लोकसभा चुनाव के बाद दिल्ली में क्या होंगे ये अहम चुनाव! 4 जून के नतीजों से तय होगी राह
अगर भाजपा सातों सीट जीत भी लेती है और महापौर चुनाव जून के दूसरे सप्ताह में होता तो यह सांसद वोट नहीं कर पाएंगे। जानकारों के अनुसार केंद्र में नई सरकार का गठन जून के दूसरे और तीसरे सप्ताह के बीच में होगा। ऐसे में जब तक निर्वाचित सांसद अपने पद व गोपनीयता की शपथ नहीं ले लेते हैं तब तक वह वोट नहीं डाल पाएंगे।
निहाल सिंह, नई दिल्ली। दिल्ली में अभी आम चुनाव में मतदान का समापन हो गया है। अब सभी को मतगणना का इंतजार है। इस बीच अब निगम में क्या उठापटक होगी या फिर महापौर चुनाव की क्या स्थिति रहेगी यह तो आम चुनाव के नतीजों से पता चलेगी। क्योंकि चार जून को आने वाले नतीजों से भाजपा के सात लोकसभा सदस्यों का कार्यकाल खत्म हो जाएगा।
अगर, भाजपा सातों सीट जीत भी लेती है और महापौर चुनाव जून के दूसरे सप्ताह में होता तो यह सांसद वोट नहीं कर पाएंगे। जानकारों के अनुसार केंद्र में नई सरकार का गठन जून के दूसरे और तीसरे सप्ताह के बीच में होगा। ऐसे में जब तक निर्वाचित सांसद अपने पद व गोपनीयता की शपथ नहीं ले लेते हैं तब तक वह एमसीडी के महापौर चुनाव में वोट नहीं डाल पाएंगे।
केजरीवाल के जेल जाने से नहीं हो सका चुनाव
दिल्ली में वैसे तो नगर निगम के महापौर का चुनाव 26 अप्रैल को होना था, लेकिन आबकारी घोटाले में सीएम अरविंद केजरीवाल के जेल जाने की वजह से चुनाव के लिए पीठासीन अधिकारी की नियुक्ति नहीं हो सकी। उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने यह कहते हैं पीठासीन अधिकारी की नियुक्ति करने से इनकार कर दिया क्योंकि उस पर सीएम का सुझाव नहीं था। सीएम जेल से बाहर आए तो आप में इसको लेकर गतिविधियों तो तेज हुई थी, लेकिन फिर आम चुनाव की गतिविधियां बढ़ी तो यह ठंडी पड़ गई।अब जून में चुनाव होगा या नहीं यह तो कहा नहीं जा सकता। क्योंकि सीएम के बिना सुझाव के एलजी पहले ही पीठासीन अधिकारी की नियुक्ति मना कर चुके हैं। विशेषज्ञ पहले ही कह चुके हैं अब या तो कोर्ट से सीएम को इसकी फाइल चलाने की मंजूरी मिले या फिर सीएम इस्तीफा दें तब ही यह हो सकता है। विशेषज्ञ यह भी कहते हैं कि राष्ट्रपति शासन के दौरान सीएम की सभी शक्तियां एलजी के पास आ जाती है तो तब फिर यह हो सकता है।
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।शपथ ग्रहण से पहले हुआ चुनाव तो भाजपा की बढ़ेगी मुसीबत
एमसीडी के महापौर व उप महापौर के चुनाव में अभी तक नगर निगम के पार्षदों के साथ ही दिल्ली के तीन राज्यसभा और सात लोकसभा सांसदों के साथ ही 14 निगम में मनोनीत विधायकों को वोट करने का अधिकार है। भाजपा के पास अभी संख्या 105 पार्षदों के साथ ही सात लोकसभा सांसदों व एक विधायक को मिलाकर संख्या 113 हो जाती है लेकिन, सातों सीटों पर पुन: जीत का दावा करने वाली भाजपा की मुसीबत तब बढ़ सकती है जब चुनाव नतीजों और सांसदों की लोकसभा में होने वाले शपथ ग्रहण के बीच महापौर चुनाव होता है। ऐसी स्थिति मेें यह सांसद वोट नहीं कर पाएंगे।कौन-कौन करता है निगम के महापौर व उप महापौर चुनाव में वोट
- 250 पार्षद
- 7 लोकसभा सदस्य
- 3 राज्यसभा सदस्य
- 14 विधायक
भाजपा के पास सदस्य
- 105 पार्षद
- 7 लोकसभा सदस्य
- 1 विधायक
आप के पास सदस्य
- 134 पार्षद
- 3 राज्यसभा सदस्य
- 13 विधायक