सिसोदिया, संजय से लेकर केजरीवाल तक... कैसे शराब घोटाले में फंसे AAP के दिग्गज नेता
जांच एजेंसियों का आरोप है कि आबकारी नीति को संशोधित करते समय अनियमितता की गई थी और लाइसेंस धारकों को अनुचित लाभ दिया गया था। इसमें लाइसेंस शुल्क माफ या कम किया गया था। इस नीति से सरकारी खजाने को भारी नुकसान हुआ। इस मामले में अब तक अरविंद केजरीवाल मनीष सिसोदिया संजय सिंह और के कविता गिरफ्तार हो चुके हैं। जानिए क्या है घोटाला...
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। दिल्ली आबकारी नीति घोटाला आम आदमी पार्टी (आप) के लिए गले की फांस बन गया है। आप के दो वरिष्ठ नेता महीनों से जेल में हैं और मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल भी गुरुवार रात को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की हिरासत में पहुंच गए हैं। जहां ईडी मामले में मनी लॉन्ड्रिंग के एंगल से मामले की जांच कर रही है। वहीं सीबीआई भी मामले से जुड़ी हुई है। आइए जानते हैं इस पूरे मामले पर विस्तार से...
क्या है दिल्ली आबकारी नीति घोटाला?
दिल्ली सरकार ने शराब की बिक्री में गड़बड़ी रोकने और राजस्व बढ़ाने के लिए नवंबर 2021 में अपनी नई उत्पाद शुल्क नीति में सुधार करती है। पहले दिल्ली में शराब की खुदरा बिक्री सरकारी और निजी ठेके के बीच समान तरीके से होती थी। इससे उत्पाद शुल्क विभाग को हर साल लगभग 4,500 करोड़ रुपये मिलता था। दिल्ली आबकारी नीति 2021-22 में सरकार ने खुदरा कारोबार को पूरी तरह से निजीकरण कर दिया। इस तरह उत्पाद शुल्क की चोरी और अवैध शराब की बिक्री पर अंकुश लग गया। इससे 10,000 करोड़ रुपये के राजस्व की कमाई का लक्ष्य रखा गया। राजधानी के सभी 272 नगरपालिका वार्डों में से प्रत्येक में कम से कम दो शराब की दुकानें खोली जानी थी।
दिल्ली के मुख्य सचिव नरेश कुमार ने जुलाई 2022 में नई आबकारी नीति को लेकर जांच की। उन्होंने बताया कि नीति में जानबूझकर और गंभीर खामियां बरती गई और लाइसेंसधारियों को अनुचित लाभ दिया गया। इसके बाद उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने सीबीआई जांच की सिफारिश कर दी। मुख्य सचिव की जांच के कुछ मुद्दे सीबीआई एफआईआर का हिस्सा बन गए।मामले में डिप्टी सीएम और आबकारी मंत्री मनीष सिसोदिया, तीन ब्यूरोक्रेट और 11 अन्य आरोपी बनाए गए। रिपोर्ट में शीर्ष राजनीतिक स्तर पर वित्तीय मदद के बदले ठेके संचालकों को लाभ देने का आरोप लगाया गया। इसमें कहा गया कि सिसोदिया ने कानूनी प्रावधानों का उल्लंघन करते हुए बड़े फैसले लिए और उत्पाद शुल्क नीति को अधिसूचित किया। इसके बदले उन्होंने बड़ा लाभ कमाया।
इन आरोपों पर दिल्ली सरकार का कहना है कि नई आबकारी नीति फरवरी 2021 में दिल्ली कैबिनेट द्वारा गठित मंत्रियों के समूह (जीओएम) की एक रिपोर्ट के आधार पर तैयार की गई थी। नीति और इसके नियमों और शर्तों को कैबिनेट द्वारा मंजूरी दी गई थी। हालांकि अधिकांश निर्णय डिप्टी सीएम सिसोदिया द्वारा लिए गए थे।हालांकि बाद में इसे जीओएम ने भी अनुमोदित कर दिया। इन्हें वित्त और कानून विभागों द्वारा अनुमति दिए जाने के बाद इसे कैबिनेट नोट में मंजूरी के लिए भेजा गया। मंत्रिपरिषद ने भी उत्पाद विभाग के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी। नवंबर 2021 में नीति को एलजी द्वारा अनुमोदित कर दिया गया। इसके बाद इसे लागू कर दिया गया।
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।नीति को लेकर AAP पर क्या हैं आरोप?
AAP पर शराब के लाइसेंसधारियों से धन प्राप्त करने और इसे पंजाब और गोवा में 2022 की शुरुआत में होने वाले विधानसभा चुनाव अभियानों में खर्च करने का आरोप लगाया है। AAP संचार प्रभारी विजय नायर और हैदराबाद स्थित व्यवसायी अभिषेक बोइनपल्ली को नवंबर 2022 में गिरफ्तार किया गया।उस समय मनीष सिसोदिया के पास वित्त और उत्पाद शुल्क का विभाग था। ऐसे में उनपर गाज गिरना लाजमी था। उन्हें फरवरी 2023 में गिरफ्तार कर लिया गया। इसी मामले में बाद में राज्यसभा सांसद संजय सिंह को भी गिरफ्तार कर लिया गया। ईडी ने आरोप लगाया कि निजी थोक विक्रेताओं को 6% किकबैक के बदले में 12% मार्जिन की अनुमति दी गई। यह पूरा घोटाला 292 करोड़ रुपये से अधिक का है। इसमें यह भी आरोप लगाया गया है कि AAP नेताओं को 'साउथ ग्रुप' से 100 करोड़ रुपये की रिश्वत मिली थी। हाल ही में, बीआरएस नेता और तेलंगाना के पूर्व सीएम के चंद्रशेखर राव की बेटी के. कविता को इस 'साउथ ग्रुप' का हिस्सा होने के आरोप में गिरफ्तार किया गया।आखिर सीएम केजरीवाल पर क्यों लटकी तलवार?
ईडी ने सबसे पहले केजरीवाल को 2 नवंबर को मामले में पूछताछ के लिए समन भेजा था। ईडी ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि वह शराब घोटाले में रिश्वत के लाभार्थी के रूप में मामले की जांच कर रही है और सीएम को आरोपी बनाने पर विचार कर रही है। ईडी ने केजरीवाल के निजी सहायक विभव कुमार और डीडीसी के उपाध्यक्ष जैस्मीन शाह से पूछताछ करने क बाद सीएम से पूछताछ का आधार तैयार किया। अगले पांच महीनों में ईडी ने केजरीवाल को कुल नौ समन भेजे, लेकिन वह इससे दूरी ही बनाए रखी। मामले में के. कविता को गिरफ्तार करने के बाद ईडी ने आरोप लगाया कि केजरीवाल इस मामले में किंगपिन थे और के. कविता आप के नेताओं को 100 करोड़ रुपये देने में शामिल रही थीं। ईडी ने यह भी आरोप लगाया था कि केजरीवाल ने खुद मुख्य आरोपियों में से एक समीर महेंद्रू से वीडियो कॉल पर बात की और विजय नायर को अपना आदमी बताया था।मामले पर सीएम केजरीवाल का क्या है बयान?
सीएम अरविंद केजरीवाल ने मामले पर कहा कि भाजपा के इशारे पर उन्हें समन भेजे जा रहे थे। उन्होंने तर्क दिया कि ईडी ने यह नहीं बताया कि उन्हें किस हैसियत से पूछताछ के लिए बुलाया जा रहा है- एक व्यक्ति, एक मुख्यमंत्री या आप के राष्ट्रीय संयोजक के रूप में। केजरीवाल का कहना था कि बीते दो साल से चल रही जांच में किसी भी जांच एजेंसी को कुछ नहीं मिला है। ऐसे में उन्हें सिर्फ राजनीतिक तौर पर निशाना बनाया जा रहा है। उनका कहना था कि दिल्ली एलजी के नियंत्रण में काम करने वाले अधिकारियों के बयानों के आधार पर मामले में उनका नाम जोड़ा गया। उन्होंने तर्क दिया कि शराब नीति में अगर कोई गड़बड़ी है तो ईडी के पास इसका कोई सबूत नहीं है। उन्होंने आगे कहा कि एक साल से अधिक समय तक मामले की जांच करने और 200 से अधिक छापे मारने के बावजूद ईडी के पास कोई आपत्तिजनक सामग्री बरामद नहीं हुई। उन्होंने आरोप लगाया कि ईडी अपनी शक्तियों का दुरुपयोग कर रहा है और वह सिर्फ सत्ताधारी पार्टी के इशारों पर काम कर रहा है।शराब घोटाले और सिसोदिया की गिरफ्तारी की टाइमलाइन
- भ्रष्टाचार मामले में 26 फरवरी को आठ घंटे की लंबी पूछताछ के बाद सीबीआई ने सिसोदिया को किया था गिरफ्तार।
- मनी लांड्रिंग मामले में ईडी ने नौ मार्च को किया था सिसोदिया को गिरफ्तार।
- मनीष सिसोदिया बीते एक साल से तिहाड़ जेल में बंद हैं।
- भ्रष्टाचार के मामले में सीबीआई ने अब तक मनीष सिसोदिया विजय नायर, बुच्ची बाबू, अभिषेक बोइनपल्ली, अमनदीप ढल को गिरफ्तार किया है, जबकि ईडी ने मनी लांड्रिंग मामले में 14 लोगों को गिरफ्तार किया है, इनमें मनीष समेत अन्य पांच भी शामिल हैं।
- मनी लांड्रिंग मामले में ईडी द्वारा दाखिल आरोप पत्र व दो पूरक आरोप पत्र में आरोपितों की संख्या 25 हो चुकी है।
- सिसोदिया को दिल्ली हाईकोर्ट से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक जमानत पर राहत नहीं मिली है। हालांकि उनकी पत्नी की स्वास्थ्य कारणों से उन्हें थोड़ी मोहलत दी जा रही है।
- सीबीआई ने मनीष सिसोदिया, विजय नायर, अभिषेक बोइनपल्ली और बुच्ची बाबू को गिरफ्तार किया था। हालांकि, सीबीआई ने समीर महेंद्रु, गौतम मुथा, अरुण पिल्लई, कुलदीप सिंह, नरेंद्र सिंह को गिरफ्तार नहीं किया। मनीष सिसोदिया को छोड़कर सीबीआई मामले में सभी को जमानत मिल चुकी है।