किसानों से बिना मिले दिल्ली से वापस गईं ममता बनर्जी, राकेश टिकैत यूपी गेट पर करते रहे इंतजार
Kisan Andolan शुक्रवार को पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के कृषि कानूनों के विरोधी में 28 नवंबर से यूपी गेट पर चल रहा धरना स्थल पर आने का कार्यक्रम था। शाम को पता चला कि वह दिल्ली दौरा खत्म कर वह पश्चिम बंगाल लौट गईं।
By Jp YadavEdited By: Updated: Sat, 31 Jul 2021 10:11 AM (IST)
नई दिल्ली/गाजियाबाद, जागरण डिजिटल डेस्क। तीनों केंद्रीय कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग को लेकर दिल्ली-एनसीआर के चारों बॉर्डर (सिंघु, टीकरी, शाहजहांपुर और यूपी) गेट पर किसानों का धरना प्रदर्शन जारी है। वहीं, दिल्ली के जंतर मंतर पर भी कृषि कानूनों के विरोध में किसान संसद का आयोजन किया जा रहा है। इस बीच शुक्रवार को पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के कृषि कानूनों के विरोधी में 28 नवंबर से यूपी गेट पर चल रहा धरना स्थल पर आने का कार्यक्रम था। इस दौरान सुबह से लेकर शाम तक भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत अपने कार्यकर्ताओं के साथ उनका यूपी गेट पर इंतजार करते रहे, लेकिन ममता बनर्जी अपना दिल्ली दौरा खत्म कर वापस पश्चिम बंगाल पहुंच गईं।
राकेश टिकैत ने दी अजब सफाईवहीं, BKU नेता राकेश टिकैत ने ममता बनर्जी के यूपी गेट नहीं आने पर अजब सफाई दी है। उनका कहना है कि ममता बनर्जी के यहां आने की सूचना उन्हें मीडियाकर्मियों से मिली थी। उन्होंने उन्हें यहां आने का न्योता नहीं दिया था। न ही उनकी कोई बात हुई थी। वैसे राकेश टिकैत की यह सफाई किसी को पच नहीं रही है। कहा जा रहा है कि ममता बनर्जी यूपी गेट पर किसानों से मिलने की इच्छुक नहीं थी और न ही उन्होंने ऐसा कोई कार्यक्रम पहले से बनाया था।
शुक्रवार को दिनभर ममता बनर्जी के आने की सूचना से सतर्क रही पुलिसइससे पहले बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के आने की अटकलों को लेकर शुक्रवार को दिनभर पुलिस-प्रशासन सतर्क रहा। हालांकि वह यहां नहीं आई। यूपी गेट पर भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत की अगुवाई में धरना चल रहा है। विधान सभा चुनाव के दौरान उन्होंने बंगाल में जाकर भारतीय जनता पार्टी के खिलाफ प्रचार किया था। बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी दिल्ली आई थीं। अटकलें लगाई जा रही थीं कि वह यहां आकर राकेश टिकैत से मुलाकात करेंगी। इसको लेकर बृहस्पतिवार से ही यहां सुरक्षा-व्यवस्था बढ़ा दी गई थी। शुक्रवार सुबह से ही यहां बम निरोधक दस्ता, खुफिया विभाग सतर्क रहा। शुक्रवार सुबह नौ बजे ही पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों ने यहां डेरा जमा लिया। मीडियाकर्मियों का जमावड़ा लगा रहा मगर ममता बनर्जी यहां नहीं आई।
ममता के न आने से निराश हुए किसान प्रदर्शनकारी कहा जा रहा है कि ममता बनर्जी के आने की खबर से किसान प्रदर्शन उत्साहित थे, लेकिन शाम को न आने की जानकारी मिली तो वे निराश हो गए।जून महीने में राकेश टिकैत ने की थी ममता से मुलाकातगौरतलब है कि जून महीने के दूसरे सप्ताह के दौरान भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने कोलकाता में सचिवालय में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से मुलाकात की थी। इस दौरान राकेश टिकैत ने तीनों केंद्रीय कृषि कानूनों और किसानों के एतराज का मुद्दा उठाया था। इससे भी पहले राकेश टिकैत ने पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव के दौरान राज्य में सभाएं की थी। इसके साथ टीएमसी की जीत पर ममता को बधाई भी दी थी।
वहीं, मुलाकात के बाद राकेश टिकैत ने कहा था कि मुख्यमंत्री ने हमें आश्वासन दिया कि वह किसान आंदोलन का समर्थन करना जारी रखेंगी। इस आश्वासन के लिए हम उनका धन्यवाद करते हैं। पश्चिम बंगाल को आदर्श राज्य के रूप में काम करना चाहिए और किसानों को अधिक लाभ दिया जाना चाहिए।गौरतलब है कि राकेश टिकैत तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ गाजीपुर बॉर्डर पर किसान आंदोलन की अगुवाई कर रहे हैं। इसके साथ ही कई राज्यों का लगातार दौरा कर रहे हैं। उन्होंने हाल ही में दावा किया है कि भाजपा का जो हाल पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में हुआ वहीं हाल आगामी उत्तर प्रदेश चुनाव में भी होगा। बता दें कि अगले से साल उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव होना है।
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उधर, तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसानों का मानना है कि इन कानूनों से खेतीबाड़ी का बाजारीकरण हो जाएगा और छोटे किसानों को बड़ी खुदरा कंपनियों के शोषण से पर्याप्त सुरक्षा भी नहीं मिलेगी
एक सप्ताह से जारी है जंतर मंतर पर कृषि कानून विरोधी प्रदर्शनजंतर-मंतर पर कृषि कानून विरोधी चल रहे आंदोलकारियों का प्रदर्शन सातवें दिन भी हुआ। 200 प्रदर्शनकारी सुबह करीब 11 बजे जंतर-मंतर पहुंचे और शाम पांच बजे फिर से बसों के माध्यम से सिंघु बॉर्डर के रवाना हो गए। प्रदर्शनकारियों द्वारा संसद की तरह कार्रवाई चलाते हुए विद्युत संशोधन कानून 2020 पर चर्चा की। साथ ही इसे वापस लेने की मांग को दोहराया। चर्चा में कृपा सिंह, बलबीर सिंह, हरजीत सिंह, बलराज सिंह, बिचित्रा सिंह कोटला व ऋषिराज पटेल चेयरमैन व डिप्टी चेयरमैन बनाए गए थे।
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प्रदर्शनकारियों ने इस दौरान कृषि कानूनों के साथ लोकसभा में पेश किए गए राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र एवं संलग्न क्षेत्रों में वायु गुणवत्ता प्रबंधन के लिये आयोग विधेयक का भी विरोध किया। उनका कहना था कि इसके जरिए किसानों से जुर्माना वसूलने की तैयारी है। प्रदर्शनकारियों ने शनिवार को शहीद उद्यम सिंह के शहादत दिवस को साम्राज्यवाद विरोधी दिवस के रूप में मनाने की घोषणा की है। प्रदर्शनकारियों ने यह भी कहा कि उत्तर प्रदेश में टोल प्लाजाओं को मुक्त कराने का फैसला लिया गया है। इसके तहत जिला प्रशासन को सूचना देकर यमुना एक्सप्रेस वे के मथुरा मट पर अनिश्चितकालीन धरना शुरू किया गया है।
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