क्या है दिल्ली शराब घोटाला? जिसमें मनीष सिसोदिया और संजय सिंह सहित 14 लोग पहुंचे जेल; हुई 144.36 करोड़ की हानि
दिल्ली सरकार ने 17 नवंबर 2021 को नई आबकारी नीति लागू करके सरकार के राजस्व में इजाफा होने का दावा किया था। हालांकि जुलाई 2022 में दिल्ली के तत्कालीन मुख्य सचिव ने आबकारी नीति में अनियमितता होने के संबंध में एक रिपोर्ट उपराज्यपाल वीके सक्सेना को सौंपी। इसमें नीति में गड़बड़ी होने के साथ ही तत्कालीन उपमुख्यमंत्री सिसोदिया पर शराब कारोबारियों को अनुचित लाभ पहुंचाने का आरोप लगाया गया था।
By Jagran NewsEdited By: Pooja TripathiUpdated: Thu, 05 Oct 2023 12:10 PM (IST)
राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली। दिल्ली सरकार ने 17 नवंबर 2021 को नई आबकारी नीति लागू करके सरकार के राजस्व में इजाफा होने का दावा किया था।
हालांकि, जुलाई 2022 में दिल्ली के तत्कालीन मुख्य सचिव ने आबकारी नीति में अनियमितता होने के संबंध में एक रिपोर्ट उपराज्यपाल वीके सक्सेना को सौंपी थी। इसमें नीति में गड़बड़ी होने के साथ ही तत्कालीन उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया पर शराब कारोबारियों को अनुचित लाभ पहुंचाने का आरोप लगाया गया था।
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रिपोर्ट के आधार पर एलजी ने की थी जांच की सिफारिश
इस रिपोर्ट के आधार पर उपराज्यपाल ने नई आबकारी नीति (2021-22) के क्रियान्वयन में नियमों के उल्लंघन और प्रक्रियात्मक खामियों का हवाला देकर 22 जुलाई 2022 को सीबीआइ जांच की सिफारिश की थी। इस पर सीबीआई ने प्राथमिकी की थी और सीबीआइ की प्राथमिकी के आधार पर ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज किया था।
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फायदे का था दावा नीति से हुआ 144.36 करोड़ का नुकसान
सीबीआई और ईडी का आरोप है कि आबकारी नीति को संशोधित करते समय अनियमितता की गई थीं और लाइसेंस धारकों को अनुचित लाभ दिया गया था। इसमें लाइसेंस शुल्क माफ या कम किया गया था। इस नीति से सरकारी खजाने को 144.36 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ।
मामले में जांच की सिफारिश करने के बाद 30 जुलाई 2022 को दिल्ली सरकार ने नई आबकारी नीति को वापस लेते हुए पुरानी व्यवस्था बहाल कर दी थी। घोटाले से जुड़े सीबीआइ और ईडी के मामले में मनीष सिसोदिया को निचली अदालत से लेकर हाई कोर्ट तक राहत नहीं मिली।यह भी पढ़ें: Delhi Liquor: पहली छमाही में ही सरकारी खजाने में जमा हुए 3588 करोड़, जानिए दिल्ली में शराब बिक्री का गणित
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।मामले में कब क्या हुआ
- भ्रष्टाचार मामले में 26 फरवरी, 2023 को आठ घंटे की लंबी पूछताछ के बाद सीबीआइ ने सिसोदिया को किया था गिरफ्तार
- मनी लांड्रिंग मामले में ईडी ने नौ मार्च-2023 को किया था सिसोदिया को गिरफ्तार
- सीबीआइ ने मनीष सिसोदिया, विजय नायर, अभिषेक बोइनपल्ली और बुचिबाबू को गिरफ्तार किया था। हालांकि, सीबीआइ ने समीर महेंद्रू, गौतम मुथा, अरुण पिल्लई, कुलदीप सिंह, नरेंद्र सिंह को गिरफ्तार नहीं किया। मनीष सिसोदिया को छोड़कर सीबीआइ मामले में सभी को जमानत मिल चुकी है।
सीबीआई के आरोपपत्र में बनाए गए आरोपित
- मनीष सिसोदिया,
- विजय नायर,
- अभिषेक बोइनपल्ली,
- समीर महेंद्रू,
- गौतम मुथा,
- अरुण आर पिल्लई,
- कुलदीप सिंह,
- नरेंद्र सिंह,
- अमनदीप सिंह ढल,
- बुच्ची बाबू,
- अर्जुन पांडे
ईडी के आरोपित
सीबीआई की प्राथमिकी में इनके हैं नाम
- मनीष सिसोदिया, पूर्व उप-मुख्यमंत्री, दिल्ली सरकार
- आरव गोपी कृष्ण, तत्कालीन आयुक्त, आबकारी विभाग, दिल्ली
- आनंद तिवारी, तत्कालीन उपायुक्त, आबकारी विभाग, दिल्ली
- पंकज भटनागर, सहायक आयुक्त (आबकारी), दिल्ली
- विजय नायर, पूर्व सीईओ, मेसर्स ओनली मच लाउडर, मुंबई
- मनोज राय, मैसर्स पर्नाड रिकार्ड के पूर्व कर्मचारी, लखनऊ
- अमनदीप ढल, निदेशक, मैसर्स ब्रिंडको सेल्स प्रा., लि. दिल्ली
- समीर महेंद्रू, प्रबंध निदेशक, इंडोस्पिरिट ग्रुप, दिल्ली
- अमित अरोड़ा, निदेशक, मैसर्स बडी रिटेल प्राइवेट लिमिटेड, दिल्ली
- मेसर्स बडी रिटेल प्राइवेट लिमिटेड, दिल्ली
- दिनेश अरोड़ा, दिल्ली
- मेसर्स महादेव लिकर्स, दिल्ली
- सनी मारवाह, अधिकृत प्रतिनिधि, मेसर्स महादेव लिकर्स, दिल्ली
- अरुण रामचंद्र पिल्लई, बेंगलुरु
- अर्जुन पांडेय, गुरुग्राम
- अन्य अज्ञात