Lockdown in Delhi ! अरविंद केजरीवाल सरकार दिल्ली में लॉकडाउन क्यों नहीं करना चाहती, जानिए ये चार कारण
Lockdown in Delhi ! कोरोना के मामले लगातार बढ़ रहे हैं और रविवार को तो 24 घंटे के दौरान 10000 से ज्यादा केस सामने आए। बावजूद इसके अरविंद केजरीवाल सरकार हर हाल में लॉकडाउन लागू नहीं करना चाहती है आइये जानते हैं इसके 5 बड़े कारण।
By Jp YadavEdited By: Updated: Tue, 13 Apr 2021 04:38 AM (IST)
नई दिल्ली, ऑनलाइन डेस्क। दिल्ली में कोरोना वायरस संक्रमण के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। दिल्ली सरकार ने सख्ती बढ़ा दी है। इसी कड़ी में पिछले एक सप्ताह ने नाइट कर्फ्यू लगाया गया है, आगामी 30 अप्रैल तक प्रभावी रहेगा। इस बीच कोरोना के मामले लगातार बढ़ रहे हैं और रविवार को तो 24 घंटे के दौरान 10,000 से ज्यादा केस सामने आए। बावजूद इसके अरविंद केजरीवाल सरकार हर हाल में लॉकडाउन लागू नहीं करना चाहती है, आइये जानते हैं इसके 4 बड़े कारण।
अर्थव्यवस्था को होता है घाटा, घट जाती है राजस्व कमाईकोरोना वायरस संकट की वजह से लगाए गए लॉकडाउन की वजह से राज्यों को बड़ा अर्थव्यवस्था को नुकसान झेलना पड़ता है। पिछले साल मार्च से जून महीने तक देशभर में लगाए गए लॉकडाउन की वजह से कई राज्यों को 90 फीसद तक राजस्व का नुकसान हुआ था। दिल्ली को लॉकडाउन की वजह से 90 फीसद का राजस्व घाटा हुआ था। 2019-20 के वित्तीय वर्ष जो राजस्व 3500 करोड़ रुपये था, वह लॉकडाउन के दौरान सिर्फ 300 करोड़ हो गया।
रोजगार होता है प्रभावित पिछले साल लॉकडाउन के एक महीने के भीतर प्रवासी मजदूर इस कदर बेचैन हुआ कि उसने हजारों-लाखों की संख्या में दिल्ली से पलायन किया। इसका कोई आंकड़ा तो उपलब्ध नहीं हो पाया था, लेकिन सड़कों की यूपी, बिहार और झाऱखंड के लिए जाती भीड़ इसकी तस्दीक कर रही थी। अरविंद केजरीवाल सरकार का मानना है कि इससे लोगों के रोजगार पर संकट पड़ता है। लॉकडाउन से बाजार, कारोबार और रोजगार तीनों बुरी तरह प्रभावित होते हैं।
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बिगड़ जाता है सामाजिक ताना बाना लॉकडाउन लगाने को आइसीएमआर (भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद) द्वारा गठित विशेषज्ञ सलाहकार समूह के ऑपरेशनल रिसर्च समूह के चेयरमैन व जन स्वास्थ्य के विशेषज्ञ डॉ. नरेंद्र कुमार अरोड़ा भी जायज नहीं ठहराता हैं। उन्होंने राजधानी दिल्ली में लॉकडाउन की आशंका पर कहा कि यह कोरोना से बचाव का विकल्प नहीं है। इससे सामाजिक ढांचा बिगड़ जाता है और आर्थिक बदहाली होती है।
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उद्योग जगत भी लॉकडाउन पर सहमत नहीं देश में आंशिक रूप से ‘लॉकडाउन’ लगाए जाने की आशंकाओं पर उद्योग जगत ने भी अपनी राय दी है। उन्होंने कहा कि ऐसा हुआ तो श्रमिकों और माल की आवाजाही प्रभावित होना तय है। जाहिर है कि इसका औद्योगिक उत्पादन बड़ा असर पड़ेगा।Rakesh Tikait News: अपने कहे पर टिके रहे टिकैत, मंगलवार को किया 'मंगल' काम, यहां पढ़िये- पूरा मामला कुलमिलाकर इससे रोजगार, बाजार और अर्थव्यवस्था भी प्रभावित होगी। उद्योग मंडल सीआइआइ की ओर से कंपनियों के मुख्य कार्यपालक अधिकारियों (सीईओ) के बीच कराए गए सर्वे के आधार पर सुझाव आया है कि लॉकडाउन के बजाय स्थानीय स्तर पर अपनाए जा रहे उपाय ज्यादा कारगर होंगे।राकेश टिकैत बोले, केंद्र सरकार आमंत्रित करे तो किसान वार्ता को तैयार, साथ ही रख दी बड़ी शर्त ये भी पढ़ेंः Delhi Covid-19 Case: दिल्ली में इस बार छोटे बच्चे बड़ी संख्या में हो रहे संक्रमित, डॉक्टरों ने बताई वजह इससे पहले रविवार को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा था कि कोरोना की चौथी लहर खतरनाक होती जा रही है। इससे दिल्ली सरकार की चिंता बढ़ गई है। ऐसे में लोग बेड की उपलब्धता के लिए एप के जरिये जानकारी लें और बेहद जरूरी होने पर ही अस्पताल में जाएं।Night Curfew ALERT ! दिल्ली के साथ एनसीआर के कुल 13 से अधिक शहरों में लगा नाइट कर्फ्यू, जानें- क्या रहेगा खुला और किस पर लगा बैन अरविंद केजरीवाल ने कहा है कि गंभीर लक्षण नहीं होने पर होम आइसोलेशन में रहकर इलाज कराएं। ऐसा नहीं करेंगे तो गंभीर मरीजों के लिए बेड कम पड़ जाएंगे और मौत के आंकड़े बढ़ेंगे। ऐसे में अगर बेड कम पड़े तो लॉकडाउन लगाना पड़ेगा। इस दौरान उन्होंने यह भी कहा कि वह लाकडाउन लगाने के पक्ष में नही हैं।इसे भी पढ़ेंः दिल्ली में कोरोना के मरीजों को सरकार ने दी बड़ी राहत, 14 निजी अस्पताल कोविड हॉस्पिटल घोषित; देखें लिस्ट UPPSC PCS Result 2020: गरीब बच्चों को निःशुल्क पढ़ाने वाली संचिता बनीं टॉपर, जामिया के पांच छात्रों का चयनअरविंद केजरीवाल की ये हैं प्रमुख मांगें
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आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।उद्योग जगत भी लॉकडाउन पर सहमत नहीं देश में आंशिक रूप से ‘लॉकडाउन’ लगाए जाने की आशंकाओं पर उद्योग जगत ने भी अपनी राय दी है। उन्होंने कहा कि ऐसा हुआ तो श्रमिकों और माल की आवाजाही प्रभावित होना तय है। जाहिर है कि इसका औद्योगिक उत्पादन बड़ा असर पड़ेगा।Rakesh Tikait News: अपने कहे पर टिके रहे टिकैत, मंगलवार को किया 'मंगल' काम, यहां पढ़िये- पूरा मामला कुलमिलाकर इससे रोजगार, बाजार और अर्थव्यवस्था भी प्रभावित होगी। उद्योग मंडल सीआइआइ की ओर से कंपनियों के मुख्य कार्यपालक अधिकारियों (सीईओ) के बीच कराए गए सर्वे के आधार पर सुझाव आया है कि लॉकडाउन के बजाय स्थानीय स्तर पर अपनाए जा रहे उपाय ज्यादा कारगर होंगे।राकेश टिकैत बोले, केंद्र सरकार आमंत्रित करे तो किसान वार्ता को तैयार, साथ ही रख दी बड़ी शर्त ये भी पढ़ेंः Delhi Covid-19 Case: दिल्ली में इस बार छोटे बच्चे बड़ी संख्या में हो रहे संक्रमित, डॉक्टरों ने बताई वजह इससे पहले रविवार को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा था कि कोरोना की चौथी लहर खतरनाक होती जा रही है। इससे दिल्ली सरकार की चिंता बढ़ गई है। ऐसे में लोग बेड की उपलब्धता के लिए एप के जरिये जानकारी लें और बेहद जरूरी होने पर ही अस्पताल में जाएं।Night Curfew ALERT ! दिल्ली के साथ एनसीआर के कुल 13 से अधिक शहरों में लगा नाइट कर्फ्यू, जानें- क्या रहेगा खुला और किस पर लगा बैन अरविंद केजरीवाल ने कहा है कि गंभीर लक्षण नहीं होने पर होम आइसोलेशन में रहकर इलाज कराएं। ऐसा नहीं करेंगे तो गंभीर मरीजों के लिए बेड कम पड़ जाएंगे और मौत के आंकड़े बढ़ेंगे। ऐसे में अगर बेड कम पड़े तो लॉकडाउन लगाना पड़ेगा। इस दौरान उन्होंने यह भी कहा कि वह लाकडाउन लगाने के पक्ष में नही हैं।इसे भी पढ़ेंः दिल्ली में कोरोना के मरीजों को सरकार ने दी बड़ी राहत, 14 निजी अस्पताल कोविड हॉस्पिटल घोषित; देखें लिस्ट UPPSC PCS Result 2020: गरीब बच्चों को निःशुल्क पढ़ाने वाली संचिता बनीं टॉपर, जामिया के पांच छात्रों का चयनअरविंद केजरीवाल की ये हैं प्रमुख मांगें
- ज्यादा तेजी से वैक्सीनेशन कर देते हैं तो कोरोना को काबू कर सकते हैं।
- वैक्सीनेशन को लेकर उम्र का प्रतिबंध केंद्र सरकार को हटा देना चाहिए।
- दिल्ली में 65 फीसद मरीज 45 साल से कम उम्र के आ रहे हैं। ऐसे में इस उम्र के लोगों का वैक्सीनेशन जरूरी है।
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