चिड़ियाघर के जानवरों को अब नहीं सता पाएगी सर्दी, किए गए खास इंतजाम
चिड़ियाघर के क्यूरेटर रियाज अहमद खान ने बताया कि इस मौसम में जानवरों को सर्दी से बचाना बड़ी चुनौती होती है। इसके लिए समय रहते सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं।
नई दिल्ली [ललित कौशिक]। बढ़ती सर्दी को ध्यान में रखते हुए चिड़ियाघर प्रशासन ने कमर कस ली है। जानवरों को सर्दी से बचाने के लिए सभी जरूरी कदम उठा लिए गए हैं। इस मौसम में उनके खाने-पीने से लेकर उनके रहने की व्यवस्था पर विशेष ध्यान रखा जा रहा है, ताकि वे ठंड लगने से बीमार न हों।
जानवरों को सर्दी से बचाना बड़ी चुनौती
इसमें प्रमुख बाघों के पिजरो के सामने हीटर की व्यवस्था, लकड़ी के फर्श तैयार करना, सांपों के लिए पुआल व बोरी से बनी चटाई बिछाना व गर्माहट के लिए मटकों में छेद करके उनमें बल्ब लगाना आदि शामिल है। अधिक सर्दी होने पर चिड़ियाघर प्रशासन की ओर से पिंजरों को टाट से ढकने के पूरे इंतजाम किए जा चुके हैं। चिड़ियाघर के क्यूरेटर रियाज अहमद खान ने बताया कि इस मौसम में जानवरों को सर्दी से बचाना बड़ी चुनौती होती है। इसके लिए समय रहते सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं।
पिंजरों के सामने हीटर
रियाज ने बताया कि सभी बड़े जानवरों को सर्दी से बचाने के लिए उनके पिंजरों के सामने हीटर लगा दिए गए हैं। ये उनके पिंजरे में रहने पर चलते रहते हैं। सर्दी बढ़ने पर इनकी संख्या बढ़ाई भी जा सकती है। उन्हें पिंजरे में बैठने पर ठंडा फर्श महसूस न हो, इसके लिए लकड़ी के फर्श तैयार किए गए हैं। विजय नाम के सफेद बाघ के बाड़े में तीन हीटर लगाए गए है, जहां चार सफेद बाघ और भी हैं। सर्दी ज्यादा होने पर पिंजरों के ऊपर टाट रखी जाती है। ऐसी ही व्यवस्था भालू, शेर, तेंदुआ और अन्य बड़े जानवरों के लिए की गई है।
पक्षियों को सर्दी से बचाने के लिए इतंजाम
रियाज ने बताया कि पक्षियों को सर्दी से बचाने के लिए भी पूरे इतंजाम किए गए हैं। जिस जगह वे शाम को आकर छिप जाते है वहां पर मटकों में छेद करके बल्ब लगाए गए हैं, जिससे उन्हें गर्माहट मिलती रहती है। ऐसी ही व्यवस्था सांपों के लिए भी की गई है, लेकिन उस जगह बोरी की चटाई भी बिछाई गई और पुआल भी रखे गए हैं। हालांकि सर्दी में वे ज्यादातर समय पुआल में ही छिपे रहते है। हिरन के बाड़े में पुआल बिछा दी गई है।
सर्दी में खाने-पीने पर रखा जाता है विशेष ध्यान
सर्दी के मौसम में मांसाहारी जानवरों के खाने-पीने पर विशेष ध्यान रखा जाता है। वैसे आमतौर पर बाघ रोजाना तकरीबन 10 किलो मीट खाता है, लेकिन सर्दी में उसे दो किलो अतिरिक्त मीट खाने के लिए दिया जाता है। इससे उन्हें पर्याप्त पोषण और संक्रमण से लड़ने में मदद मिलती है।
खाने में गुड़ व खिचड़ी भी
दरियाई घोड़ा, हाथी और गैंडे को सर्दी में खाने के लिए खिचड़ी दी जाती है। विटामिन की मात्रा बढ़ाने के लिए नियमित तौर पर कच्चा आंवला भी देते हैं। हाथी को खाने के लिए गुड़ भी दिया जाता है, जिससे उनकी आंत ठीक रहती है। समय-समय पर चिड़ियाघर के सभी जानवरों की स्वास्थ्य की जांच भी करवाई जाती है।
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