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'हम अपने पड़ोसी नहीं बदल सकते, हमने तो नक्शा ही बदल दिया', पाकिस्तान को लेकर रिटायर्ड जनरल जीडी बख्शी

दिल्ली द्वारका के सेक्टर-18 स्थित श्री वेंकटेश्वर इंटरनेशनल स्कूल में एक कार्यक्रम के दौरान सेवानिवृत्त मेजर जनरल जीडी बख्शी ने कहा कि मैं अपने माता-पिता से झगड़ा करके फौज में गया था। इस दौरान उन्होंने पाकिस्तान को लेकर बड़ा बयान दिया। बोले अक्सर कहा जाता है कि हम अपने अपने पड़ोसी को नहीं बदल सकते। अरे साहब हमने तो पूरा नक्शा ही बदल दिया।

By Rishabh bajpai Edited By: Monu Kumar Jha Updated: Tue, 06 Aug 2024 08:22 AM (IST)
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Delhi News: माता-पिता से झगड़ा कर के गया था फौज में: जीडी बख्शी। फोटो जागरण

जागरण संवाददाता, पश्चिमी दिल्ली। कल, आज और कल...मैं वो कल हूं जो बीत गया लेकिन आप आज हो। बच्चे वो कल हैं जो आने वाला है। कल, आज और कल ही जिंदगी का प्रभाव है। मुझे बच्चों से ऊर्जा प्राप्त होती है। मैं अपने माता-पिता से झगड़ा कर के फौज में गया था कि मैंने जाना है।

फौज एक ऐसा करियर जिसमें एक दिन की सीनियॉरिटी से आप आर्मी चीफ बन सकते हैं या रिटायर हो सकते हैं। ये बातें मुख्य अतिथि सेवानिवृत्त मेजर जनरल जीडी बख्शी (Retired General GD Bakshi) ने दैनिक जागरण के तत्वावधान में श्री वेंकटेश्वर इंटरनेशनल स्कूल में आयोजित 'तगड़ा' कार्यक्रम में कही।

दैनिक जागरण के महाप्रबंधक ने बख्शी को भेंट किया पौधा 

द्वारका सेक्टर-18 स्थित श्री वेंकटेश्वर इंटरनेशनल स्कूल में 'तगड़ा' कार्यक्रम का शनिवार को आयोजन किया गया। जिसमें मुख्य अतिथि सेवानिवृत्त मेजर जनरल जीडी बख्शी ने दीप प्रज्वलित किया। इस दौरान स्कूल की निदेशक नीता अरोड़ा ने उन्हें पुष्प और पटका से सम्मानित किया। साथ ही दैनिक जागरण के महाप्रबंधक राहुल वांचो ने जीडी बख्शी को पौधा भेंट किया।

इसके बाद विद्यार्थियों ने नृत्य कर समा बांध दिया। साथ ही देशभक्ति के गीतों की भी प्रस्तुति की गई। फिर स्क्रीन पर भारतीय सैनिकों के पराक्रम को दर्शाया गया। कार्यक्रम में जीडी बख्शी ने कारगिल युद्ध के पराक्रम की कहानी बताते हुए कहा कि 1971 का बैच लड़ाई में सबसे आगे रहा। हमने केवल 13 दिनों में पाकिस्तान के दो टुकड़े कर दिए थे।

सूरज के बाद किसी ने जोश भरा है तो वह सेना ने- राहुल वांचो

उस समय 93,000 पाकिस्तानी कैदियों (India-Pakistan War) ने अपने हथियार डालकर आत्मसमर्पण किया था। लोग कहते हैं कि हम अपने पड़ोसी नहीं बदल सकते। अरे, साहब हमने तो नक्शा ही बदल दिया। अंत में उन्होंने कहा कि मेरी सबसे बड़ी उपलब्धि यही है कि मैं जिंदा हूं। वहीं स्कूल की निदेशक नीता अरोड़ा ने कहा कि इस देश को तगड़ा बनाना है।

जो इंसान मन से तगड़ा है वो कुछ भी कर सकता है। उन्होंने बच्चों से सवाल किया तगड़ा बनने के लिए हम क्या करेंगे। इस पर छोटे बच्चे ने जवाब दिया अच्छा खाना खाएंगे। महाप्रबंधक राहुल वांचो ने कहा कि मैं जम्मू का रहना वाला हूं। मेरी जिंदगी में सूरज के बाद किसी ने जोश भरा है तो वह भारतीय सेना है।

कारगिल युद्ध (kargil war) के दौरान मैं भी बच्चा था तो उस समय कैंप के पास टैंक रुकते थे वो वहां मैंने सैनिकों को पानी पिलाया था। इस दौरान शिक्षक, विद्यार्थी सहित अन्य लोग मौजूद रहे।

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