कौन था नादिर शाह: मर्सिडीज में बैठी थी लड़की... लॉरेंस के शूटरों ने जिम संचालक को किया छलनी; एक गलतफहमी से गंवाई जान
Nadir Shah Murder नादिर शाह को लगता था कि मेरी बड़े-बड़े पुलिस अधिकारियों तक पहुंच है इसलिए मेरा कोई कुछ नहीं बिगाड़ पाएगा। अगर नादिर को यह गलतफहमी न होती तो शायद वह मारा नहीं जाता। जिस वक्त लॉरेंस बिश्नोई के शूटरों ने नादिर की हत्या को अंजाम दिया उस समय नादिर की मर्सिडीज में एक लड़की बैठी थी। पढ़िए नादिर कौन था और उसकी हत्या के पीछे पूरी कहानी।
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। Nadir Shah Murder राजधानी दिल्ली में इन दिनों नादिर शाह मर्डर केस काफी चर्चा में है। चार दिन पहले गुरुवार को दिल्ली के पॉश इलाके ग्रेटर कैलाश में बदमाशों ने अत्याधुनिक पिस्टल से अफगानिस्तान के मूल निवासी जिम संचालक नादिर शाह (35 वर्ष) की गोलियों से भूनकर हत्या कर दी थी। आइए हम आपको बताएंगे कि आखिर नादिर कौन था और कैसे बड़े पुलिस अधिकारियों तक उसकी पहुंच थी।
नादिर की मां करती थी ड्रग्स का कारोबार
मूल रूप से अफगानिस्तान का रहने वाला जिम संचालक नादिर शाह पूर्व में सट्टा रैकेट, अवैध कॉल सेंटर चलवाने समेत अन्य अवैध गतिविधियों में लिप्त था। उसकी मां भी ड्रग्स का कारोबार करती थी। बाद में, एनसीआर के छोटे-बड़े गैंगस्टरों व बदमाशों के संपर्क में होने के साथ ही वह स्पेशल सेल, क्राइम ब्रांच और दिल्ली पुलिस का मुखबिर भी बन गया था।
नादिर शाह को थी ये गलतफहमी
नादिर को गलतफहमी थी कि गैंगस्टरों व पुलिस अधिकारियों से अच्छी जान पहचान के कारण उसे कोई नुकसान नहीं पहुंच सकता है। नादिर ने लॉरेंस बिश्नोई Lawrence Bishnoi को रंगदारी देने से अपने दोस्त कुणाल को रोक दिया, इसके साथ ही पुलिस के जरिये लॉरेंस पर दबाव भी बनाया था। जिस पर लॉरेंस ने यमुनापार के गैंगस्टर हाशिम उर्फ बाबा और राजस्थान के गैंगस्टर रोहित गोदारा से नादिर की हत्या करवा दी।
हत्या करने के लिए भेजे गए थे चार शूटर
नादिर की हत्या करने के लिए लॉरेंस गिरोह से जुड़े राजस्थान के गैंगस्टर रोहित गोदारा व यमुनापार के गैंगस्टर हाशिम बाबा के चार शूटर मधुर, राजू, आकाश यादव और नवीन बालियान को ग्रेटर कैलाश-1 में आना था। आकाश व नवीन पीछे रह गए थे, तब तक स्कूटी से राजू व मधुर जिम के बाहर पहुंच गए।
वहीं, दोनों ने देखा कि नादिर उस समय अपनी मर्सिडीज कार के पास खड़े होकर एक युवक से बात कर रहा था। तभी स्कूटी पर पीछे बैठा मधुर उसके पास गया और नादिर पर नौ गोलियां बरसा दीं, जबकि राजू स्कूटी स्टार्ट कर वहीं खड़ा था। राजू भी यमुनापार का रहने वाला है। वहीं, नादिर से बात करने वाला युवक धीरज है, जिसका लेनदेन नादिर से चलता था।
पुलिस का कहना है कि वह एक युवती को लेकर उसके पास आया था, जो वारदात के समय नादिर की मर्सिडीज में बैठी थी। युवती का इस हत्याकांड से कोई लेना देना है या नहीं, इसकी जांच जारी है। युवती व धीरज से भी पुलिस पूछताछ कर रही है। वहीं गिरफ्तार पांच आरोपितों में से दो बदमाश आकाश व नवीन शामिल हैं। मधुर व राजू की तलाश जारी है।
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वहीं, जब जिम संचालक पर हमला किया गया, उस दौरान डीसीपी प्रतीक्षा गोदारा की टीम के कुछ पुलिसकर्मी जिम के पास मौजूद थे। घटना के बाद सेल के वही पुलिसकर्मी नादिर को लेकर अस्पताल गए थे। सेल के पुलिसकर्मी वहां क्यों मौजूद थे, यह एक अहम सवाल पुलिस अधिकारियों के सामने खड़ा है।
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सूत्रों की मानें तो नादिर हत्याकांड में दुबई में छिपे अनूप जुनेजा का नाम भी सामने आ रहा है। करीब दो दशक पहले अनूप दिल्ली व यूपी में विवादित संपत्तियों पर कब्जा करने से लेकर कई अवैध गतिविधियों में लिप्त रहा है। नादिर का वह विरोधी है। करीब डेढ़ दो दशक पहले जब कोई दिल्ली में उसके धंधे में बाधक बनता था, तब उसके खिलाफ वह यूपी के थानों में फर्जी केस दर्ज करवा देता था।
यूपी पुलिस जब उस शख्स को पकड़ कर अपने थाने ले जाती, तब वहां अनूप दबाव बनाकर समझौता करवा लेता था। उसकी पार्टियों में शामिल होने के कारण दिल्ली पुलिस के कई कर्मियों पर गाज गिर चुकी है। नादिर हत्याकांड ने गैंगस्टरों व पुलिस के गठजोड़ की पोल खोल दी है।
5 करोड़ रंगदारी न देने पर हुई नादिर की हत्या
सूत्रों के मुताबिक, दिल्ली के कुणाल छाबड़ा की गिनती बड़े बुकी में होती है। उसका कॉल सेंटर भी है। करीब पांच माह पहले नादिर ने कुणाल के साथ मिलकर ग्रेटर कैलाश-एक के ई ब्लॉक में जिम सेंटर खोला था। वह कुछ समय से दुबई में रह रहा है। उसके खिलाफ गैर जमानती वारंट भी निकला है। दिल्ली में ड्रग्स, कॉल सेंटर, जिम संचालकों, बुकी आदि के धंधा करने वालों से गैंगस्टर रंगदारी वसूलते हैं।
बताया गया कि कुछ माह पहले लॉरेंस के निर्देश पर उसके गुर्गों ने कुणाल से पांच करोड़ की रंगदारी मांगी थी। कुणाल ने यह बात नादिर को बताई तो नादिर ने पुलिस में अपनी पहुंच दिखाते हुए कुणाल को रंगदारी देने से रोक दिया। इसी कारण नादिर, लॉरेंस के निशाने पर आ गया था।
इस मामले में नादिर ने लॉरेंस से बात भी की, लेकिन उसने बात नहीं मानी। फिर एक आईपीएस अधिकारी के कहने पर स्पेशल सेल ने लॉरेंस को जेल से रिमांड पर लेकर कुणाल से रंगदारी न लेने के लिए दबाव भी बनाया, लेकिन बात नहीं बनी। लॉरेंस ने पुलिस के सामने ही कहा कि अब वह 10 करोड़ रुपये लेगा।
गैंगवार के बाद सहमे हैं क्षेत्रवासी
उत्तर-पूर्वी दिल्ली के गिरोह ने दक्षिणी दिल्ली में अपना वर्चस्व कायम करने के लिए ये हत्याकांड किया था। ई-ब्लाक के मुख्य मार्ग पर हुई इस गैंगवार ने स्थानीय लोगों को डरा दिया है। वह इस रोड पर रात को टहलने से भी बच रहे हैं। सुरक्षा के लिए मौके पर स्थायी तौर पर एक पीसीआर तैनात की गई है। पुलिस वहां पर निगरानी रखकर हर गतिविधि पर नजर बनाए हुए हैं।