IGI Airport: Terminal-1 पर बारिश के चलते क्यों गिरी फोरकोर्ट की छत? रिपोर्ट में सामने आई बड़ी वजह
दिल्ली के इंदिरा गांधी एयरपोर्ट की टर्मिनल-1 की फोरकोर्ट की छत शुक्रवार तड़के हुई तेज बारिश में गिर गई जिसमें एक कैब चालक की मौत हो गई। इस घटना के बाद से ही दिल्ली एयरपोर्ट का कामकाज संभालने वाली एजेंसी डायल सवालों के घेरे में है। डायल की कार्यप्रणाली और एयरपोर्ट के देखरेख में हुई लापरवाही इस घटना के बाद से उजागर हो गई है।
गौतम कुमार मिश्रा, नई दिल्ली। देश के सबसे बड़े एयरपोर्ट पर टर्मिनल-1 के फोरकोर्ट में हुए हादसे ने एयरपोर्ट संचालन का जिम्मा संभाल रही एजेंसी दिल्ली इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड (डायल) की कार्यप्रणाली पर सवालिया निशान खड़ा कर दिया है।
प्रस्थान क्षेत्र के फोरकोर्ट की छत डायल ने अपनी देखरेख में वर्ष 2009 में बनवाई थी। तब निर्माण के दो महीने बाद ही भारी वर्षा के दौरान छत क्षतिग्रस्त हो गई थी। स्थिति ऐसी हुई थी कि टर्मिनल-1 के प्रस्थान क्षेत्र के भीतर छत से पानी नीचे गिरने लगा और जलभराव की स्थिति हो गई थी।
करीब दो घंटे उड़ानों का संचालन बंद करना पड़ा। एक बार फिर उसी तरह की घटना यह दर्शाती है कि छत की देखरेख के प्रति डायल ने गंभीरता नहीं बरती।
छत पर जमा हो गया था पानी
क्षतिग्रस्त हिस्से पर गौर करेंगे तो पाएंगे कि छत के भीतर लोहे के ढांचे के रंगरोगन का कार्य लंबे समय से नहीं हुआ है। ऐसा लगता है कि इसमें जंग लगा है।
आशंका व्यक्त की जा रही है कि छत के ऊपरी हिस्से में वर्षा के समय एकत्र पानी की निकासी के लिए जो पाइप नेटवर्क है, उसकी सफाई इस वर्ष नहीं हुई, जिसके कारण एकत्रित वर्षा के पानी का बहाव या तो हुआ नहीं या फिर बेहद धीमी रफ्तार से हुआ।
एक स्थिति ऐसी आई होगी जब छत पर जमा पानी का दबाव सहन नहीं कर पाया, और झुकने लगा। छत का भार इतना अधिक हो गया कि इसे थामने के लिए खड़े लोहे के खंभे झुक गए और छत नीचे गिर पड़ी।
मेंटिनेंस की हुई है अनदेखी
आईजीआई एयरपोर्ट के डोमेस्टिक थाना में घटना के बाद पहुंचे डायल के एक अधिकारी से जब घटना के बारे में यह पूछा गया कि इसकी क्या वजह है तो उन्होंने स्पष्ट तौर पर तो कुछ नहीं बताया, लेकिन दबी जुबान में यह जरूर कहा कि इसके मेंटिनेंस के काम में विलंब हुआ।
नियम के मुताबिक हर वर्ष मानसून से पहले फोरकोर्ट की छत के आंतरिक व बाहरी हिस्से के मेंटिनेंस का काम पूरा हो जाना चाहिए, लेकिन इस वर्ष इसमें थोड़ी गड़बड़ी हुई है।
गड़बड़ी कहां और किस स्तर पर हुई यह पूछने पर उन्होंने कहा कि यह अभी जांच का विषय है। पुलिस भी इसकी जांच कर रही है।
पिछले साल तेज हवा में उड़ी थी कैनोपी
टर्मिनल-1 के अराइवल (आगमन) क्षेत्र का दो वर्ष पूर्व निर्माण हुआ है। इसमें आगमन क्षेत्र के फोरकोर्ट में कैनोपी लगाई गई है। पिछले वर्ष तेज हवा में कैनोपी के एक हिस्सा उड़ गया। कई दिनों तक यह कैनोपी क्षतिग्रस्त रही।
पूरा ध्यान विस्तारित हिस्से को पूरा करने पर
टर्मिनल-1 पर इन दिनों हर ओर निर्माण से जुड़ी गतिविधियां चलती नजर आती हैं। डायल ने मार्च में आधे अधूरे हिस्से का उद्घाटन तो करा दिया, लेकिन यह कार्य जल्द से जल्द पूरा हो, इसकी ओर ध्यान नहीं दिया।
सूत्रों की मानें तो अभी की स्थिति को देखते हुए टर्मिनल-1 के विस्तारित हिस्से को पूरा होने में कम से कम दो महीने का समय और लगेगा। अभी भी विस्तारित हिस्से का बाहरी ढांचा पूरी तरह तैयार नहीं हुआ है।
आइजीआइ के टर्मिनल-1 के विस्तारित हिस्से पर अभी चल रहा है कार्य l जागरण
आश्चर्य की बात है डायल विस्तारित हिस्से पर तो पूरा ध्यान दे रही है, तो लेकिन जो पुराने ढांचे बने हैं, उसकी ओर ध्यान देना मुनासिब नहीं समझ रही है। जबकि प्रस्थान क्षेत्र में जहां छत गिरी है, उसके ठीक नीचे सर्वाधिक गहमागहमी रहती है।