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कौन थे काले खां? जिनके नाम पर रखे Chowk का बदला नाम, अब ‘भगवान बिरसा मुंडा चौक’

Bhagwan Birsa Munda Chowk दिल्ली के सराय काले खां का नाम अब बदल गया है। बिरसा मुंडा की जयंती पर केंद्र सरकार ने दिल्ली के सराय काले खां का नाम बदला। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने काले खां बांसेरा पार्क में भगवान बिरसा मुंडा की प्रतिमा का अनावरण किया। पढ़ें कौन थे काले खां जिनके नाम पर रखा गया था नाम।

By shani sharma Edited By: Monu Kumar Jha Updated: Sat, 16 Nov 2024 09:38 AM (IST)
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सराय काले खां का नाम अब ‘भगवान बिरसा मुंडा चौक’। फाइल फोटो
जागरण संवाददाता, दक्षिणी दिल्ली। दिल्ली के सराय काले खां चौक (Sarai Kale Khan ISBT Chowk History) को अब ‘भगवान बिरसा मुंडा चौक’ के नाम से जाना जाएगा। केंद्र सरकार ने बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती पर नाम बदलने की घोषणा की। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह (Amit Shah) ने ‘जनजातीय गौरव दिवस’ के रूप में मनाई जा रही बिरसा मुंड की जयंती पर बांसेरा उद्यान में उनकी भव्य प्रतिमा का अनावरण किया।

गृहमंत्री ने कहा कि बिरसा मुंडा ने जल, जंगल और जमीन के संस्कार को पुनर्जीवित किया और कहा कि आदिवासियों के लिए यही सब कुछ है। वह समाज में कई प्रकार की जागरूकता लाए। अमित शाह ने कहा कि वर्ष 2021 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भगवान बिरसा मुंडा की जयंती को ‘जनजातीय गौरव दिवस’ के रूप में मनाने की घोषणा थी।आज ही के दिन झारखंड के एक छोटे से गांव में बिरसा मुंडा का जन्म हुआ था।

अगला एक साल ‘आदिवासी गौरव वर्ष’ के रूप में मनाया जाएगा

उन्होंने कहा कि बिरसा मुंडा की जयंती (birsa munda birth anniversary) के उपलक्ष्य में 15 नवंबर 2025 तक आगामी एक वर्ष ‘आदिवासी गौरव वर्ष’ के रूप में मनाया जाएगा। अमित शाह ने कहा कि बिरसा मुंडा की 150वें जयंती वर्ष पर केंद्र सरकार ने सराय काले खां चौक का नाम बदलकर ‘भगवान बिरसा मुंडा चौक’ करने का निर्णय भी लिया है।

सराय काले खां बांसेरा पार्क में भगवान बिरसा मुंडा की प्रतिमा का अनावरण करने के बाद लोगों को संबोधित करते गृहमंत्री केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह

इस दौरान केन्द्रीय शहरी कार्य एवं आवासन मंत्री मनोहर लाल खट्टर, दिल्ली के उप-राज्यपाल वीके सक्सेना, केन्द्रीय राज्यमंत्री हर्ष मल्होत्रा, सांसद रामवीर सिंह बिधूड़ी सहित कई गणमान्य मौजूद रहे।

गृहमंत्री ने कहा कि बिरसा मुंडा आदिवासियों के लिए अपनी मूल संस्कृति के उद्धारक बने। उन्होंने 25 वर्ष की अल्पायु में देश के अनेक लोगों के लिए अपने कार्यों के माध्यम से इस बात की व्याख्या की कि जीवन कैसा व किसके लिए होना चाहिए और जीवन का ध्येय क्या होना चाहिए।

 देश में 20 आदिवासी महानायकों के संग्रहालय बनाने का फैसला

बिरसा मुंडा निश्चित तौर पर भारत की आजादी के महानायकों में से एक हैं। अमित शाह ने कहा कि “धरती आबा” के नाम से प्रसिद्ध बिरसा मुंडा के जीवन को दो हिस्सों में बांटकर देखा जा सकता है। पहला आदिवासी संस्कृति की रक्षा को लेकर उनकी प्रतिबद्धता है जबकि दूसरा मातृभूमि की आजादी और इसकी रक्षा के लिए सर्वोच्च बलिदान देने का जज्बा।

अमित शाह ने कहा कि आदिवासियों ने देश भर में अंग्रेजों के खिलाफ स्वतंत्रता संग्राम में बढ़-चढ़ कर भाग लिया, लेकिन दुर्भाग्य से आजादी के बाद इन महानायकों को भुला दिया गया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वर्ष 2015 में 200 करोड़ की लागत से देश में 20 आदिवासी महानायकों के संग्रहालय बनाने का निर्णय लिया, ताकि बच्चे इन महानायकों के जीवन से परिचित हो सकें।

अब तक रांची में भगवान बिरसा मुंडा संग्रहालय, जबलपुर में शंकर शाह, रघुनाथ शाह संग्रहालय तथा छिंदवाड़ा में जनजातीय स्वतंत्रता सेनानी संग्रहालय का उद्घाटन हो चुका है। वर्ष 2026 तक शेष सभी संग्रहालय भी बनकर तैयार हो जाएंगे।

सरकार ने बीते 10 साल में आदिवासी क्षेत्र में विकास को रोकने और बच्चों को गुमराह करने वाले नक्सलवाद को लगभग समाप्त कर दिया है। उन्होंने कहा कि सरकार में जनजातियों के विकास के लिए सिर्फ 28,000 करोड़ का बजट था, जबकि मोदी सरकार ने वर्ष 2024-25 के बजट में आदिवासियों के विकास के लिए 1,33,000 करोड़ का प्रावधान किया है।

14वीं शताब्दी में हुए सूफी संत काले खां

बता दें कि काले खां 14वीं शताब्दी के एक महान सूफी संत हुआ करते थे, जो शेरशाह सूरी के समय में ही हुए थे। समय के साथ चीजें बदली आगे चलकर मुगल शासन काल में दिल्ली स्थित इस आश्रय स्थल यानी सराय के साथ उनका नाम काले खां जोड़ दिया गया और इसके साथ ही यह सराय काले खां के नाम से फेमस हो गया।

अगर आप दिल्ली में इंदिरा गांधी एयरपोर्ट की जाते हैं तो रास्ते में सूफी संत काले खां की मजार भी बनी है। दिल्ली में सराय काले खां दक्षिण पूर्वी के तहत आता है। सराय काले खां के आस-पास के इलाके निजामुद्दीन, जंगपुरा, खिजराबाद, जंगपुरा एक्सटेंशन और लाजपत नगर हैं।

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