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क्या इस्तीफा देंगे केजरीवाल? दिल्ली के सियासी संकट से जुड़े दो संकेत और एक बड़े दावे से समझें A TO Z

केंद्र में ना तो आइएनडीआइ गठबंधन की सरकार बनी और ना ही कोर्ट से अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) को आबकारी मामले में कोई राहत मिली है। जब दोनों तरफ से आम आदमी पार्टी को निराशा हाथ लगी तो अब सबसे बड़ा सवाल केजरीवाल के सामने दिल्ली में अपनी सरकार बचाने को लेकर है। एलजी सक्सेना पहले ही कह चुके हैं कि जेल से सरकार नहीं चलेगी।

By Santosh Kumar Singh Edited By: Monu Kumar Jha Updated: Fri, 07 Jun 2024 06:05 PM (IST)
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Delhi News: आइएनडीआइ गठबंधन की हार से बढ़ा केजरीवाल सरकार का संकट।
संतोष कुमार सिंह, नई दिल्ली। (Delhi Politics Hindi News) केंद्र में न आइएनडीआइ गठबंधन की सरकार बनी और न अदालत से अरविंद केजरीवाल को राहत मिली। दोनों तरफ से निराशा मिलने के बाद अब केजरीवाल के सामने दिल्ली में अपनी सरकार बचाने की चुनौती है। इस बीच दिल्ली की सियासत पर संकट के बादल मंडराने लगे हैं। एक ओर जहां एलजी पहले ही कह चुके हैं कि वह जेल से सरकार नहीं चलने देंगे, वहीं अदालत से भी केजरीवाल को जमानत नहीं मिली। ऐसे में वह कब तक जेल से बाहर आएंगे कोई निश्चित नहीं है।

इस बीच दिल्ली में नया सियासी भूचाल आ सकता है, जिसे लेकर दो संकेत और एक बड़ा दावा सामने आ रहा है। हम जिन दो संकेतों की बात कर रहे हैं उसमें से पहला है दिल्ली के सीएम को जमानत न मिलना।

दूसरा संकेत है गुरुवार को सीएम आवास पर सुनीता केजरीवाल की अध्यक्षता में पहली बार कोई बैठक हुई। इस बैठक से भाजपा के उस दावे को बल मिलता है कि केजरीवाल इस्तीफा देकर पत्नी सुनीता को अपना उत्तराधिकारी बना सकते हैं।

क्या हैं वर्तमान हालात

गौरतलब है कि उपराज्यपाल वीके सक्सेना स्पष्ट कर चुके हैं कि वह जेल से दिल्ली सरकार नहीं चलने देंगे। दिल्ली में संवैधानिक संकट जैसी स्थिति उत्पन्न होने पर वह सख्त कदम उठाने के भी संकेत दे चुके हैं। इससे आप सरकार के भविष्य को लेकर कयास लगने लगे हैं।

ईडी ने 21 मार्च को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को गिरफ्तार किया था। गिरफ्तारी के बाद भी उन्होंने पद नहीं छोड़ा। आम आदमी पार्टी ने घोषणा की है कि केजरीवाल जेल से ही सरकार चलाएंगे। वहीं, भाजपा उनके इस्तीफे की मांग कर रही है।

दिल्ली का विकास बाधित हो रहा है-भाजपा

भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा व अन्य नेताओं का कहना है कि मुख्यमंत्री के जेल में होने से दिल्ली का विकास बाधित हो रहा है। महापौर का चुनाव नहीं हो सका है। दिल्लीवासियों के हित में उन्हें अविलंब त्यागपत्र देकर किसी और विधायक को मुख्यमंत्री बनाना चाहिए।

क्या कहते हैं दिल्ली के पूर्व मुख्य सचिव

दिल्ली के पूर्व मुख्य सचिव ओमेश सहगल का मानना है कि मुख्यमंत्री के जेल में होने से सामान्य प्रशासनिक कार्य पर कोई असर नहीं पड़ रहा है, परंतु बड़े निर्णय नहीं हो सकते।

यदि लंबे समय तक वह जेल में रहेंगे तो निश्चित रूप से दिल्ली का विकास व अन्य कार्य बाधित होंगे। महत्वपूर्ण फाइलें मुख्यमंत्री की अनुशंसा से उपराज्यपाल के द्वारा पास की जाती है।

राजनीतिक जानकारों की क्या है राय

राजनीतिक जानकारों का कहना है कि केजरीवाल (Kejriwal News) को यह उम्मीद रही होगी कि केंद्र में आइएनडीआइ गठबंधन की सरकार बनेगी तो उन्हें राहत मिल जाएगी, परंतु ऐसा नहीं हुआ। अदालत ने उन्हें अंतरिम जमानत देने से भी इनकार कर दिया है। इस कारण आने वाले दिनों में उनकी सरकार की परेशानी बढ़ेगी।

सरकार बचाने के लिए सौंपनी होगी किसी और को कुर्सी

आप सरकार को बचाने के लिए उन्हें त्यागपत्र देकर किसी और को मुख्यमंत्री की कुर्सी सौंपनी होगी। उनके सामने दो विकल्प हैं, या तो वह अपनी पत्नी को अपना उत्तराधिकारी बनाएंगे या फिर अपने किसी विधायक को।

भाजपा यह आरोप लगाती रही है कि केजरीवाल अपनी पत्नी सुनीता केजरीवाल को अपना उत्तराधिकारी बनाना चाहते हैं। इसके लिए वह पार्टी में सहमति बनाने का प्रयास कर रहे हैं और इसे लेकर पार्टी में असंतोष भी है।

पति की अनुपस्थिति में सुनीता आईं फ्रंटफुट पर

पति के जेल जाने के बाद से सुनीता केजरीवाल राजनीति में सक्रिय हुई हैं। 31 मार्च को आइएनडीआइए की रामलीला मैदान में हुई रैली में उनकी राजनीतिक पारी की शुरुआत हुई थी।

पति की अनुपस्थिति में वह लोकसभा चुनाव प्रचार की कमान भी संभाल रही थीं। बृहस्पतिवार को सीएम की अनुपस्थिति में उनके आवास पर विधायकों की बैठक हुई। ऐसे में, भाजपा के आरोप को बल मिलता है।

दिल्ली भाजपा अध्यक्ष ने लगाए ये आरोप

दिल्ली भाजपा (Delhi BJP)  के अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा (Virendra Sachdeva) का कहना है कि परिवारवाद और भ्रष्टाचार का विरोध कर सत्ता तक पहुंचने वाले केजरीवाल की सच्चाई जनता के सामने आ गई है। भ्रष्टाचार के आरोप में वह जेल में हैं।

अपने बचाव के लिए वह उन लोगों की शरण में चले गए हैं जिन्हें कभी भ्रष्टाचारी और परिवारवाद बढ़ाने का आरोप लगाकर उनका विरोध करते थे। अब न उन्हें भ्रष्टाचार से परहेज है और न परिवारवाद से।

यही कारण है कि भ्रष्टाचार में जेल जाने के बाद अपनी पत्नी को मुख्यमंत्री बनाने की कोशिश में लगे हुए हैं। दिल्ली के हित में उन्हें अपने किसी विधायक को मुख्यमंत्री बनाना चाहिए।

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