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दिल्ली के चिड़ियाघर में सफेद मोरनी की मौत, 5 महीने के अंदर चौथे वन्यजीव की गई जान

दिल्ली चिड़ियाघर में प्रशासन की लापरवाही से वन्यजीवों की मौत का सिलसिला जारी है। अब एक सफेद मोरनी की मौत हो गई। इससे पहले सितंबर में दो मादा भेड़ियों के बीच हुई लड़ाई में एक की मौत हो गई थी। पांच महीने के अंदर चौथे वन्यजीव की मौत हुई है। जून में दो नर चिंकारा हिरणों की आपस में लड़ाई हो गई थी जिसमें एक की मौत हो गई थी।

By Ritika Mishra Edited By: Abhishek Tiwari Updated: Thu, 17 Oct 2024 08:53 AM (IST)
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राजधानी दिल्ली स्थित राष्ट्रीय प्राणी उद्यान (चिड़ियाघर) फोटो- जागरण

रीतिका मिश्रा, नई दिल्ली। राष्ट्रीय प्राणी उद्यान (चिड़ियाघर) में वन्यजीवों के प्रति बढ़ती लापरवाही का खामियाजा ये है कि पांच महीने के अंदर ही यहां चौथे वन्यजीव की मौत हो गई है। चिड़ियाघर के सूत्रों ने बताया कि मंगलवार को यहां बीमारी के चलते सफेद मोरनी की मौत हो गई है।

मोरनी को तीव्र आंत्रशोथ (एक्यूट इंटेराइटिस) था। आंत्रशोथ का तात्पर्य आंत की सूजन से है। कई जीवाणु, प्रोटोजोअल और वायरल रोग संक्रामक आंत्रशोथ का कारण बनते हैं। लगभग छह वर्ष की उम्र के इस मोरनी की आंख के पास भी घाव था, जिसे ठीक नहीं किया गया था।

चिड़ियाघर प्रबंधन ने कराया मोरनी का पोस्टमार्टम

सूत्रों के मुताबिक वन्यजीव को देखने के लिए डॉक्टर आते हैं, लेकिन कुछ समय से डॉक्टर भी नहीं आ रहे हैं और न ही वन्यजीव की बीमारी या अन्य कोई रिपोर्ट उनकी कीपर या इंचार्ज के जरिये दी जा रही है। मोरनी की मौत की सूचना मिलने के बाद चिड़ियाघर प्रबंधन ने मोरनी का पोस्टमार्टम भी कराया है। मोरनी का 19 नंबर बाड़ा था।

पांच महीने में चौथे वन्यजीव की मौत

बीते पांच माह में हुई मौतों को देखा जाए तो ये सभी 11 से 20 नंबर बाड़े में हुई हैं और बाड़ा नंबर 11 से 20 तक सभी कीपर, क्यूरेटर व इंचार्ज डॉ. मनोज की निगरानी में कार्य करते हैं। इससे पहले सितंबर माह में दो मादा भेड़ियों के बीच हुई लड़ाई में एक की मौत हो गई थी। इसके साथ ही ईमू पक्षी की भी मौत हुई थी।

इससे पहले इसी वर्ष जून माह में दो नर चिंकारा हिरणों की आपस में लड़ाई हो गई थी। तीन घंटे तक चली इस लड़ाई में एक हिरण की गंभीर चोट और आंत फटने के कारण मौत हो गई थी।

हाथी के साथ हुआ था दुर्व्यवहार

हाल ही में शंकर हाथी भी अपने साथ जंजीरों में बांधे जाने की यातना से धीरे-धीरे उबर रहा है। उसके पैर में लंबे समय तक जंजीर बांध कर रखी गई थी, जिससे पैर में गहरा जख्म हो गया था। हाथी के साथ हुए इस दुर्व्यवहार का विश्व चिड़ियाघर और एक्वेरियम संघ (वाजा) ने सीधा संज्ञान लेकर चिड़ियाघर की सदस्यता ही छह माह के लिए निलंबित कर दी है।

वन्यजीवों की जनसंख्या बढ़ाने के लिए लगातार प्रयासरत चिड़ियाघर प्रबंधन से एक के बाद एक मौतों को लेकर अब सवाल उठता है कि क्या वो ऐसे लापरवाही भरे माहौल में इस तरह से जनसंख्या बढ़ा सकते हैं? और क्या कोई दूसरा चिड़ियाघर इस तरह का कुप्रबंधन देखकर दिल्ली चिड़ियाघर को जानवर देगा?

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