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Delhi Rains: बारिश में भी यमुना प्रदूषित, भाजपा ने दिल्ली सरकार को ठहराया जिम्मेदार

दिल्ली में भारी बारिश के बावजूद यमुना नदी प्रदूषण बनी हुई है। इसे लेकर भाजपा ने दिल्ली सरकार को कटघरे में खड़ा किया है। भाजपा सांसद रामवीर सिंह बिधूड़ी ने दिल्ली सरकार को यमुना में प्रदूषण का जिम्मेदार ठहराते हुए कहा कि यमुना में प्रदूषण का स्तर चिंताजनक है। यमुना में प्रदूषण कम करने को लेकर दिल्ली सरकार की ओर से कोई प्रयास नहीं किया जा रहा है।

By Santosh Kumar Singh Edited By: Abhishek Tiwari Updated: Thu, 01 Aug 2024 11:07 AM (IST)
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जुलाई में यमुना में ऑक्सीजन की मात्रा शून्य पाई गई। (फाइल फोटो)
राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली। मानसून के मौसम में भी यमुना में प्रदूषण का स्तर चिंताजनक है। अमोनिया का स्तर बढ़ने से पिछले कई दिनों तक दिल्ली के कई क्षेत्रों में जल आपूर्ति बाधित रही थी।

यमुना में प्रदूषण के लिए भाजपा ने दिल्ली सरकार को जिम्मेदार ठहराया है। भाजपा सांसद रामवीर सिंह बिधूड़ी ने कहा, दिल्ली सरकार की लापरवाही और अनदेखी के कारण राजधानी में यमुना दम तोड़ चुकी है।

यमुना में ऑक्सीजन की मात्रा शून्य- डीपीसीसी

दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (डीपीसीसी) की रिपोर्ट के अनुसार जुलाई में यमुना में ऑक्सीजन की मात्रा शून्य पाई गई है जबकि ऐसा पहले कभी नहीं हुआ।

यमुना की सफाई के लिए केंद्र सरकार ने दिल्ली की केजरीवाल सरकार को 8500 करोड़ रुपये दिए, लेकिन कोई हिसाब-किताब ही नहीं है। बिधूड़ी ने कहा कि हर साल मानसून के दौरान दिल्ली में यमुना में प्रदूषण लगभग खत्म हो जाता है।

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दिल्ली में इस साल 28 जून को आया था मानसून 

दिल्ली सरकार तो अपनी तरफ से कोई प्रयास नहीं करती, लेकिन पानी का बहाव तमाम प्रदूषक तत्वों को बहा ले जाता है जिसमें सीवर और केमिकल भी शामिल हैं। इस बार यमुना के जलस्तर में वृद्धि होने के बावजूद मैली यमुना प्रदूषित ही बनी हुई है। दिल्ली में इस साल 28 जून को मानसून ने प्रवेश किया था और स्वयं दिल्ली सरकार के डीपीसीसी ने 5 जुलाई को पानी के जो नमूने लिए उससे पता चलता है कि यमुना का पानी कितना जहरीला है।

आईएसबीटी कश्मीरी गेट, ओखला और असगरपुर में ऑक्सीजन की मात्रा शून्य पाई गई है। यानी इस पानी को पीना तो संभव ही नहीं है, इसमें रहने वाले जीव-जंतुओं के लिए भी यह मौत का कारण है। यही कारण है कि इस साल जुलाई में लाखों की संख्या में मछलियां यमुना के किनारों पर मृत पाई गई हैं। इस साल जुलाई में ही यमुना में कई स्थानों पर झाग की एक घनी परत बनी हुई है।

सड़कें लबालब, घरों-दुकानों में घुसा पानी

घरों, दुकानों, कार्यालयों में वर्षा का पानी घुस गया। जलभराव में लोगों की गाड़ियां डूबने से बीच सड़क पर बंद हो गईं। ऐसे में लोगों ने घर जाने के लिए मेट्रो ट्रेन का सहारा लिया, लेकिन दुश्वारियां यहां भी कम नहीं थीं। तिलक मार्ग और आईटीओ से लक्ष्मी नगर जाने वाले मार्ग को रात 10:00 बजे तक बंद रखा गया, जिसकी वजह से यातायात जाम लग गया।

प्रगति मैदान टनल में भी हल्का पानी आ गया था, लेकिन उसे यातायात प्रभावित नहीं हुआ। एनडीएमसी को 10 स्थान पर जलभराव की शिकायतें मिलीं, जबकि सरोजिनी नगर और कनॉट प्लेस में पेड़ गिरने की सूचना मिली।

दक्षिणी दिल्ली की कॉलोनियों के घरों में घुसा पानी

दक्षिणी दिल्ली में भी बारिश से कई कॉलोनियों में जलभराव हो गया। घरों में पानी घुसने से लोग सशंकित हो गए। डिफेंस कालोनी में आधे घंटे की बारिश से ही जलभराव हो गया। जवाहर लाल नेहरू स्टेडियम की तरफ जाने वाला रास्ता पूरी तरह पानी से लबालब हो गया। इसी तरह महारानी बाग में भी वर्षा का पानी घरों में घुस गया। ग्रीन पार्क, श्री निवासपुरी, वसंत कुंज की सड़कों पर भी पानी भरा रहा।

संगम विहार, देवली, अंबेडकर नगर, हरकेश नगर, बदरपुर, साकेत मेट्रो स्टेशन के पास, तिगड़ी, जैतपुर इलाके भी जलमग्न हो गए। संगम विहार और देवली में तो घुटनों से ऊपर तक पानी भर गया। यहां पर दुकानों के अंदर तक वर्षा का पानी चला गया।

इस दौरान दुकानदारों ने नुकसान से बचने के लिए सामान को बाहर निकाला। इसके अलावा अर्जुन नगर, मोहम्मदपुर, महिपालपुर में भी सड़कों पर पानी ही पानी नजर आया। यहां पर कुछ लोग तो घरों से बाहर पानी को फेंकते हुए नजर आए।

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