1984 Sikh Riots Case: मेरे पति के सीने में घोंप दी कृपाण और फिर... टाइलटर के खिलाफ गवाही देते हुए भावुक हुई महिला
पुल बंगश गुरुद्वारा मामले में एक पीड़ित की पत्नी ने कांग्रेस नेता जगदीश टाइटलर के खिलाफ गवाही दी है। पीड़ित बादल सिंह की पत्नी लखविंदर कौर ने कहा कि एक प्रत्यक्षदर्शी ने उन्हें बताया कि टाइटलर एक वाहन में घटनास्थल पर आए थे और भीड़ को उकसाया था। सीबीआई ने 20 मई 2023 को मामले में टाइटलर के खिलाफ आरोपपत्र दायर किया था।
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। वर्ष 1984 के सिख विरोधी दंगों से संबंधित उत्तरी दिल्ली के पुल बंगश गुरुद्वारा मामले में तीन सिखों की हत्या मामले में एक पीड़ित की पत्नी ने कांग्रेस नेता जगदीश टाइटलर के खिलाफ में गवाही दी। राउज एवेन्यू स्थित विशेष न्यायाधीश राकेश स्याल ने पीड़ित बादल सिंह की पत्नी लखविंदर कौर ने कहा कि एक प्रत्यक्षदर्शी ने उन्हें बताया कि टाइटलर एक वाहन में घटनास्थल पर आए थे और भीड़ को उकसाया था।
कौर ने अदालत को बताया कि वर्ष 2008 में उनकी मुलाकात सुरेन्द्र सिंह ग्रंथी से हुई थी, जो गुरुद्वारे में ग्रंथी के तौर पर काम करते थे, जिन्होंने उन्हें घटना के बारे में बताया। कौर ने कहा कि सुरेंद्र सिंह ने उन्हें बताया था कि उसने गुरुद्वारे की छत से घटना देखी थी। उन्होंने कहा कि ग्रंथी ने उन्हें बताया कि उसने उनके पति बादल सिंह को गुरुद्वारे से बाहर निकलते हुए देखा और फिर भीड़ द्वारा उन पर हमला होते देखा।
'पति की कृपाण निकालकर सीने में घोंप दी'
उन्होंने कहा कि ग्रंथी के मुताबिक उसने देखा था कि जिसने उनके पति की कृपाण निकाली थी और उसी ने कृपाण उनके शरीर में घोंपकर उनकी हत्या कर दी। कौर ने कहा कि ग्रंथी ने यह भी बताया कि टाइटलर एक वाहन में घटनास्थल पर आया था और उसने सभी को एकत्रित किया था।भीड़ ने टाइटलर के उकसावे पर की हिंसा
उन्होंने कहा कि सुरेंद्र सिंह ने उन्हें बताया कि भीड़ ने टाइटलर के उकसावे पर हिंसा की और उसके पति की हत्या करने के बाद शव को एक गाड़ी में डाल दिया और उसके ऊपर जलते हुए टायर रखकर शव को जला दिया गया। कौर ने बताया कि उन्होंने मामले की जांच के लिए याचिका दायर की थी।
टाइटलर के अधिवक्ता ने बयान का विरोध करते हुए कहा कि ग्रंथी का बयान अफवाह है और सुबूत के तौर पर स्वीकार्य नहीं है। अदालत ने इस दावे को खारिज कर दिया और मामले को 15 अक्टूबर तक के लिए स्थगित कर दिया।
1984 में इंदिरा गांधी की हत्या के बाद भड़की थी हिंसा
सीबीआई ने 20 मई, 2023 को मामले में टाइटलर के खिलाफ आरोपपत्र दायर किया था। सीबीआई ने अपने आरोपपत्र में आरोप लगाया कि टाइटलर ने एक नवंबर, 1984 को पुल बंगश गुरुद्वारा आजाद मार्केट में एकत्रित भीड़ को उकसाया और भड़काया था। जिसके परिणामस्वरूप गुरुद्वारा जला दिया गया और तीन सिखों - ठाकुर सिंह, बादल सिंह और गुरचरण सिंह की हत्या कर दी गई। बता दें कि 31 अक्टूबर, 1984 को प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की उनके सिख अंगरक्षकों द्वारा हत्या के बाद देश के कई हिस्सों में सिख विरोधी दंगे भड़क उठे थे।
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