Move to Jagran APP
5/5शेष फ्री लेख

सुप्रीम कोर्ट की शर्तों के बावजूद खुलकर फैसले ले पाएंगे केजरीवाल? जानें क्या कहते हैं एक्सपर्ट

सीएम केजरीवाल के जेल में रहने से कई महत्वपूर्ण कार्य रुके हुए थे। मंत्रिमंडल में एक पद रिक्त है। मनीष सिसोदिया को फिर से उपमुख्यमंत्री बनाए जाने की संभावना जताई जा रही थी। मार्च के बाद से कैबिनेट की कोई बैठक नहीं होने से सरकार के सभी महत्वपूर्ण काम लगभग ठप हैं। पीठासीन अधिकारी की नियुक्ति नहीं होने के कारण MCD में महापौर का चुनाव नहीं हो सका है।

By V K Shukla Edited By: Sonu Suman Updated: Fri, 13 Sep 2024 11:08 PM (IST)
Hero Image
केजरीवाल के तिहाड़ से बाहर आने पर पार्टी संगठन आशावान। (फोटो- AAP ट्विटर)

वी के शुक्ला, नई दिल्ली। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के जेल से बाहर आने से आप को संगठन स्तर पर जरूर बड़ी राहत मिली है, परंतु सशर्त जमानत मिलने के कारण सरकार से संबंधित कार्यों को लेकर असमंजस है, क्योंकि शीर्ष अदालत ने उनकी रिहाई के लिए कुछ शर्तें भी लगाई हैं।

हालांकि आप को दिल्ली सरकार के कामकाज में तेजी आने की उम्मीद है। आप ने कहा है कि केजरीवाल अपने सभी मंत्रियों को निर्देश देने के लिए पूरी तरह से सशक्त हैं ताकि जनहित में काम किया जा सके। आप ने कहा कि जल्द ही सरकार के कामकाज में बदलाव दिखाई देगा।

आप संगठन को मिली संजीवनी

आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक एवं दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल को सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिलने के बाद पार्टी में उत्साह है। सीधे शब्दों में कहें तो चुनावी माहौल में सीएम केजरीवाल को जमानत मिल जाने से आप संगठन को संजीवनी मिल गई है।

हालिया चुनाव में खल रही थी केजरीवाल की कमी

हरियाणा व जम्मू कश्मीर विधानसभा चुनाव में उतरी पार्टी को केजरीवाल की कमी खल रही थी। मगर अब चुनाव के लिए रणनीति बनाने में बड़ी राहत मिलेगी। वहीं दिल्ली विधानसभा चुनाव की तैयारी को भी बड़ा बल मिल सकेगा।राजनीतिक दृष्टि से ये दोनों राज्य आप के लिए महत्वपूर्ण हैं।

पांच महीने बाद दिल्ली में होंगे चुनाव

जम्मू कश्मीर में चुनाव प्रचार को वहां के स्थानीय नेता देख रहे हैं, जबकि दिल्ली का पड़ोसी राज्य होने के कारण पार्टी के प्रमुख नेता हरियाणा में डेरा डाल रहे हैं। मगर केजरीवाल की कमी हर स्तर पर महसूस की जा रही थी। वहीं आगामी दिल्ली विधानसभा चुनाव में भी पार्टी अपनी रणनीति मजबूती से तय कर सकेगी। ठीक पांच माह बाद फरवरी में दिल्ली विधानसभा चुनाव प्रस्तावित हैं।

जेल में रहने से कई महत्वपूर्ण कार्य रुके

बता दें कि सीएम के जेल में रहने से कई महत्वपूर्ण कार्य रुके हुए हैं। मंत्रिमंडल में एक पद रिक्त है। मनीष सिसोदिया को फिर से उपमुख्यमंत्री बनाए जाने की संभावना जताई जा रही थी। मार्च के बाद से कैबिनेट की कोई बैठक नहीं होने से सरकार के सभी महत्वपूर्ण काम लगभग ठप हैं। पीठासीन अधिकारी की नियुक्ति नहीं होने के कारण दिल्ली नगर निगम में महापौर का चुनाव नहीं हो सका है।

शर्तें लगने से बहुत अधिक बदलाव की उम्मीद कम

कार्यालय नहीं जाने और किसी सरकारी फाइल पर हस्ताक्षर नहीं करने की शर्त के कारण विशेषज्ञों को स्थिति में बहुत अधिक बदलाव की उम्मीद कम है। महिलाओं को 1,000 रुपये मासिक मानदेय प्रदान करने वाली "मुख्यमंत्री महिला सम्मान योजना" को लागू किया जाना है। आइएएस और अन्य ग्रुप ए पोस्टिंग के लिए राष्ट्रीय राजधानी सिविल सेवा प्राधिकरण (एनसीसीएसए) की बैठक की तारीख तय करनी है।

केजरीवाल कैंप कार्यालय में बैठकों की झड़ी लगा सकते हैं। वह सरकार की लंबित प्रमुख योजनाओं और नीतियों पर काम में तेजी लाने के तरीके भी खोज सकते हैं, जिसमें ईवी नीति 2.0, सेवाओं की डोरस्टेप डिलीवरी और दिल्ली सोलर नीति शामिल हैं।

एलजी कार्यालय से सक्रिय रूप से कर सकते हैं बातचीत

केजरीवाल दिल्ली जल बोर्ड, स्वास्थ्य और लोक निर्माण विभागों जैसे महत्वपूर्ण सार्वजनिक सेवा-उन्मुख विभागों और एजेंसियों के फंड को कथित रूप से रोकने से संबंधित मुद्दों पर उपराज्यपाल कार्यालय के साथ सक्रिय रूप से बातचीत कर सकते हैं।

लोगों के कल्याण से जुड़ी परियोजनाओं पर कोई नहीं रोक सकता

दिल्ली के पूर्व मुख्य सचिव पीके त्रिपाठी ने कहा कि हालांकि फाइलों पर हस्ताक्षर करने की मुख्यमंत्री की शक्ति में अस्पष्टता है, लेकिन लोगों के कल्याण के लिए योजनाओं और परियोजनाओं पर काम करने से उन्हें कोई नहीं रोक सकता। आगामी चुनावों के मद्देनजर आने वाले हफ्तों में मोहल्ला और प्रीमियम बसों, अस्पतालों, स्कूलों, फ्लाईओवरों के उद्घाटन और नई पहलों जैसी परियोजनाओं और योजनाओं का शुभारंभ हो सकता है।

यह भी पढ़ें- 'मेरे जीवन का एक-एक पल, खून का एक-एक कतरा देश के लिए समर्पित', जेल से बाहर आते ही बोले केजरीवाल

आपके शहर की तथ्यपूर्ण खबरें अब आपके मोबाइल पर