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जंतर मंतर पर 36 दिनों तक चला पहलवानों का 'दंगल', दिल्ली पुलिस ने समेटा पूरा सामान; अब नहीं होगी धरने की इजाजत

जंतर-मंतर पर धरने पर बैठे पहलवानों को रविवार को कानून हाथ में लेने पर वहां से खाली करा दिया गया। करीब 109 की संख्या में पहलवानों व उनके समर्थकों को हिरासत में लेकर पुलिस ने उन्हें अलग-अलग समूहों में अलग-अलग थानों में रखा।

By Rakesh Kumar SinghEdited By: GeetarjunUpdated: Sun, 28 May 2023 09:09 PM (IST)
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जंतर मंतर पर 36 दिनों तक चला पहलवानों का 'दंगल', दिल्ली पुलिस ने समेटा पूरा सामान।
नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। करीब एक माह से अधिक समय (36 दिन) से जंतर-मंतर पर धरने पर बैठे पहलवानों को रविवार को कानून हाथ में लेने पर वहां से खाली करा दिया गया। करीब 109 की संख्या में पहलवानों व उनके समर्थकों को हिरासत में लेकर पुलिस ने उन्हें अलग-अलग समूहों में अलग-अलग थानों में रखा। पहलवानों से झड़प के दौरान कई पुलिसकर्मी घायल भी हो गए।

शाम साढ़े सात बजे फोगाट बहनों कालकाजी थाने से छोड़ दिया। विनेश फोगाट और संगीता फोगाट के साथ पुलिस ने साक्षी मलिक को छोड़ा था। वहीं, पहलवान बजरंग पुनिया समेत कुल 4 लोग अभी थाने के अंदर हिरासत में है।

नए संसद भवन के सामने पंचायत का किया था एलान

धरनास्थल पर बैठे पहलवान पिछले कई दिनों से इंटरनेट मीडिया के विभिन्न प्लेटफार्म व प्रेसवार्ता कर एलान कर रहे थे कि नए संसद भवन के उद्धाटन के मौके पर वे संसद भवन के सामने महिला खाप पंचायत करेंगे। इसको लेकर पुलिस उन्हें लगातार ऐसा करने से रोकती रही।

पहलवानों ने तोड़ी बैरिकेडिंग, पुलिस ने की कार्रवाई

शनिवार को खेल मंत्रालय के एक अधिकारी ने भी जंतर-मंतर पर पहुंचकर धरना खत्म करने और उद्धाटन समारोह के दौरान बाधा न डालने का अनुरोध किया लेकिन पहलवान उनकी बात मानने को तैयार नहीं हुए। रविवार सुबह पहलवानों ने बैरिकेड फांदकर सुरक्षा घेरा तोड़ने की कोशिश की तो पुलिस को कार्रवाई करनी पड़ी।

संसद भवन की ओर जाते समय लिया हिरासत में

विशेष आयुक्त कानून एवं व्यवस्था दीपेंद्र पाठक का कहना है कि काफी समझाने के बावजूद जंतर-मंतर से प्रदर्शनकारी जब नए संसद भवन की तरफ जाने का प्रयास करने लगे, तब उन्हें हिरासत में लेना पड़ा। इस मामले में आगे की कानूनी कार्रवाई किए जाने को लेकर विचार विमर्श जारी है।

टेंट उखाड़े और पूरा सामान हटाया

पहलवानों व उनके समर्थकों को हिरासत में लेकर हटाने के तुरंत बाद पुलिस ने पहलवानों के टेंट उखाड़ गद्दे, कारपेट, कूलर व अन्य सामान को ट्रकों में लादकर एनडीएमसी के पास जमा करा दिया। इससे माना जा रहा है कि अब फिर से पहलवानों को जंतर-मंतर पर धरना देने की अनुमति नहीं मिलेगी। दोबारा जंतर मंतर पर आने पर उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

...और पुलिस ने कार्रवाई शुरू की

सुबह करीब 11:30 बजे अचानक महिला पहलवानों ने जब बैरिकैड फांदकर हंगामा करना शुरू किया, तब पुलिसकर्मियों ने महिला व अन्य पहलवानों व उनके समर्थकों को हिरासत में लेना शुरू कर दिया। कार्रवाई में पुलिस को करीब एक घंटे का समय लगा।

पुलिस अधिकारी का कहना है कि पुलिसकर्मियों ने बिना लाठी चार्ज किए प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लिया। इस दौरान पहलवान साक्षी मलिक ने एक महिला सुरक्षाकर्मी के पेट में पैर मार दी, जिससे उन्हें अस्पताल में भर्ती करना पड़ा।

पहलवानों व उनके समर्थकों को फतेहपुर बेरी, नजफगढ़, कापसहेड़ा, शाहदरा, बुराड़ी, बदरपुर व मयूर विहार थाने ले जाया गया। विनेश फोगाट व संगीता फोगाट समेत छह को कालकाजी थाने में रखा गया।

पहलवान और 800 समर्थक हिरासत में लिए गए

विशेष आयुक्त कानून एवं व्यवस्था दीपेंद्र पाठक का कहना है कि जंतर मंतर से 109 महिला व पुरुष पहलवान समेत उनके समर्थकों को हिरासत में लिया गया। पूरी दिल्ली से करीब 800 समर्थकों को हिरासत में लिया गया।

देर शाम पहले सभी महिला पहलवानों को छोड़ दिया गया, उसके बाद अन्य को भी छोड़ दिया गया। सभी को सख्त हिदायत दी गई कि वे दोबारा जंतर-मंतर पर धरना नहीं देंगे।

उधर जंतर-मंतर पर प्रदर्शन कर रहे पहलवानों के समर्थन मे जेएनयू के गेट के बाहर प्रदर्शन कर रहे छात्रों व अन्य 61 लोगों को पुलिस ने हिरासत में लेकर वसंत कुंज थाने में रखा और चार अन्य को वसंत विहार में रखा गया। वहां से देर शाम सभी को छोड़ दिया गया।

जमकर हुई हाथापाई, कई पुलिसकर्मी घायल

हिरासत में लेने के दौरान पहलवानों व उनके समर्थकों की पुलिसकर्मियों से जमकर हाथापाई व झड़प हुई। उक्त घटना मेें करीब दस पुलिसकर्मियों को चोटें आई, जिनमें चार महिला कर्मी शामिल हैं। सभी को उपचार के लिए राम मनोहर लोहिया अस्पताल में भर्ती कराया गया है। वे वहां उपचाराधीन हैं।

पुलिस हिरासत से छोड़े जाने के बाद देर शाम साक्षी मलिक ने ट्विट कर कहा कि उनका आंदोलन अभी खत्म नहीं हुआ है। वे लोग दोबारा जंतर मंतर पर पहुंचकर सत्याग्रह जारी रखेंगे। उक्त ट्विट के बाद पुलिसकर्मियों ने जंतर-मंतर पर सुरक्षा बढ़ा दी है। वहां अभी लंबे समय तक पुलिसकर्मियों की तैनाती रहेगी।

नई दिल्ली जिले के डीसीपी प्रणव तायल का कहना है कि पहलवानों को किसी भी सूरत पर जंतर-मंतर पर धरने पर नहीं बैठने दिया जाएगा। अगर कोई दोबारा वहां आने की कोशिश करेगा तो उसे हिरासत में ले लिया जाएगा। बार-बार कानून हाथ में लेने पर उसके खिलाफ मुकदमा भी दर्ज किया जा सकता है।

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