YEPME का CEO हरियाणा से गिरफ्तार, अदालत ने किया था भगोड़ा घोषित; विवेक गौर पर क्यों दर्ज हुआ था केस?
Delhi News येपमी के संस्थापक विवेक गौर को वित्तीय धोखाधड़ी के मामले में हरियाणा से गिरफ्तार किया गया है। कोर्ट ने उनके खिलाफ गैर जमानती वारंट भी जारी किया था। गौर पर दिल्ली समेत अन्य राज्यों में वित्तीय धोखाधड़ी के कई मामले दर्ज हैं। पुलिस मामले की आगे की जांच कर रही है। आगे विस्तार से पढ़िए आखिर पूरा मामला क्या है।
जागरण संवाददाता, दक्षिणी दिल्ली। दिल्ली में आरके पुरम थाने की टीम ने वित्तीय धोखाधड़ी मामले में फरार चल रहे ऑनलाइन शॉपिंग और ऑनलाइन सेवा कंपनी येपमी के संस्थापक सदस्य और सीईओ विवेक गौर को हरियाणा से गिरफ्तार किया है।
धोखाधड़ी के पांच मामलों में कोर्ट विवेक गौर के खिलाफ 28 सितंबर को गैर जमानती वारंट (एनबीडब्ल्यू) भी जारी कर चुकी है। हरियाणा के गुरुग्राम निवासी आरोपित पर दिल्ली समेत अन्य राज्यों में वित्तीय धोखाधड़ी के कई मामले दर्ज हैं। आरोपित आरके पुरम थाने में 19 जुलाई 2024 को आईपीसी की धारा 174ए के तहत दर्ज मामले में भी वांछित था।
पुलिस के मुताबिक, पांच मार्च को कोर्ट ने अर्पण महाजन बनाम वीएएस डेटा सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड (येपमी.काम) के मामले में संदीप शर्मा और विवेक गौर को भगोड़ा घोषित किया। कोर्ट ने आईपीसी की धारा 174ए के तहत मामला दर्ज करने का भी निर्देश दिया। इस पर दोनों को पकड़ने के प्रयास किए।इस क्रम में आरके पुरम थाने में एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू की गई। एसडीपीओ वसंत विहार डा. गरिमा तिवारी की निगरानी में टीम गठित की गई। एफआईआर में दर्ज आरोपितों के सभी सात ठिकानों पर टीम ने दबिश दी। आस-पास के सीसीटीवी फुटेज खंगाले।
इस बीच न्यायालय ने पांच शिकायतों पर सुनवाई करते हुए 28 सितंबर 2024 को दोनों के खिलाफ गैर जमानती वारंट कर दिया। इधर टीम के हाथ आरोपित का नया मोबाइल नंबर लग गया। मैनुअल और तकनीकी निगरानी पर 15 अक्टूबर को पता चला कि आरोपित विवेक गौड़ डीएलएफ क्रेस्ट, सेक्टर-54 गुरुग्राम (हरियाणा) में मौजूद है। इस पर तत्काल टीम गुरुग्राम रवाना हुई और उसे गिरफ्तार कर लिया।
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