हिरासत में लेने पर सोनम वांगचुक पहुंचे हाईकोर्ट, जानिए क्यों लद्दाख से दिल्ली तक कर रहे थे पदयात्रा
Sonam Wangchuk Detention पर्यावरण कार्यकर्ता सोनम वांगचुक और उनके साथियों को दिल्ली पुलिस ने हिरासत में लिया है। वांगचुक लद्दाख को पूर्ण राज्य का दर्जा और संविधान की छठी अनुसूची में शामिल करने की मांग को लेकर पदयात्रा कर रहे थे। उनकी गिरफ्तारी पर दिल्ली की राजनीति गरमा गई है। आम आदमी पार्टी (आप) ने केंद्र सरकार पर हमला बोला है।
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। पर्यावरण कार्यकर्ता सोनम वांगचुक (Environmental Activist Sonam Wangchuk) व उनके साथियों को दिल्ली पुलिस द्वारा सोमवार रात से हिरासत में रखने पर दिल्ली की राजनीतिक माहौल गरमा गया है। वांगचुक समेत करीब 200 सहयोगियों को पुलिस ने सिंघु सीमा (Singhu Border) पर ही हिरासत में लिया था, जिन्हें बाहरी-उत्तरी जिला के छह थानों में रखा गया है।
माहौल शांत होने पर सभी को छोड़ दिया जाएगा। हिरासत में रखने पर वांगचुक ने बवाना थाने में अनशन शुरू कर दिया।
तीन अक्टूबर को होगी सुनवाई
उधर वांगचुक और अन्य को हिरासत में लेने के खिलाफ दिल्ली हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका भी दायर की गई है। मंगलवार को इस मामले का उल्लेख मुख्य न्यायाधीश मनमोहन व न्यायमूर्ति तुषार राव गेडेला की पीठ में किया गया। मुख्य पीठ ने मामले को सूचीबद्ध करने से इनकार करते हुए तीन अक्टूबर को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध करने पर सहमति व्यक्त की।क्या हैं मांगें
- मार्च का आयोजन लेह एपेक्स बाडी (एलएबी) द्वारा किया गया, जो कारगिल डेमोक्रेटिक अलायंस (केडीए) के साथ पिछले चार वर्षों से लद्दाख को राज्य का दर्जा देने की मांग कर रहा है।
- लद्दाख के लिए एक लोक सेवा आयोग की मांग।
- लेह और कारगिल जिलों के लिए अलग लोकसभा सीट बनाने की मांग।
- साथ ही जल्द भर्ती प्रक्रिया और इसे संविधान की छठी अनुसूची में शामिल करने की मांग को लेकर आंदोलन चल रहा है।
साथियों ने की प्रेसवार्ता
लद्दाख से सांसद हजी हनीफा जन, सोनम वांगचुक को सिंघु बॉर्डर पर हिरासत में लेने पर उनके साथियों ने अलोकतांत्रिक बताते हुए उन्हें रिहा करने की मांग की। प्रेस क्लब में आयोजित वार्ता में वांगचुक को समर्थन कर रही संस्था एपेक्स के सह संस्थापक टिजरिंग दोर्जय ने कहा कि लद्दाख में दो सांसद सीट, विधायिका स्थापना, भर्तियां शुरू करना और संविधान की अनुसूची छह के अंतर्गत लद्दाख को लाना जैसी उनकी मांगें हैं।
दिल्ली की सीएम आतिशी मिलने पहुंचीं
मंगलवार दोपहर मुख्यमंत्री आतिशी भी बवाना थाने पहुंची, लेकिन उन्हें वांगचुक से नहीं मिलने दिया गया। आम चुनाव से पहले सरकार से बातचीत में चुनाव बाद मांगों पर गौर करने की बात कही गई थी, लेकिन जब कोई ध्यान नहीं दिया, तब वे लोग पदयात्रा पर निकले हैं।CM आतिशी ने उठाए सवाल
इस पर आतिशी ने उनकी गिरफ्तारी और पुलिस के रवैये पर सवाल उठाए। उन्होंने मांग की कि लद्दाख और दिल्ली में एलजी राज खत्म होना चाहिए और दोनों को पूर्ण राज्य का दर्जा मिलना चाहिए।लद्दाख को पूर्ण राज्य का दर्जा (Full Statehood status to Ladakh) व संविधान की छठी अनुसूची में शामिल करने की मांग को लेकर वांगचुक व उनके साथी लेह से पदयात्रा कर दिल्ली में महात्मा गांधी की समाधि पर जाना चाहते थे। लेकिन सभी को हिरासत में ले लेने पर मंगलवार सुबह यह मामला गर्मा गया।बवाना थाने के बाहर भीड़ को व्यवस्थित करते हुए पुलिस के जवान।