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Delhi Assembly Elections: कौन हैं बैजयंत पांडा? जिन्हें भाजपा ने दिल्ली चुनाव के लिए दी बड़ी जिम्मेदारी

Delhi Assembly Elections हरियाणा विधानसभा चुनाव के नतीजों से उत्साहित भाजपा ने दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए प्रभारी व सहप्रभारी घोषित कर आप व कांग्रेस पर रणनीतिक बढ़त बनाने का प्रयास किया है। विधानसभा चुनाव की तैयारियों का श्री गणेश करते हुए भारतीय जनता पार्टी ने ओडिशा से सांसद एवं राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बैजयंत पांडा को चुनाव प्रभारी नियुक्त कर दिया है।

By Abhishek Tiwari Edited By: Abhishek Tiwari Updated: Wed, 16 Oct 2024 09:18 AM (IST)
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भाजपा ने दिल्ली विधानसभा चुनाव की तैयारियां तेज की। फाइल फोटो- बैजयंत पांडा

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। हरियाणा में चुनाव नतीजों से उत्साहित भाजपा ने दिल्ली में विधानसभा चुनाव की तैयारियों का श्री गणेश कर दिया है। भाजपा ने प्रदेश प्रभारी बैजयंत पांडा (Baijayant Panda) को ही दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए प्रभारी बना दिया है। इसके साथ गाजियाबाद से सांसद अतुल गर्ग को सह प्रभारी नियुक्त किया गया है।

दिल्ली में कब होगा चुनाव?

वैसे तो दिल्ली में चुनाव फरवरी 2025 में प्रस्तावित है लेकिन अक्टूूबर माह में ही हुई घोषणा ने दिल्ली में चुनावी गतिविधियां बढ़ने के संकेत दे दिए हैं। वैसे भाजपा ने झुग्गी झोपड़ी विस्तारक अभियान से अघोषित रूप से चुनावी अभियान शुरू किया था लेकिन, औपचारिक तौर पर चुनाव प्रभारी और सह प्रभारी की घोषणा से माना जा रहा है कि दिल्ली में विधानसभा चुनाव की तैयारियों का श्री गणेश कर दिया है।

नंवबर 2020 में बैजयंत पांडा को दिल्ली में मिली थी जिम्मेदारी

वर्ष 2020 में दिल्ली विधानसभा चुनाव में हार के बाद श्याम जाजू के स्थान पर भाजपा ने नंवबर 2020 में बैजयंत पांडा दिल्ली भाजपा को प्रभारी तो अल्का गुर्जर को सह प्रभारी नियुक्त किया था। इसके बाद 2022 का एमसीडी चुनाव पांडा के नेतृत्व में ही हुआ था। जबकि लोकसभा चुनाव में स्वयं प्रत्याशी होने की वजह से दिल्ली में ओम प्रकाश धनखड़ को चुनाव प्रभावी बनाया गया था।

पांडा को क्यों मिली दिल्ली चुनाव की जिम्मेदारी?

अब पांडा को चुनाव प्रभारी की जिम्मेदारी देने के पीछे माना जा रहा है कि लंबे समय से प्रभारी होने के नाते उन्हें दिल्ली के समीकरण और राजनीतिक दांव पेंच की जानकारी है।

इसके साथ ही उन्हें कार्यकर्ताओं और नेताओं से परिचय है इसलिए उन्हें विधानसभा चुनाव से पूर्व प्रभारी नियुक्त किया गया है। चूंकि गाजियाबाद दिल्ली से सटा है और अतुल गर्ग को दिल्ली की राजनीति की बेहतर समझ होने की वजह से उन्हें सह प्रभारी की जिम्मेदारी देने की बात भाजपा नेता कह रहे हैं।

1998 के बाद से दिल्ली की सत्ता में नहीं आई भाजपा

उल्लेखनीय है कि दिल्ली भाजपा 1998 के बाद से दिल्ली की सत्ता में नहीं आई है। पहले वर्ष 15 साल तक कांग्रेस सत्ता में रही। जबकि 2013 के विधानसभा चुनाव में भाजपा सबसे बड़े दल के तौर उभर गई आई। जहां उसे 70 में से 32 सीटों पर जीत मिली थी।

लेकिन भाजपा ने पूर्ण बहुमत न होने की वजह से सरकार बनाने का दावा पेश नहीं किया। कांग्रेस के समर्थन से 28 सीटों वाली आप ने सरकार बनाई थी।

200 यूनिट तक मुफ्त बिजली और 20 हजार लीटर प्रतिमाह मुफ्त पानी की घोषणा करने के बाद 49 दिन की सरकार से अरविंद केजरीवाल ने सीएम पद से इस्तीफा दे दिया था। इसके बाद राष्ट्रपति शासन दिल्ली में लागू हो गया था। इसके बाद 2015 में 70 में से भाजपा सिर्फ तीन तो 2020 में मात्र आठ सीटों पर ही जीत दर्ज कर पाई थी।

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