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कौन है लेडी डॉन अनु धनखड़? पुलिस की नजरों से बचकर कहां रही अब तक; अमेरिका में शानदार जिंदगी जीने की थी योजना

दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने गैंगस्टर हिमांशु उर्फ भाऊ गैंग की महिला सहयोगी अन्नू धनखड़ को यूपी के लखीमपुर खीरी में अंतरराष्ट्रीय भारत-नेपाल सीमा के पास से गिरफ्तार किया है। अन्नू धनखड़ 18 जून को राजौरी गार्डन में प्रतिद्वंद्वी गिरोह के एक समर्थक की हत्या में शामिल थी। वह हत्या के बाद से फरार थी और उसे 23 सितंबर को भगोड़ा घोषित किया गया था।

By Jagran News Edited By: Geetarjun Updated: Sat, 26 Oct 2024 03:38 PM (IST)
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हिमांशु उर्फ भाऊ गैंग की महिला सहयोगी को स्पेशल सेल ने किया गिरफ्तार।
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल की टीम ने गैंगस्टर हिमांशु उर्फ भाऊ गैंग की महिला सहयोगी को यूपी के लखीमपुर खीरी में अंतरराष्ट्रीय भारत-नेपाल सीमा के पास से गिरफ्तार किया है। स्पेशल सेल दिल्ली ले आई और उसे शनिवार को पटियाला हाउस कोर्ट में पेश किया।

आरोपी महिला की हरियाणा के रोहतक की रहने वाली अन्नू धनखड़, जो 18 जून को राजौरी गार्डन में प्रतिद्वंद्वी गिरोह के एक समर्थक की सनसनीखेज हत्या में शामिल थी। वह हत्या के बाद से फरार थी और उसे 23 सितंबर को उसे भगोड़ा घोषित किया था।

18 जून को हुई थी अमन की हत्या

स्पेशल सेल के उपायुक्त अमित कौशिक ने बताया कि इस वर्ष 18 जून को लगभग 9:30 बजे तीन बाइक सवार व्यक्ति राजौरी गार्डन स्थित बर्गर किंग आउटलेट की पहली मंजिल पर पहुंचे। एक व्यक्ति बाइक पर बाहर खड़ा रहा और दो लड़के बर्गर किंग के अंदर गए और प्रतिद्वंद्वी गिरोह के हरियाणा के झज्जर निवासी अमन पर करीब 20 से 25 राउंड फायरिंग की, जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई।

इस संबंध में थाना राजौरी गार्डन में मामला दर्ज किया गया। बाद में हिमांशु भाऊ गैंग ने हमले की जिम्मेदारी ली।

28 जुलाई को एक आरोपी हुआ गिरफ्तार

सनसनीखेज हत्याकांड में स्पेशल सेल सहित कई इकाइयां शामिल आरोपियों की पहचान कर उन्हें पकड़ने के प्रयास में जुट गईं। उत्तरी रेंज की स्पेशल सेल की टीम ने भी घटनास्थल का दौरा कर कई सीसीटीवी कैमरों का विश्लेषण किया। 28 जुलाई को स्पेशल सेल ने एक आरोपी रोहतक के बिजेंद्र उर्फ गोलू को गिरफ्तार किया।

अन्य आरोपी भी हुए गिरफ्तार

बिजेंद्र की गिरफ्तारी के साथ, शामिल अन्य आरोपियों की पहचान हरियाणा के हिसार के आशीष उर्फ लालू और झज्जर के विकास उर्फ विक्की और रोहतक की अन्नू धनखड़ के रूप में हुई। जांच में अनु धनखड़ की भूमिका एक मुख्य आरोपी के रूप में सामने आई, जिसने सोशल मीडिया के माध्यम से अमन को बहलाकर दोस्ती की।

अमन को मिलने के लिए बुलाया

घटना के दिन उसने अमन को बर्गर किंग रेस्तरां में मिलने के लिए बुलाया था और यह जानकारी हिमांशु उर्फ भाऊ और साहिल रिटोलिया को दी। उसकी सूचना पर तीनों आरोपियों को अमन को खत्म करने के लिए बर्गर किंग रेस्तरां भेजा गया था।

19 जून को आखिरी बार दिखी

अनु धनखड़ को आखिरी बार 19 जून को कटरा रेलवे स्टेशन पर देखा गया था और तब से उसकी गतिविधियों का पता नहीं चल पाया था। अन्य दो आरोपी आशिह उर्फ लालू और विकास उर्फ विक्की की 12 जुलाई को सोनीपत क्षेत्र में पुलिस मुठभेड़ में मौत हो गई थी।

लखीमपुर से लाया गया दिल्ली

बृहस्पतिवार को टीम को उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में अंतर्राष्ट्रीय भारत-नेपाल सीमा के पास अनु धनखड़ की गतिविधियों के संबंध में गुप्त जानकारी मिली। टीम तुरंत उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी के लिए रवाना हुई, जहां उसे खोजकर गिरफ्तार कर लिया गया और आगे की कार्यवाही के लिए उसे दिल्ली लाया गया।

भाऊ ने उसे अमेरिका में शानदार जिंदगी का किया वादा

आरोपी अनु से पूछताछ करने पर पता चला कि उसकी हिमांशु उर्फ भाऊ और साहिल रिटोलिया से दोस्ती है, उन्होंने उसे अपने खर्च पर यूएसए में इमिग्रेशन के लिए वीजा और अन्य दस्तावेजों की व्यवस्था करने और उसे यूएसए में एक शानदार जीवन जीने का वादा किया था।

शुरू में वह अन्य गिरोह के सदस्यों के साथ थी। सोनीपत के गोहाना में मातू राम हलवाई की दुकान पर फायरिंग मामले में भी अनु का नाम सामने आया था। उसका नाम मातू राम हलवाई से रंगदारी मांगने के मामले में भी आया था।

इस तरह भागती रही अनु धनखड़

अमन की हत्या के बाद वह मुखर्जी नगर पीजी में आई और अपना सामान लिया। फिर, आईएसबीटी कश्मीरी गेट से बस में बैठकर चंडीगढ़ गई और आगे अमृतसर के रास्ते कटरा पहुंची। जब वह कटरा में एक गेस्ट हाउस में थी तो हिमांशु उर्फ भाऊ ने उसे तुरंत गेस्ट हाउस खाली करने को कहा। इस पर वह ट्रेन से जालंधर पहुंची और चंडीगढ़ होते हुए बस से हरिद्वार गई।

कोटा में चार महीने रुकी

वह हरिद्वार में 3-4 दिन रुकी और फिर बस से कोटा गई और वहां राजस्थान के कोटा में एक पीजी में चार महीने तक रही। इस अवधि में वह भाऊ और साहिल के संपर्क में थी, वे उसे एक मनी एक्सचेंजर के माध्यम से ऑनलाइन पैसे भेजते थे। 22 अक्टूबर को भाऊ ने उसे बताया कि अब मामला शांत हो गया है और उसे पीजी खाली करने का निर्देश दिया।

नेपाल पहुंचने का कर रही थी इंतजार

उसने उसे आगे बताया कि वह नेपाल के रास्ते होते हुए दुबई से यूएसए आ सकती है। वह पीजी से निकल गई और लखनऊ के रास्ते लखीमपुर पहुंची, जहां वह भाऊ के निर्देश पर सीमा पार करने का इंतजार कर रही थी। इसी बीच पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया।

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