Digital Arrest: क्या है डिजिटल अरेस्ट, इसका शिकार होने पर बरतें ये सावधानियां; हाल में सामने आईं ये घटनाएं
दिल्ली-एनसीआर समेत देश के कई हिस्सों से हाल में ऐसी खबरें आईं कि लोग डिजिटल अरेस्ट का शिकार हो गए और लुट गए। ऐसे में कई लोगों के दिमाग में यह सवाल आता है कि गिरफ्तारी तो सुनी थी जो पुलिस करती थी लेकिन ये डिजिटल अरेस्ट क्या है जिसमें लोग अपने पैसे गंवा बैठते हैं। इस स्टोरी में पढ़ें डिजिटल अरेस्ट क्या है और उससे बचने के क्या उपाय....
By Jagran NewsEdited By: Pooja TripathiUpdated: Fri, 01 Dec 2023 06:50 PM (IST)
जागरण संवाददाता, नोएडा। दिल्ली-एनसीआर समेत देश के कई हिस्सों से हाल में ऐसी खबरें आईं कि लोग डिजिटल अरेस्ट का शिकार हो गए और लुट गए। ऐसे में कई लोगों के दिमाग में यह सवाल आता है कि गिरफ्तारी तो सुनी थी जो पुलिस करती थी लेकिन ये डिजिटल अरेस्ट क्या है जिसमें लोग अपने पैसे गंवा बैठते हैं।
क्या है डिजिटल अरेस्ट
डिजिटल अरेस्ट में साइबर ठग द्वारा पीड़ित को फोन कर बताया जाता है कि उनका नाम कोई शिकायत दर्ज हुई है। झूठे मामले को लेकर पीड़ित को पहले काफी डराया जाता है, जिससे वह घबरा जाता है। इसके बाद उन्हें घर से बाहर निकलने से मना कर दिया जाता है।
दूसरा फोन कॉल कर के पीड़ितों को मदद देने का आश्वासन दिया जाता है। मदद मानकर पीड़ित ठगों की कही हुई हर बात को फालो करता है। ठग पीड़ितों को एक एप डाउनलोड करने को कहते हैं। लगातार उस एप के जरिये पीड़ित से जुड़े रहते हैं।
कुछ देर बाद वह केस को रफा-दफा करने के लिए पीड़ित से कुछ पैसे मांगते हैं। पीड़ित को इतना डरा दिया जाता है कि वह अपने स्वजन और करीबियों से भी इस तरह की बातें बताने में घबराने लगता है।
डिजिटल अरेस्ट का शिकार होने पर क्या करें
अगर कोई आपको पुलिस या सीबीआइ अधिकारी बनकर डिजिटल तौर पर गिरफ्तार करने की धमकी देता है, तो सबसे पहले आपको अपने परिवार के सदस्यों या दोस्तों को सूचित करना चाहिए। तुरंत नजदीकी पुलिस स्टेशन में जाकर इसकी शिकायत करानी चाहिए, इस बात से नहीं डरना चाहिए कि पुलिस आपके खिलाफ कोई एक्शन लेगी।घर बैठे कमाने का लालच देकर देकर युवती से छह लाख ठगे
सेक्टर-20 कोतवाली को दी शिकायत में निशी खण्डेलवाल बताया कि उनके पास कुछ समय पहले वाट्सएप पर एक मैसेज आया, जिसमें घर बैठे डिजिटल मार्केटिंग और ऑनलाइन क्रिप्टोकरेंसी में ट्रेडिंग करके लाखों रुपये कमाने की बात की थी।
पीड़ित ने जब उस नंबर पर बात की तो उनको टेलीग्राम के एक ग्रुप में जोड़ दिया गया। ग्रुप में 100 लोग पहले से जुड़े थे।आरोपितों ने उनको कुछ यूट्यूब और ई-कामर्स वेबसाइट के ऑनलाइन पेज को अच्छा रेटिंग और रिव्यू करने का टास्क दिया, जिसको उन्होंने पूरा कर दिया। फिर पीड़ित को कुछ फायदा हुआ।
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।