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दिल्ली में सड़क पर भरे पानी में रखा पैर और हो गई महिला की मौत, PWD की लापरवाही आई सामने

यमुना विहार में वजीराबाद रोड किनारे सी-ब्लॉक की सर्विस रोड पर यह हादसा हुआ है। महिला अस्पताल में इलाज के लिए जा रही थीं। पुलिस ने लापरवाही से मौत के मामले में जांच शुरू कर दी है। आसपास के लोगों का आरोप है कि नाला और स्ट्रीट लाइट के खंभे पीडब्ल्यूडी के हैं। इस विभाग की लापरवाही से हादसा हुआ है।

By Ashish Gupta Edited By: Geetarjun Updated: Sat, 13 Jul 2024 09:02 PM (IST)
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महिला की यहीं पर करंट आने से गई जान।
जागरण संवाददाता, पूर्वी दिल्ली। यमुना विहार में पीडब्ल्यूडी की लापरवाही से एक महिला की जान चली गई। सड़क पर भरे वर्षा जल में पैर रखते ही महिला की करंट लगने से मौत हो गई। आरोप है कि घटनास्थल के पास लगे स्ट्रीट लाइट के खंभे से बाहर निकल रही तार से करंट पानी में पहुंचने के कारण हादसा हुआ।

मृतका की पहचान पूनम (34) के रूप में हुई है, वह परिवार के साथ गामड़ी एक्सटेंशन गली नंबर-19 में रहती थीं। वह किडनी में संक्रमण की जांच कराने के लिए एक डाइग्नोस्टिक सेंटर पर जा रही थीं। पुलिस ने मृतका के शव को पोस्टमॉर्टम के लिए जीटीबी अस्पताल भेज दिया है। लापरवाही से मौत के आरोप में प्राथमिकी कर मामले की जांच शुरू कर दी गई है।

बेटे की मानसिक तबीयत है खराब

पूनम के परिवार में पति रविंद्र कुमार, 14 वर्षीय बेटा अर्णब है। उनके पति घर के नीचे परचून की दुकान चलाते हैं। जेठ जसवंत और देवर गुड्डू का परिवार उनके साथ मकान में अलग तल पर रहता है। बेटा अर्णब मानसिक रूप से कमजोर है, वह पिछले 10 दिन से सीने में संक्रमण होने पर बुखार के चलते नई दिल्ली के अरुण आसिफ अली अस्पताल में भर्ती था, शनिवार को ही उसे सफदरजंग रेफर कर दिया गया।

पूनम भी जा रही थीं अस्पताल 

पूनम भी बीमार थीं, उनका भी अरुण आसिफ अली अस्पताल में उपचार चल रहा था। उनको गर्भाश्य में गांठ व पथरी के कारण किडनी में संक्रमण होने की आशंका थी। वह शनिवार सुबह अस्पताल से ही सीधे जांच कराने के लिए यमुना विहार आई थीं।

बस से वजीराबाद रोड पर उतर कर वह यमुना विहार सी-ब्लॉक की सर्विस रोड पर पहुंचीं, वहां तड़के हुई वर्षा का पानी भरा हुआ था। वह सर्विस रोड के किनारे नाले पर बने फुटपाथ से एक निजी डाइग्नोस्टिक सेंटर जा रही थीं। जहां पर फुटपाथ खत्म हुआ, वहां से उन्हें पानी के बीच से जाना था।

देखने वालों ने क्या बताया

चाय की दुकान चला रहे प्रत्यक्षदर्शी मोहम्मद साजिद ने बताया कि सुबह करीब 7:30 बजे हादसा हुआ। फुटपाथ से नीचे पानी में पैर रखते ही महिला मुंह के बल सड़क पर गिर गई। इतने में पास में मोरल नर्सिंग होम का एक गार्ड आया, उन्होंने ग्लव्ज और रबड़ के जूते पहनने के बाद महिला को बाहर निकाला। नर्सिंग होम में महिला की जांच की तो वह मृत थीं।

हादसे की भनक लगते ही इस सर्विस रोड पर मशीन लगाकर पानी साफ करा दिया। पुलिस का कहना है कि सर्विस रोड पर घटनास्थल के पास स्ट्रीट लाइट के खंभे के पैनल का दरवाजा खुला था, वहां से तार निकल रही थी। इसी तार से सड़क पर भरे वर्षा के पानी में करंट पहुंचा। आसपास के लोगों का आरोप है कि नाला और स्ट्रीट लाइट के खंभे पीडब्ल्यूडी के हैं। इस विभाग की लापरवाही से हादसा हुआ है। इस बार नाला साफ नहीं कराया है, इस कारण जल भराव हो रहा है। खंभों का रखरखाव भी ठीक से नहीं करते।

गार्ड को लगा करंट, तब जूते और ग्लव्ज पहने

महिला को निकालने वाले नर्सिंग होम के गार्ड अतुल ने बताया कि महिला के गिरते ही वह उसे बचाने दौड़े थे, लेकिन पानी में पैर पड़ते ही करंट का झटका लगा। फिर वह नर्सिंग होम से रबड़ के ग्लव्ज और जूते पहन कर आए थे। महिला को पानी से बाहर निकालने के बाद सीपीआर भी दिया था, लेकिन शरीर में हरकत नहीं थी। चेहरे या शरीर के अन्य किसी हिस्से पर गिरने से कोई चोट नहीं लगी थी। किसी ने महिला को पानी से बाहर निकालने के दौरान वीडियो बनाया था, जो इंटरनेट मीडिया पर प्रसारित हो रहा है।

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घटना के करीब तीन घंटे बाद मृतका के भाई मनीष और मनोज अपने रिश्तेदारों के साथ घटनास्थल पर पहुंचे। मनीष ने बताया कि उनको भजनपुरा थाना पुलिस से सुबह 11 बजे हादसे की जानकारी मिली। उनका आरोप है कि पीडब्ल्यूडी की लापरवाही ने उनकी बहन को उनसे छीन लगया। उनकी मांग है कि इस मामले में दोषी अधिकारियों पर कार्रवाई कर उनको न्याय दिलाया जाए।

करंट लगने से पूनम की मौत हुई है। घटनास्थल पर पानी भरा हुआ था, वहां पास में खंभे से तार निकल रही थी। तार से करंट पान में आया। -डॉ. जॉय टिर्की, डीसीपी, उत्तर पूर्वी जिला

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