Delhi: चलते ई-रिक्शा में आग लगने से झुलसे तीन लोग, एक महिला की जलकर मौत; दो गंभीर रूप से घायल
नंदनगरी इलाके में चलते ई-रिक्शा में धमाके के बाद आग लगने की घटना सामने आई है। हादसे के बाद ई-रिक्शा चालक जला हुआ रिक्शा छोड़कर मौके से फरार हो गया। इस हादसे में ई-रिक्शा में बैठी तीन सवारी बुरी तरह झुलस गई जिन्हें इलाज के लिए जीटीबी अस्पताल ले जाया गया जहां इलाज के दौरान एक की मौत हो गई।
ई-रिक्शा की बैटरी में कैसी लगी आग?
पुलिस का कहना है कि ई-रिक्शा की बैटरी में कुछ खराबी होने के कारण आग लगी होगी। इसकी जांच की जा रही है। उत्तर पूर्वी जिला पुलिस उपायुक्त जाय टिर्की ने बताया कि बैटरी रिक्शा मंडोली चुंगी से शाहदरा की ओर जा रहा था। ई-रिक्शा नंदनगरी ईएसआई डिस्पेंसरी के पास पहुंचा तो अचानक उसमें धमाका हुआ और आग लग गई।पांच माह पहले बेटे और अब मां का निधन, घर में छाया मातम
मृतका के स्वजन शिवराज ने बताया कि ओमवती और पुष्पराज बृहस्पतिवार तड़के करीब साढ़े चार बजे घर से गढ़ गंगा जाने के लिए निकले थे। उन्हें ई-रिक्शा से शाहदरा जाना था। वहां ट्रेन में सवार होकर यह गढ़ जाते, लेकिन उससे पहले ही दोनों हादसे के शिकार हो गए।जिन वाहनों में लिथियम बैटरी लगती है, उनमें आग लगने का खतरा अधिक रहता है। लिथियम बैटरी कई छोटे छोटे सेल को जोड़कर बनती है। इसके लिए एक बैटरी मैनेजमेंट सिस्टम लगता है, जो उसके तापमान को नियंत्रित करता है। लेकिन इसमें भी पैसिव बैलेंसिंग सिस्टम होता है जिसमें थर्मल रेजिस्टिव बैलेंसिंग तकनीक का उपयोग होता है, इसमें आग लगने का खतरा रहता है। इसलिए हमें एक्टिव सेल मैनेजमेंट तकनीक का उपयोग करना चाहिए, इसमें आग लगने का खतरा बिल्कुल नहीं होता। इसके अलावा बैटरी को ओवर चार्जिंग और अधिक तापमान में रखने से बचना चाहिए। बैटरी की लाइफ तीन से पांच वर्ष की होती है अगर कोई इससे अधिक उसका उपयोग करे तो भी आग लगने का खतरा रहता है। थोड़ी सी जागरूकता हमें ऐसे बड़े हादसों से बचा सकती है। -सुधांशु शर्मा, ईवी विशेषज्ञ, सह-संस्थापक, नवस्ट्रीम इनोवेशन।