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NDPS एक्ट के मामले में महिला को मिली जमानत, दिल्ली HC ने कहा- वह गांजे की छोटी-सी उपभोक्ता

दिल्ली हाई कोर्ट ने एनडीपीएस एक्ट के एक मामले में महिला आरोपित की जमानत मंजूर करते हुए कहा कि वह गांजे की छोटी सी उपभोक्ता है। वह ड्रग-डीलर है या नहीं यह केवल मुकदमे के दौरान ही पता लगाया जा सकता है। इसलिए महिला के भागने का खतरा नहीं है और सबूतों के साथ छेड़छाड़ या गवाहों को प्रभावित करने की कोई आशंका नहीं है।

By Edited By: Abhi MalviyaUpdated: Wed, 30 Aug 2023 04:02 PM (IST)
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दिल्ली HC ने NDPS एक्ट के मामले में महिला आरोपित की जमानत मंजूर कर दी है।
नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। दिल्ली हाई कोर्ट ने एनडीपीएस एक्ट के एक मामले में महिला आरोपित की जमानत मंजूर करते हुए कहा कि वह गांजे की छोटी सी उपभोक्ता है। वह ड्रग-डीलर है या नहीं, यह केवल मुकदमे के दौरान ही पता लगाया जा सकता है। इसलिए महिला के भागने का खतरा नहीं है और सबूतों के साथ छेड़छाड़ या गवाहों को प्रभावित करने की कोई आशंका नहीं है।

वर्तमान मामला टेलीग्राम मैसेजिंग ऐप के माध्यम से संचालित होने वाले एक ड्रग सिंडिकेट से जुड़ा है। एनसीबी ने 2021 में दंपत्ती के आवास और पति के कार्यालय परिसर में ड्रग्स बरामद किए गए थे। न्यायमूर्ति जसमीत सिंह की कोर्ट ने कहा कि आवासीय परिसर के बेडरूम से नशीले पदार्थ की बरामदगी के लिए पति और पत्नी दोनों जिम्मेदार हैं।

केवल पति ही नहीं है जिम्मेदार- कोर्ट

कोर्ट ने कहा भले ही पति के कहने पर उनके बेडरूम से नशीले पदार्थ की बरामदगी हुई हो, लेकिन इसे दंपत्ती के संयुक्त स्थान से बरामद किया गया है। ऐसे में केवल पति पर ही जिम्मेदारी नहीं डाली जा सकती। न्यायमूर्ति ने कहा यह सामने आ चुका है कि याचिकाकर्ता और उसका पति नशीले पदार्थों का सेवन करते हैं। वह पति-पत्नी होने के नाते एक विशेष रिश्ता रखते हैं। इसलिए यह अनुमान लगाना अटपटा है कि याचिकाकर्ता और उसके पति अपने आवास के बेडरूम में रखे गए प्रतिबंधित पदार्थ के बारे में पता था और उन्होंने इसे अपने कब्जे में रखा था।

वकील ने दी ये दलील

महिला के वकील ने कोर्ट में तर्क दिया कि 1 किलो 30 ग्राम गांजे की बरामदगी पति के कहने पर हुई थी, न कि याचिकाकर्ता के। कोर्ट ने कहा कि कहीं भी यह तर्क नहीं दिया गया कि पति-पत्नी अलग-अलग कमरों में रह रहे थे या उनके रिश्ते तनावपूर्ण थे।

कोर्ट ने वकील केे तर्क पर असहमति जताते हुए कहा कि याचिकाकर्ता के बेडरूम से गांजे की बरामदगी के लिए वह और उसका पति जिम्मेदार हैं।

हालांकि, कोर्ट ने कहा केस में गांजा बरामदगी का मामला मध्यवर्ती मात्रा के तहत आता है, इसलिए एनडीपीएस अधिनियम की धारा 37 के तहत कड़ी जमानत शर्तें लागू नहीं होंगी। महिला के मोबाइल चैट पर कोर्ट ने कहा कि उसके पास व्यावसायिक मात्रा में सौदा करने की क्षमता है, लेकिन केवल “संभावना” एनडीपीएस अधिनियम की धारा 37 के दायरे में नहीं आएगी।

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