Move to Jagran APP

Silkyara Tunnel: उत्तरकाशी टनल में सुरंग खोदने वाले रैट माइनर्स का जोरदार स्वागत, बोले- देश की उम्मीदों को किया पूरा

Rat Miners उत्तरकाशी के सिलक्यारा में सुरंग में 17 दिन से फंसे श्रमवीरों को सकुशल बाहर निकालने वाले रैट दिल्ली के श्रीराम कालोनी में जोरदार स्वागत हुआ। रैट माइनर्स ने कहा कि यह काम बहुत चुनौतीपूर्ण था और देश की उम्मीदें हमसे थीं जिन्हें पूरा करने की खुशी बयां नहीं कर सकते। रैट माइनिंग का काम बहुत जोखिम भरा होता था।

By Ritu RanaEdited By: Shyamji TiwariUpdated: Thu, 30 Nov 2023 09:30 PM (IST)
Hero Image
उत्तरकाशी टनल में सुरंग खोदने वाले रैट माइनर्स का जोरदार स्वागत

जागरण संवाददाता, पूर्वी दिल्ली। उत्तरकाशी के सिलक्यारा में सुरंग में 17 दिन से फंसे श्रमवीरों को सकुशल बाहर निकालने वाले रैट माइनर्स वकील हसन, मुन्ना कुरैशी, फिरोज कुरैशी, नसीम, इरशाद और राशिद अंसारी का बृहस्पतिवार को श्रीराम कालोनी में जोरदार स्वागत हुआ। सभी यहीं रहते हैं। इनमें से फिरोज कुरैशी मूल रुप से उत्तर प्रदेश कासगंज के गांव अहरौली से हैं।

रैट माइनर्स को मिले 50-50 हजार रुपये

इससे अभिभूत रैट माइनर्स ने कहा कि यह काम बहुत चुनौतीपूर्ण था और देश की उम्मीदें हमसे थीं, जिन्हें पूरा करने की खुशी बयां नहीं कर सकते। रैट माइनर्स का नेतृत्व कर रहे वकील हसन ने बताया कि उत्तराखंड सरकार ने सभी रैट माइनर्स को 50-50 हजार रुपये की प्रोत्साहन राशि देने की घोषणा की है। इस बात से उनके परिवार व पड़ोस में खुशी का माहौल है।

लोगों ने रैट माइनर्स का किया जोरदार स्वागत

सुबह करीब 10 बजे कॉलोनी में रैट माइनर्स के लौटते ही स्वागत के लिए लोगों की भीड़ जुट गई। परिवार व पड़ोस के लोगों ने फूल माला पहनाकर उनका स्वागत किया और क्षेत्र में घूम घूमकर विजयी रैली भी निकाली। वकील हसन ने बताया बृहस्पतिवार को उनके पास देहरादून से ब्रिज एंड रूफ कंपनी के मालिक अशोक सोलंकी का फोन आया था और उन्होंने ही सुरंग से मजदूरों को बाहर निकालने का प्रस्ताव भेजा।

उन्होंने अशोक सोलंकी के साथ देहरादून में सीवर लाइन डालने का काम किया था, जिस कारण उन्हें पूरा भरोसा था कि वह इस काम को जरूर कर लेंगे। उन्होंने कहा कि पूरा देश श्रमवीरों की सलामती के लिए दुआ कर रहा है और उन्हें भरोसा है कि है वह इस काम कर सकते हैं। उनकी इस बात को सुनकर उन्होंने तुरंत उत्तरकाशी जाने के लिए हां कर दी।

रात को ही उन्होंने अपने सभी साथियों को फोन किया और सभी चलने के लिए राजी हो गए। शुक्रवार सुबह उन्होंने अपने घर पर एक ट्राली तैयार की और कुदाल, हथौड़ा सहित अपने सभी साथियों के साथ निकल गए। यह काम बहुत चुनौती और खतरे से भरा होता है। इसलिए वह अपने साथ उन लोगों को लेकर गए, जिन पर उन्हें पूरा भरोसा था। ये सभी लोग रैट माइनिंग के काम में माहिर हैं और अपनी जान की परवाह किए बगैर निडर होकर इस काम को करते हैं। उन्हें पूरा भरोसा था कि ये सभी लोग इस काम को जरूर पूरा करेंगे और आखिर उन्होंने कर भी दिखाया।

15 वर्षों से कर रहे रैट माइनिंग का काम

वकील हसन ने बताया कि वह पिछले 15 वर्षों से रैट माइनिंग का काम कर रहे हैं। वर्ष 2018 में उन्होंने मुन्ना कुरैशी के साथ मिलकर राकवेल इंटरप्राइसिस की शुरूआत की। ये लोग पिछले 15 वर्षों से रैट माइनिंग का काम कर रहे हैं और 2018 में उन्होंने अपनी कंपनी पंजीकृत कराई।

वकील ने बताया कि उनके साथ 50 रैट माइनर्स काम करते हैं। ये लोग सीवर लाइन, गैस लाइन और पीने के पानी की पाइप लाइन डालने का काम करते हैं। रैट माइनिंग का काम बहुत जोखिम भरा होता था। जब वह उत्तरकाशी पहुंचे तो वहां ऑगर मशीन फंसी थी, जिसे उन्होंने काटकर निकाला। इसमें तीन दिन का समय लगा। इसके बाद उन्होंने अपना काम शुरू किया।

पाइप के अंदर गए रैट माइनर्स

सबसे पहले उन्होंने 50 फीट गहरा गड्ढा खोदा और पाइप के जरिए अंदर गए। इसके बाद दो-दो करके तीन लोगों की टीम अंदर गई और खोदाई शुरू की। एक रैट माइनर्स ने गड्ढा खोदा और दूसरे ने मलबा निकालने का काम किया। अन्य रैट माइनर्स ने सुरंग के बाहर खड़े होकर ट्राली से मलबा निकालने का काम किया। यह बहुत मेहनत का काम है और जब उन्हें थकान होती थी तो देश और परिवार के बारे में सोचते थे और फिर काम में जुट जाते थे।

सोमवार दोपहर तीन बजे उन्होंने काम शुरू किया था और मंगलवार शाम पांच बजे उन्होंने सभी मजदूरों को बाहर निकालने में कामयाबी पाई। श्रमवीरों के साथ उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और स्थानीय विधायक ने भी उनका खूब हौंसला बढ़ाया।

यह भी पढ़ें- सुरंग से निकाले गए सभी श्रमिक स्वस्थ, CM धामी ने श्रमिकों को सौंपा एक-एक लाख का चेक, रैट माइनर्स को देंगे 50-50 हजार रुपए

आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।