Delhi Flood Update: दिल्लीवासियों को बड़ी राहत, 9 दिन बाद खतरे के निशान से नीचे आई यमुना; बाढ़ का खतरा टला
राजधानी दिल्ली में नौ दिन बाद लोगों को राहत मिलती दिखाई दे रही है। आखिरकार यमुना का जलस्तर खतरे के निशान (205.33 मीटर) से नीचे आ गया। मंगलवार रात 8 बजे जलस्तर 205.30 मीटर दर्ज किया गया। दिल्ली में यमुना नदी 10 जुलाई से खतरे के निशान से ऊपर बह रही थी। इस कारण दिल्ली में बाढ़ आ गई और एक बड़ा हिस्सा जलग्मन हो गया था।
नई दिल्ली, ऑनलाइन डेस्क। राजधानी दिल्ली में नौ दिन बाद लोगों को राहत मिलती दिखाई दे रही है। आखिरकार यमुना का जलस्तर खतरे के निशान (205.33 मीटर) से नीचे आ गया। इस कारण अब बाढ़ का खतरा टल गया है। मंगलवार रात 8 बजे जलस्तर 205.30 मीटर दर्ज किया गया। दिल्ली में यमुना नदी 10 जुलाई से खतरे के निशान से ऊपर बह रही थी। इस कारण दिल्ली में बाढ़ आ गई और एक बड़ा हिस्सा जलग्मन हो गया था।
शाम सात बजे ओल्ड रेलवे ब्रिज के पास यमुना का जलस्तर 205.35 मीटर था, जो खतरे के निशान से सिर्फ दो सेंटीमीटर अधिक था। रात आठ बजे जलस्तर घटकर खतरे के निशान से नीचे 205.30 मीटर पर आ गया लेकिन चेतावनी के स्तर (204.50 मीटर) से ऊपर बना हुआ है।
तोड़ दिया था 45 वर्ष पुराना रिकॉर्ड
इस वर्ष यमुना के जलस्तर ने 45 वर्ष पुराना रिकॉर्ड तोड़ दिया था। हरियाणा के हथिनीकुंड बैराज से लगातार पानी छोड़े जाने के कारण यमुना का जलस्तर बढ़ रहा है। 10 जुलाई को शाम पांच बजे यमुना का जलस्तर खतरे के निशान के पार 205.76 मीटर और बुधवार (12 जुलाई) को बढ़कर 207.71 मीटर पहुंच गया था।
जलस्तर ने 1978 में बनाए गए 207.49 मीटर के अपने सर्वकालिक रिकॉर्ड को तोड़ दिया था। इसी दिन रात 10 बजे यमुना का जलस्तर 208.05 मीटर पहुंच गया था।
तीन दिन तक कम होता रहा जलस्तर
इससे दिल्ली के कई प्रमुख इलाकों में बाढ़ आ गई। बृहस्पतिवार (13 जुलाई) शाम छह बजे जलस्तर 208.66 मीटर पहुंच गया, जो पिछले बार (45 वर्ष पुराने रिकॉर्ड) से 1.17 मीटर ऊपर था और खतरे के निशान (205.33 मीटर) से 3.33 मीटर बह रही थी। बृहस्पतिवार की रात से ही यमुना नदी का जलस्तर कम होने लगा था।
यमुना का जलस्तर बृहस्पतिवार (13 जुलाई) की रात से रविवार (16 जुलाई) रात तक लगातार घटता रहा था। सोमवार सुबह सात यमुना का सबसे कम जलस्तर 205.45 मीटर दर्ज किया था, जो शाम तक बढ़कर 206 मीटर से ऊपर पहुंच गया था। इसके बाद यमुना का जलस्तर मंगलवार को फिर से घटकर 205.67 मीटर पर आ गया था, जो अब लगातार घट रहा और खतर के निशान से नीचे आ गया है।
जनजीवन हो रहा सामान्य
दिल्ली में बाढ़ आने से यमुना के आसपास के इलाके जलमग्न हो गए थे। इस कारण हजारों लोगों को पलायन करना पड़ा। हालांकि अभी भी बाढ़ प्रभावित लोगों को राहत शिविरों में रहना पड़ रहा है। जहां-जहां पानी कम हो रहा हैं, लोग अपने घरों में जाकर साफ-सफाई कर रहे हैं। हालांकि कई जगहों पर जलभराव की स्थिति बनी हुई है।
सामान्य हो रहा यातायात
बाढ़ आने और यमुना का जलस्तर बढ़ने के कारण यमुना के आसपास की सड़कें भी जलमग्न हो गई थीं, जिस कारण कई रास्ते बंद करने पड़े। अब जलस्तर कम हो रहा है तो यातायात व्यवस्था भी सुधर रही है। सड़कों की साफ-सफाई करने और गाद हटाने के बाद यातायात सुचारू किया जा रहा है। आईटीओ विकास मार्ग पर छह दिनों से पानी भरा हुआ था, जिसे निकाल दिया गया है। इससे लोगों को जाम से राहत मिली है।
मच्छरजनित बीमारियों का बढ़ा खतरा
बाढ़ आने के कारण एक सप्ताह में डेंगू के 27 नए मरीजों की पुष्टि होने से डेंगू के कुल मरीजों का आंकड़ा दस साल में सर्वाधिक हो गया है। वैसे तो बीते वर्ष कुल 158 मरीज डेंगू के जुलाई के दूसरे सप्ताह तक थे लेकिन इस वर्ष 163 मरीज हो गए हैं।
जानकार मानते हैं चूंकि अभी बाढ़ का पानी सिर्फ उतरा है। ऐसे में जो गड्डों में पानी भरा रह जाएगा, वहां पर मच्छरों के पनपने का ज्यादा खतरा है। कुछ स्थानों पर तो मच्छर पनपते हुए भी देखे जा रहे हैं।