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बंदरों को पकड़कर वन विभाग को क्यों करना पड़ रहा 14 दिन क्वारंटाइन, जानिए इसके पीछे क्या है वजह

छतरपुर स्थित राधा स्वामी सत्संग ब्यास परिसर में सरदार पटेल केयर सेंटर में पकड़े गए 58 बंदरों को 14 दिन के लिए क्वारंटाइन कर दिया है। विभाग को आशंका थी कि बंदर कोरोना मरीज का भोजन और कपड़े इत्यादि उठा रहे थे उनमें संक्रमण का खतरा हो सकता है।

By Vinay Kumar TiwariEdited By: Updated: Thu, 20 May 2021 12:39 PM (IST)
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विभाग ने सरदार पटेल केयर सेंटर में पकड़े गए 58 बंदरों को 14 दिन के लिए क्वारंटाइन कर दिया है।
नई दिल्ली, [गौरव बाजपेई]। दिल्ली वन विभाग ने हाल ही में छतरपुर स्थित राधा स्वामी सत्संग ब्यास परिसर में चल रहे सरदार पटेल केयर सेंटर में पकड़े गए 58 बंदरों को 14 दिन के लिए क्वारंटाइन कर दिया है। दरअसल, विभाग को आशंका थी कि बंदर कोरोना मरीज का भोजन और कपड़े इत्यादि उठा रहे थे, जिससे उनमें संक्रमण का खतरा हो सकता है। इसके कारण वन विभाग ने एहतियात के तौर पर उन्हें अलग रखने के लिए यह कदम उठाया है, ताकि अभ्यारण्य के अन्य जानवरों में कोरोना का संक्रमण न फैल पाए।

वन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि पकड़े गए इनमें से किसी भी बंदर में कोरोना का कोई लक्षण नहीं पाया गया है। विभाग ने अब तक 20 बंदरों के एंटिजन टेस्ट किए हैं, जिसमें सभी की रिपोर्ट निगेटिव आई है। वन विभाग के अधिकारी के मुताबिक, दक्षिणी दिल्ली नगर निगम की टीम में सरदार पटेल कोविड-19 केयर सेंटर और दक्षिणी जिले के अन्य हाटस्पाट इलाकों से कुल 58 बंदरों को पकड़कर वन विभाग को सौंपा था।

अत्यधिक संक्रमित इलाकों से पकड़े जाने के कारण विभाग को यह आशंका थी कि बंदरों में भी कोरोना संक्रमण हो सकता है। इसलिए वन विभाग की टीम ने इन बंदरों को तुगलकाबाद के पशु बचाव केंद्र में क्वारंटाइन किया है। इनमें से कुछ बंदरों का 14 दिन का आइसोलेशन पूरा हो चुका है जिन्हें अब असोला भाटी वन्यजीव अभ्यारण्य में छोड़ा जाएगा। बाकी के 30 बंदर अभी भी आइसोलेशन में ही हैं। आगे भी जो बंदर इस परिसर से पकड़े जाएंगे उन्हें भी जंगल में छोड़ने से पहले क्वारंटाइन किया जाएगा। असोला भाटी वन्य जीव अभ्यारण्य में तेंदुए, नीलगाय, सियार और साही आदि जानवर रहते हैं।

बंदरों से बचने के लिए लगाए लंगूर के कटआउट

सरदार पटेल कोविड केयर सेंटर में बंदर न आएं, इसके लिए यहां लंगूरों के कटआउट लगाए गए हैं। इस सेंटर के आसपास ग्रामीण क्षेत्र होने के साथ यहां जंगल भी हैं, जहां से काफी संख्या में बंदर इस कोविड सेंटर पर खाने की तलाश में पहुंच रहे हैं जो मरीजों के खाने का सामान उठा ले जाते हैं। बंदर मरीजों के लिए खतरा भी बने हुए हैं। मरीजों और स्टाफ की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए प्रशासन ने नई पहल की है। इस पूरे सेंटर में जगह-जगह लंगूरों के कट आउट लगाए गए हैं, ताकि इनको देखकर बंदर यहां न आएं।

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