पहले से दागदार रहा है सतर्कता विभाग के विशेष सचिव का दामन, NDMC के कार्यकाल के दौरान महिला IAS से हुआ था विवाद
IAS Raj Shekhar दिल्ली सरकार ने दावा किया है कि आइएएस वाईवीवीजे राजशेखर पहले से आरोपों में घिरे रहें हैं। एनडीएमसी के चेयरमैन रहने के दौरान राजशेखर का एक महिला आइएएस से हुआ विवाद चर्चा का विषय बना था। (फोटो- आइएएस वाईवीवीजे राजशेखर और मंत्री सौरभ भरद्वाज)
By Jagran NewsEdited By: Abhishek TiwariUpdated: Wed, 17 May 2023 07:41 AM (IST)
नई दिल्ली, राज्य ब्यूरो। जिस आइएएस वाईवीवीजे राजशेखर (IAS Raj Shekhar) को लेकर विवाद छिड़ा हुआ है, दिल्ली सरकार ने उनका दामन दागदार होने की बात कही है। दिल्ली सरकार से लेकर एनडीएमसी तक के कार्यकाल के दौरान कई बार इनका नाम भ्रष्टाचार के मामले में उछला है। मुख्य सचिव नरेश कुमार के एनडीएमसी के चेयरमैन रहते हुए राजशेखर का एक महिला आइएएस से हुआ विवाद चर्चा का विषय बना था।
अधिकारियों से रिश्वत मांगने का आरोप
आरोप लगाया गया था कि राजशेखर उत्पीड़न और धमकियों के संगठित अपराध में खुले तौर पर शामिल थे। अब दिल्ली सरकार ने इन अधिकारी पर सीधे तौर पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए हैं। यहां तक कहा जा रहा है कि सतर्कता विभाग के विशेष सचिव रहते हुए इन्होंने छोटे-मोटे पुराने मामलों में भी अधिकारियों से ही रिश्वत मांगी है। ऐसे अधिकारियों ने दिल्ली सरकार के पास शिकायतें भी की हैं। इन्हीं शिकायतों के आधार पर राजशेखर को पद से हटाया गया है।
सरकार ने कहा है कि राजशेखर का दामन पहले से ही दागदार रहा है। सीबीआइ, एसीबी और सीवीसी द्वारा उनके खिलाफ भ्रष्टाचार और कदाचार से जुड़े कई मामलों की पहले से ही जांच चल रही है। सरकार को इनके खिलाफ विस्तृत शिकायत मिली है, जिसमें दावा किया गया है कि इन्हें जानबूझकर गोवा से दिल्ली लाकर आपराधिक कदाचार के बावजूद सेवा एवं सतर्कता विभाग में जिम्मेदारी दी गई थी।
मेरे विरुद्ध दोहराई जा रही हैं पुरानी शिकायतें: राजशेखर
राजशेखर का कहना है कि एनडीएमसी में रहने के दौरान उनके खिलाफ ये शिकायतें वहां के कर्मचारी किशोर प्रसाद और रक्षा सहायक महात्मा महतो ने की थीं। उन्होंने कहा कि सीवीओ एनडीएमसी की 12 नवंबर, 2018 की रिपोर्ट के आधार पर गृह मंत्रालय द्वारा इन शिकायतों की पहले ही जांच की जा चुकी है और झूठी शिकायत करने के लिए शिकायतकर्ताओं के खिलाफ कार्रवाई की सिफारिश करते हुए गृह मंत्रालय ने पत्र भी जारी किया था।
गृह मंत्रालय ने भी मामले की जांच की और दो जनवरी, 2019 को पत्र जारी कर एडीएमसी को झूठी शिकायत करने वालों पर कार्रवाई करने के लिए कहा था। अब महात्मा महतो ने फिर से वही शिकायतें की हैं।
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