खतरे में नौकरी, यादव सिंह का बेटा सन्नी हो सकता है बर्खास्त
यादव सिंह की करतूतों की परछाई कहें या खुद के कर्मो का परिणाम कि सन्नी की नौकरी भी अब संकट में पड़ गई है।
नोएडा [धर्मेंद्र चंदेल]। करोड़ों रुपये के टेंडर घोटाले में जेल में बंद नोएडा, ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के निलंबित मुख्य अभियंता यादव सिंह के बेटे सन्नी यादव की बर्खास्तगी लगभग तय मानी जा रही है। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण में प्रबंधक परियोजना के पद पर तैनात सन्नी को गत दिनों निलंबित किया जा चुका है। उधर, सीबीआइ द्वारा तलाश शुरू किए जाने से सन्नी की मुश्किलें और बढ़ गई हैं।
चार्जशीट में सन्नी और परिवार के अन्य सदस्यों का भी नाम
सन्नी पर घोटाले अथवा पद के दुरुपयोग का कोई आरोप अभी तक नहीं है। हालांकि, सीबीआइ ने घोटाले की चार्जशीट में सन्नी और उसके परिवार के अन्य सदस्यों का भी नाम शामिल किया है। नोएडा, ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के निलंबित मुख्य अभियंता यादव सिंह पर पद का दुरुपयोग कर निर्माण एवं विकास कार्यों के टेंडरों में करोड़ों रुपये का घोटाला करने का आरोप है। वह लंबे समय से जेल में है।
नौकरी भी संकट में पड़ गई है
सीबीआइ मामले की जांच कर रही है। अब यादव सिंह की करतूतों की परछाई कहें या खुद के कर्मो का परिणाम कि सन्नी की नौकरी भी अब संकट में पड़ गई है। वह ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण में 2009-10 में प्रबंधक परियोजना के पद पर भर्ती हुआ था। बसपा शासन काल में वह महत्वपूर्ण सर्किल में रहा, लेकिन 2012 में प्रदेश में सपा सरकार बनने के बाद उसस कार्य छीन लिया गया। करीब दो वर्ष तक वह बिना काम के प्रबंधक रहा।
महत्वपूर्ण विभाग की जिम्मेदारी मिली
यादव सिंह की दोनों प्राधिकरणों में वापसी के बाद सन्नी को भी महत्वपूर्ण विभाग की जिम्मेदारी मिल गई, लेकिन दो माह बाद ही यादव सिंह के घर आयकर का छापा पड़ा। यादव सिंह को निलंबित कर दिया गया। सन्नी यादव से भी काम छीन लिया गया। सपा सरकार के कार्यकाल के अंतिम दिनों में उसे वरिष्ठता के क्रम में सर्किल प्रभारी बना दिया गया, लेकिन उसकी यह खुशी भी मात्र दो दिन टिक सकी। दो दिन बाद ही सारा काम छीन लिया गया। प्रदेश में भाजपा की सरकार बनने के बाद सन्नी यादव को कोई काम नहीं दिया गया। इस बीच उसने प्राधिकरण से मेडिकल अवकाश ले लिया।
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