे उड़ाते हैं और वह सामान्य परिवार से आते हैं। सीमा से अधिक खर्च करना या एमसीडी की ओर से मांगी जा रही एक करोड़ की राशि चुकाने में सहयोग करना उनके लिए मुमकिन नहीं हैं।" उन्होंने कहा कि वह स्वयं कई जगह गए थे और दीवारों को साफ किया है। अध्यक्ष पद के अन्य प्रत्याशी रौनक खत्री ने कहा कि उन्होंने कई स्थानों पर व्यापक अभियान चलाकर सफाई की है।

दो उम्मीदवारों ने सफाई के वीडियो भी जमा किए

उन्होंने कहा, "एमसीडी मनमाना हर्जाना मांग रही है और यह उचित नहीं है। हाई कोर्ट के आदेश का हम पालन कर रहे हैं। उधर डीयू ने पिछले दिनों कहा था कि डूसू उम्मीदवारों ने भी अपनी टीमों के साथ मिलकर दीवारों की सफाई की है और सफाई से पहले और बाद की तस्वीरें भी चुनाव कार्यालय में जमा की हैं। दो उम्मीदवारों ने सफाई के वीडियो भी जमा किए हैं।"

डीयू को पूरे मामले में शर्मिंदगी झेलनी पड़ रही

डूसू चुनाव के मुख्य चुनाव अधिकारी ने 26 अक्टूबर को कॉलेजों और उसके आसपास की गंदगी का निरीक्षण करने के लिए सभी कालेजों- विभागों- संस्थानों- केंद्रों में 20 पर्यवेक्षकों की टीमें 10 अलग-अलग रूटों पर तैनात कीं। उन टीमों ने यहां में गंदगी की सफाई पर अपनी स्थिति रिपोर्ट प्रस्तुत की है। इसमें सफाई होने का दावा किया गया है। लेकिन, सच्चाई इससे थोड़ी परे निकली है और डीयू को पूरे मामले में शर्मिंदगी झेलनी पड़ रही है।

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