Chhath Puja 2024: मैं सूर्य पुत्री यमुना हूं... छठ पर भी निस्तेज हूं
यमुना नदी छठ पूजा के दौरान भी अपने निस्तेज रूप में है। प्रदूषण और उपेक्षा के कारण यमुना की हालत खराब है। दिल्ली में यमुना के घाटों पर श्रद्धालुओं का जमघट है लेकिन यमुना का पानी इतना प्रदूषित है कि लोग नहाने से भी कतराते हैं। यमुना की पीड़ा को देखते हुए लेख में नदी के संरक्षण और प्रदूषण को रोकने के उपायों पर चर्चा की गई है।
नेमिष हेमंत, जागरण नई दिल्ली। Chhath Puja 2024 मैं सूर्य पुत्री हूं...मैं यमुना हूं। दिल्ली में मेरे वीरान से रहने वाले घाटों पर तंबू व लाइटें लग गई हैं। श्रद्धालुओं के कोलाहल के बीच छठ मइया के भक्तिपूर्ण गीत बज रहे हैं। भक्ति और श्रद्धा हिलोरें ले रही है।
मैं बहुत पीड़ा में हूं
परिवारिक और सामाजिक रिश्तों की गर्माहट दिख रही है। बच्चों से लेकर बुजुर्ग तक और आम से लेकर खास तक सभी लोगों का यहां जमघट है, लेकिन मैं बहुत पीड़ा में हूं। कई वर्षों की भांति इस वर्ष भी सूर्योपासना के इस पर्व में मैं सम्मिलित नहीं हूं।
(यमुना नदी बहुत प्रदूशित हो रही है। जागरण फोटो)
मैं थकी-बुझी आंखों से देख रही हूं
मैं मृत शय्या पर पड़ी, बस सभी को थकी-बुझी आंखों से देख रही हूं। आज शाम और कल सुबह भगवान सूर्य को अर्घ्य दिया जाएगा। उनसे मंगलकामना की जाएगी। तब भी मैं ऐसे ही निस्तेज रहूंगी, क्योंकि मुझमें अब न स्वच्छ जल है और न ही वेग है कि हिलोरें लेकर किनारों तक पहुंच सकूं और अपने पिता की इस पूजा में श्रद्धालुओं की सहभागी बन सकूं।(प्रदूषित यमुना में पूजा करने को मजबूर हैं लोग। जागरण फोटो)
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