Jewar International Airport: जानिये- इसकी लागत, खासियत के साथ और भी कई अहम जानकारियां
Jewar International Airport नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के नाम से बनने वाले इस एयरपोर्ट का निर्माण और संचालन यमुना इंटरनेशनल एयरपोर्ट प्राइवेट लिमिटेड एयरपोर्ट करेगा। आइये हम यहां पर बताते हैं कि इस एयर पोर्ट की खूबियां जो विश्वस्तरीय होंगीं।
By Jp YadavEdited By: Updated: Sun, 18 Jul 2021 05:56 AM (IST)
नई दिल्ली/नोएडा, ऑनलाइन डेस्क। दिल्ली से सटे उत्तर प्रदेश के जेवर इलाके में बनने जा रहे देश के सबसे बड़े नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट ((Noida International Greenfield Airport) ) को लेकर अहम खबर शनिवार को आई। दरअसल, निर्माण की कड़ी में अगस्त महीने में इंटरनेशनल एयरपोर्ट का शिलान्यास किया जाएगगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस एयरपोर्ट का शिलान्यास करेंगे। इस बीच माना जा रहा है कि 15 अगस्त से 30 अगस्त के बीच जेवर इंटरनेशनल एयरपोर्ट का शिलान्यास प्रस्तावित हो सकता है। नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के नाम से बनने वाले इस एयरपोर्ट का निर्माण और संचालन यमुना इंटरनेशनल एयरपोर्ट प्राइवेट लिमिटेड एयरपोर्ट करेगा। आइये हम यहां पर बताते हैं कि इस एयर पोर्ट की खूबियां, जो विश्वस्तरीय होंगीं।
1. हाई स्पीड रेल लाइन से भी जुड़ेगा एयरपोर्ट इस एयरपोर्ट को हाई स्पीड रेल लाइन से भी जोड़ा जाएगा। इसका खाका तैयार है और जल्द ही इस पर काम शुरू हो जाएगा। दरअसल, हाई स्पीड ट्रेन दिल्ली से होते हुए नोएडा, जेवर, मथुरा, आगरा, इटावा, कन्नौज, लखनऊ, प्रयागराज और वाराणसी तक पहुंचेगी। हाई स्पीड रेल की कुल लंबाई 816 किलोमीटर है जो औसतन करीब 300 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चलेगी। दिल्ली से चलने वाली हाई स्पीड ट्रेन का ठहराव नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के पास करने के लिए स्टेशन बनेगा।
2. फिल्म सिटी से एयरपोर्ट तक चलेगी पॉड टैक्सी नोएडा स्थित फिल्म सिटी से जेवर एयरपोर्ट के बीच पॉड टैक्सी चलाए जाने का भी प्रस्तवा है। यह देश की पहली पॉड टैक्सी होगी। अधिकारियों के मुताबिक, एयर पोर्ट तक पहुंच बढ़ाने के लिए पॉड टैक्सी चलेगी, यह 4 से 6 सीटर ऑटोमेटिक गाड़ी है, जिसे बिना ड्राइवर और कंडक्टर के चलाया जाता है। बताया जा रहा है कि पॉड टैक्सी को मेट्रो के मुकाबले ज्यादा किफायती है, ऐसे में इस पर मुहर लग सकती है। फिल्म सिटी से नोएडा इंटरनेशल एयरपोर्ट तक चलने वाली पॉड टैक्सी का यह कॉरिडोर सेक्टरों को भी जोड़ेगा। इस कॉरिडोर की लंबाई 14.6 किलोमीटर है। बताया जा रहा है कि इस प्रोजेक्ट पर 862 करोड़ रुपये खर्च होंगे, जो मेट्रो ट्रेन के मुकाबले कम खर्चीला है।
3. अगले साल के अंत में शुरू हो सकती है उड़ानवर्ष 2022-23 से नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट से हवाई सफर की शुरुआत का लक्ष्य रखा गया है और इसके जरिये 50 लाख यात्री हवाई सफर का आनंद ले सकेंगे। पांच हेक्टेयर क्षेत्रफल व आठ रनवे के साथ जेवर एयरपोर्ट देश का सबसे बड़ा एयरपोर्ट होगा। हालांकि पहले फेज में दो रनवे का ही निर्माण होगा। 2022-23 से एयरपोर्ट से हवाई सेवाओं की शुरुआत का लक्ष्य है।
4. देश का सबसे बड़ा एयरपोर्ट होगा संबंधित अधिकारी पहले ही कह चुके हैं कि नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर कुल 8 रनवे होंगे। यह देश का सबसे बड़ा एयरपोर्ट होगा। इसके साथ ही एयरपोर्ट की शुरुआत दो रनवे से होगी। इसके बाद जरूरत के हिसाब से यात्रियों की संख्या में इजाफा होने के बाद जेवर एयरपोर्ट पर रनवे की संख्या बढ़ाई जाएगी। बताया जा रहा है कि शुरुआत में 1 करोड़ 20 लाख सालाना यात्री जेवर एयरपोर्ट से हवाई सेवाओं का उपयोग करेंगे।
5. बदलेगी इलाके की तस्वीर, अप्रत्यक्ष रूप से लाखों लोगों को मिलेगी रोजगार नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट की शुरुआत होने के साथ ही गौतमबुद्ध नगर व आसपास के इलाकों की तस्वीर बदलने जा रही है। इस एयरपोर्ट से प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से लाखों लोगों को रोजगार मिलने का अनुमान जताया गया है।
6. एयरोसिटी बनाने की योजना यह एयरपोर्ट न केवल हवाई सफर प्रदान करेगा, बल्कि इसके आसपास विकास की रफ्तार भी तेज होगी। इस एयरपोर्ट के नजदीक एयरोसिटी विकसित करने की योजना है। इसमें मल्टीप्लेक्स, मॉल, पब, कंवेंशन सेंटर और मंडी सुविधाएं मुहैया होंगी। जाहिर तौर पर इससे किसानों की फसल भी विश्व मार्केट तक पहुंचेगी। इससे सिर्फ पश्चिमी उत्तर प्रदेश के जिले के लोगों को ही नहीं, बल्कि हरियाणा के फरीदाबाद और गुरुग्रा समेत कई जिलों के लोगों को फायदा पहुंचेगा।
7. बेहतर होगी कनेक्टिविटीदिल्ली स्थित इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा से नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट की कनेक्टिविटी सुनिश्चित की जाएगी। इसके तहत एलिवेटिड रोड से दोनों एयरपोर्ट को जोड़ने की योजना है। एयरपोर्ट की बिड तैयार करने वाली एजेंसी प्राइस वाटर हाउस कूपर (पीडब्ल्यूसी) की मानें तो पश्चिम उत्तर प्रदेश, दिल्ली एनसीआर समेत उत्तराखंड, हरियाणा, राजस्थान से एयरपोर्ट को यात्री मिलेंगे।
8. दिल्ली-एनसीआर का तीसरा एयरपोर्ट होगा दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे और गाजियाबाद के हिंडन हवाई अड्डे के बाद यह दिल्ली एनसीआर में तीसरा हवाई अड्डा होगा। इससे जुड़े अधिकारियों के अनुसार, हवाई अड्डे के पहले चरण में 4,588 करोड़ रुपये खर्च होंगे और इसके 2023 तक पूरा होने की उम्मीद है।9. दिल्ली-एनसीआर के दर्जनभर शहरों को होगा लाभ
दिल्ली से सटे इस हवाई अड्डे के कुछ स्पष्ट लाभ हैं क्योंकि यह आगरा से सिर्फ 130 किमी और दिल्ली से लगभग 72 किमी, ग्रेटर नोएडा से 28 किमी और नोएडा से लगभग 40 किमी दूर होगा।तकरीबन 30,000 करोड़ रुपये होंगे खर्च नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर कुल खर्च 29,560 करोड़ रुपये आंका गया है। निर्माण कार्य पूरा होने के बाद यह देश का सबसे बड़ा एयरपोर्ट होगा। नोएडा इंटरनेशनल ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट जब पूरी तरह विकसित हो जाएगा तो यह 5,000 हेक्टेयर क्षेत्र में फैला होगा। इसकी अनुमानित लागत 29,560 करोड़ रुपए आंकी गई है।
एक नजर में नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट
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- एयरपोर्ट के लिए जमीन अधिग्रहण 1334 हेक्टेयर
- किसानों को वितरित होने वाला मुआवजा 2850 करोड़
- एयरपोर्ट से विस्थापित परिवारों की संख्या 3627
- एयरपोर्ट का तैयार हुआ था प्रस्ताव 2007 में
- 2017 में मिली सैद्धांतिक सहमति
- 2022-23 से शुरु होंगी उड़ान