Delhi News: 15 साल से अलग रह रही पत्नी पति पर लगाती रही झूठे आरोप; दिल्ली HC ने दिखाया आईना
Delhi News दिल्ली हाई कोर्ट ने कहा जब विवाह का बंधन काम नहीं कर रहा है और दोनों पंद्रह साल से अलग रह रहे हैं व उनके बीच सुलह की कोई संभावना है। अदालत ने कहा कि विवाह में लंबे समय तक अलग रहने के साथ झूठे आरोप व पुलिस रिपोर्ट मानसिक क्रूरता का स्रोत हैं। इस मामले में HC ने तलाक बरकरार रखा गया।
नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। अलग रह रहे जोड़े को तलाक देने के आदेश को बरकरार रखते हुए दिल्ली हाई कोर्ट ने कहा कि विवाह में एक साथ रहना कोई अपरिवर्तनीय कार्य नहीं है। जब विवाह का बंधन काम नहीं कर रहा है और दोनों पंद्रह साल से अलग रह रहे हैं व उनके बीच सुलह की कोई संभावना है।
अदालत ने कहा कि विवाह में लंबे समय तक अलग रहने के साथ झूठे आरोप व पुलिस रिपोर्ट मानसिक क्रूरता का स्रोत हैं। अदालत ने कहा कि रिश्ते को जारी रखने या पति को तलाक देने के पारिवारिक अदालत के आदेश को संशोधित करने का कोई भी आग्रह केवल दोनों पक्षों पर के बीच क्रूरता का भाव पैदा करेगा।
पति ने इसलिए की तलाक की मांग
उक्त टिप्पणी करते हुए न्यायमूर्ति सुरेश कुमार कैत व न्यायमूर्ति नीना बंसल कृष्णा की पीठ ने क्रूरता के आधार पर तलाक देने के पारिवारिक अदालत के आदेश को चुनौती देने वाली पत्नी की याचिका खारिज कर दी।
पति ने इस आधार पर तलाक की मांग की थी कि उसकी पत्नी उसकी व उसके परिवार के सदस्यों से झगड़ा करती थी और बिना बताए वैवाहिक घर छोड़ देती थी।
उक्त आदेश को किया जाए रद
वहीं, अपीलकर्ता पत्नी ने तर्क दिया कि तलाक की याचिका का कोई आधार नहीं था और उक्त आदेश को रद किया जाए। अदालत ने कहा कि कई बार असंगतता और स्वभावगत मतभेदों के कारण शादियां नहीं चल पाती हैं और इसके लिए किसी भी पक्ष को दोषी नहीं ठहराया जा सकता है।