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Monsoon forecast 2021: क्या देशभर में मानसून की रफ्तार पर ब्रेक लगाएगा यास तूफान, पढ़िये- एक्सपर्ट की राय

Monsoon forecast 2021 डॉ. एम. राजीवन की मानें तो इस साल होने वाली मानसून की बारिश पर इसका कोई असर नहीं पड़ेगा। वह वैसी ही होगी जैसी पूर्व में संभावना जताई गई है। कुलमिलाकर यास तूफान मानसून की गति पर असर डालेगा बारिश पर नहीं।

By Jp YadavEdited By: Updated: Thu, 27 May 2021 08:50 AM (IST)
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Monsoon forecast 2021: क्या देशभर में मानसून की रफ्तार पर ब्रेक लगाएगा यास तूफान, पढ़िये- एक्सपर्ट की राय
नई दिल्ली [संजीव गुप्ता]। ओड़िशा और बंगाल के तटीय क्षेत्रों में उत्पात मचाने के बाद यास तूफान दक्षिणी- पश्चिमी मानसून की रफ्तार पर भी ब्रेक लगा सकता है। केरल की इसकी दस्तक थोड़ा आगे खिसक सकती है। हालांकि मानसून की बारिश उतनी ही रहेगी, जितनी संभावना पूर्व में जताई गई है। मानसून की दस्तक को लेकर एक-दो दिन में भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (Indian Meteorological Department) नया शेडयूल भी जारी कर सकता है। उधर, डॉ. एम राजीवन (सचिव, केंद्रीय पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय) की मानें तो  यास तूफान मानसून के आगमन को प्रभावित कर रहा है। यह असर कितना होगा? और कब तक होगा? इस पर लगातार निगरानी हो रही है। डॉ. एम. राजीवन की मानें तो इस साल होने वाली मानसून की बारिश पर इसका कोई असर नहीं पड़ेगा। वह वैसी ही होगी, जैसी पूर्व में संभावना जताई गई है। कुलमिलाकर यास तूफान मानसून की गति पर असर डालेगा, बारिश पर नहीं।

मानसून के आगमन से ठीक पहला आया यास तूफान

गौरतलब है कि मौसम विभाग ने केरल में मानसून की दस्तक एक जून को बताई है, जबकि स्काईमेट वेदर ने 31 मई की संभावना जताई है। अंडमान निकोबार में मानसून आ भी गया है। लेकिन यास के प्रभाव से दक्षिणी- पश्चिमी मानसून की दस्तक प्रभावित होती जा रही है। दरअसल, प्रभाव तो टाक्टे का भी पड़ सकता था किन्तु टाक्टे और मानसून की दस्तक के बीच लगभग 12 दिन का अंतराल था। इसलिए काई फर्क नहीं पड़ा। जबकि यास तब आया है जब मानसून का आगमन भी होने ही वाला है।

शुरुआती दिनों में मानसून को प्रभावित कर सकता है यास तूफान

मौसम विज्ञानियों के अनुसार अरब सागर और बंगाल की खाड़ी में तीव्र चक्रवाती गतिविधियां शुरुआती दिनों में मानसून को प्रभावित कर सकती है। मानसून से पहले तूफान के प्रभाव से तटीय क्षेत्रों में हुई भारी बारिश भी मानसून की सुव्यवस्थित प्रणाली के अच्छी नहीं कही जा सकती। इसलिए संभावना है कि दक्षिणी पश्चिमी मानसून का आगमन अब थोड़ा विलंबित होगा।

 यह भी जानें

  • दक्षिणी पश्चिमी मानसून की केरल में दस्तक हो सकती है प्रभावित, हालांकि इसकी बारिश पर नहीं पड़ेगा कोई असर
  • -केंद्रीय पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय ने जताई संभावना, एक-दो दिनों में भारतीय मौसम विज्ञान विभाग जारी कर सकता नया शेडयूल
मानसून चक्र के भी प्रभावित होने के आसार

मौसम विज्ञानियों का यह भी कहना है कि अगर केरल में मानसून की दस्तक थोड़ा आगे खिसकती है तो इससे आगे का चक्र भी प्रभावित होगा। मध्य भारत में यह जून के अंतिम सप्ताह तक पहुंचेगा जोकि सामान्य से दो सप्ताह देरी से होगा। तेलंगाना में मानसून 24 जून से 2 जुलाई के बीच पहुंच सकता है जबकि वहां पर यह 10 जून तक पहुंचता रहा है। इसी तरह दिल्ली एनसीआर में 27-28 जून की बताए जुलाई के पहले या दूसरे सप्ताह में दस्तक दे सकता है।

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केंद्रीय मंत्रालय ने भी माना, यास से मानसून की दस्तक के प्रभावित होने के आसार

केंद्रीय पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय ने भी इसकी पुष्टि की है कि यास से मानसून की दस्तक प्रभावित हो सकती है। हालांकि यह किस हद तक प्रभावित होगी, इसका आंकलन करने में मौसम विभाग अभी जुटा हुआ है। मंत्रालय का कहना है कि बृहस्पतिवार या शुक्रवार तक विभाग की ओर से इस संबंध में औपचारिक तौर पर नया अपडेट जारी कर दिया जाएगा।

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इस बाबत डॉ. एम राजीवन (सचिव, केंद्रीय पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय) का कहना है कि  यास तूफान मानसून के आगमन पर असर डाल रहा है। यह असर कितना होगा, इस पर लगातार निगरानी हो रही है। हालांकि मानसून की बारिश पर इसका कोई असर नहीं पड़ेगा। वह वैसी ही होगी, जैसी पूर्व में संभावना जताई गई है।

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