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दुनिया के सबसे वजनी 237 किलो के बच्चे की सर्जरी, नहीं ले पाता था सांस; जा सकती थी जान

सामान्य व्यक्ति का बॉडी मास इंडेक्स 18-22.5 किलोग्राम प्रति वर्ग मीटर होता है। जबकि 14 साल की अवस्था में उसका बीएमआइ 92 किलोग्राम प्रति वर्ग मीटर था।

By JP YadavEdited By: Updated: Wed, 04 Jul 2018 10:03 AM (IST)
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दुनिया के सबसे वजनी 237 किलो के बच्चे की सर्जरी, नहीं ले पाता था सांस; जा सकती थी जान
नई दल्ली (जेएनएन)। देश की राजधानी दिल्ली के उत्तम नगर के रहने वाले एक किशोर का वजन महज 14 वर्ष की उम्र में 237 किलोग्राम ग्राम हो गया। मोटापा कम करने के लिए मैक्स अस्पताल में मेटबोलिक एंड बैरियाटिक सर्जरी के चेयरमैन डॉ. प्रदीप चौबे के नेतृत्व में डॉक्टरों की टीम ने करीब ढाई महीना पहले उसकी सर्जरी की। अस्पताल का दावा है कि वह मोटापे से पीड़ित दुनिया का सबसे अधिक वजन वाला किशोर है, जिसका वजन कम करने के लिए गैस्ट्रीक बाइपास बैरियाटिक सर्जरी की गई है। सर्जरी के बाद उसका वजन काफी कम हुआ है। फिलहाल उसका वजन 165 किलोग्राम है।

अस्पताल के अनुसार, वजन अधिक होने के कारण पीड़ित अपने पैरों पर ठीक से खड़ा नहीं हो पा रहा था। यहां तक कि उसे सांस लेने और बोलने में भी तकलीफ हो रही थी। मोटापे के कारण वह अक्सर बेड पर पड़े रहने को मजबूर था। वर्ष 2003 में जन्म के समय पीड़ित का वजन सामान्य (2.5 किलोग्राम) था, लेकिन पांच साल की उम्र में ही उसका वजन 60-70 किलोग्राम पहुंच गया। दिसंबर 2017 में वजन 237 किलोग्राम पहुंच गया।

सामान्य व्यक्ति का बॉडी मास इंडेक्स 18-22.5 किलोग्राम प्रति वर्ग मीटर होता है। जबकि 14 साल की अवस्था में उसका बीएमआइ 92 किलोग्राम प्रति वर्ग मीटर था। पहली बार दिसंबर 2017 में जब उसे इलाज के लिए व्हील चेयर पर बैठाकर ओपीडी में लाया गया तो उसकी हालत देखकर डॉक्टर भी हैरान रह गए। क्योंकि वह ठीक से आंखें नहीं खोल पा रहा था और खड़ा हो पाने में भी सक्षम नहीं था।

डॉ. प्रदीप चौबे ने कहा कि मुङो यह विश्वास नहीं हो पा रहा था कि इतनी कम उम्र में किसी का बीएमआई 92 किलोग्राम प्रति वर्ग मीटर पहुंच सकता है। सांस लेने में परेशानी होने के कारण उसके शरीर में ऑक्सीजन की भी कमी हो रही थी। इसलिए उसकी हालत स्थिर नहीं थी। मरीज और उसके माता-पिता से बात करके इलाज का फैसला किया गया।

शुरुआत में उसे कम कैलोरी युक्त भोजन की सलाह दी गई। दो सप्ताह तक कम कैलोरी युक्त भोजन के बाद उसकी आंखे खुलने लगी। इस तरह चार महीने में उसका वजन 40 किलोग्राम कम हुआ। इसके बाद सर्जरी की गई। सर्जरी के वक्त उसका वजन 196 किलोग्राम व बीएमआइ 76 किलोग्राम वर्ग मीटर था। सर्जरी के बाद उसका वजन 31 किलोग्राम घटकर 165 किलोग्राम हो गया है।

जंक फूड का इस्तेमाल व आनुवांशिक कारण थे मोटापे की वजह
डॉक्टर कहते हैं कि उसके मोटापे का एक कारण आनुवांशिक है। परिवार के अन्य सदस्य भी मोटापे से पीड़ित हैं। इसके अलावा वह पिजा, पास्ता व डिंक्स अधिक पसंद करता था। मोटापे के कारण दूसरी कक्षा के बाद उसकी पढ़ाई छूट गई और दूसरे बच्चों की तरह वह बाहर खेलने भी नहीं जा पाता था। सर्जरी के बाद उसके स्वास्थ्य में सुधार हो रहा है। डॉक्टरों ने फिलहाल उसे सूप व हल्का भोजन लेने की सलाह दी है।

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