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किसी महामारी को सतर्कता और दिशानिर्देशों का पालन कर ही शिकस्त दे सकते हैं

लिहाजा जिम्मेदार नागरिक होने का परिचय देते हुए दिल्ली में कोरोना को नियंत्रित करने में उन्हें सरकार का पूरा सहयोग करना चाहिए। हमें यह समझना होगा कि किसी महामारी को सतर्कता और दिशानिर्देशों का पालन कर ही शिकस्त दे सकते हैं।

By Sanjay PokhriyalEdited By: Updated: Thu, 05 Nov 2020 12:34 PM (IST)
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दिल्ली में कोरोना को नियंत्रित करने में उन्हें सरकार का पूरा सहयोग करना चाहिए।
नई दिल्‍ली, जेएनएन। दिल्ली में कोरोना संक्रमण का तेजी से बढ़ना चिंताजनक है। अक्टूबर के अंतिम सप्ताह से लगातार बढ़ रहे ये मामले दर्शाते हैं कि किस तरह कोरोना से बचाव के नियमों का उल्लंघन हो रहा है। यह सही है कि अर्थव्यवस्था को अपने सामान्य रूप में लाने के लिए कामकाज को बंद नहीं किया जा सकता, लेकिन कामकाज के दौरान शारीरिक दूरी के नियमों का पालन कर और मास्क व सैनिटाइजर का इस्तेमाल कर संक्रमण से अवश्य बचा जा सकता है, लेकिन यह निराशाजनक है कि राजधानी के अधिकतर इलाकों और बाजारों में शारीरिक दूरी का पालन आमतौर पर नजर नहीं आ रहा है। अनेक स्थानों पर लोग बिना मास्क के आसानी से देखे जा सकते हैं। प्रश्न यह उठता है कि कोरोना के मामले तेजी से बढ़ने और लगातार दहाई अंक में मौत होने के बावजूद लोग इसे लेकर लापरवाह क्यों हैं? आखिर उन्हें अपनी, अपने परिजनों, मित्रों और सहकर्मियों की जिंदगी की चिंता क्यों नहीं है?

कोरोना जल्द जाने वाला नहीं है, हमें कोरोना के साथ जीने की आदत डालनी है, लेकिन इसका अर्थ यह नहीं है कि हम कोरोना से बचाव के सभी उपाय त्याग कर कामकाज में जुटे रहें। हमारी लापरवाही से यदि कोई संक्रमित होता है या किसी की जान जाती है तो इसे कतई स्वीकार नहीं किया जा सकता। दिल्लीवासियों को इस बात को गंभीरता से समझने की जरूरत है कि उनकी लापरवाही के कारण संक्रमण तेजी से फैल रहा है और लोगों की जान भी जा रही है। उन्हें भीड़भाड़ वाले इलाकों में जाने से परहेज करना चाहिए। कोरोना से बचाव के सभी नियमों का पूरी तरह पालन करना चाहिए। उन्हें यह भी समझना चाहिए कि कोरोना को सीमित करना उनके अपने हाथ में है। 

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