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Humayun Tomb: अगस्त से हुमायूं के मकबरे में देख सकते हैं अंडरग्राउंड म्यूजियम, टिकट की कीमत मात्र 50 रुपये

Humayun Tomb Underground Museum दिल्ली में स्थित हुमायूं के मकबरे में बने विश्व धरोहर स्थल संग्रहालय का अब आम लोग एक अगस्त से दीदार कर सकेंगे। इस संग्रहालय में हुमायूं से जुड़े 500 से अधिक कलाकृतियां हैं जिसे देश के विभिन्न हिस्सों से एएसआई और आगा खां ट्रस्ट फार कल्चर ने उपलब्ध कराया है। इसे देखने के लिए लोगों को सिर्फ 50 रुपये का टिकट लेना होगा।

By Jagran News Edited By: Monu Kumar Jha Updated: Wed, 31 Jul 2024 05:18 PM (IST)
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50 रुपये में एक अगस्त से कर सकेंगे संग्रहालय का दीदार। फाइल फोटो
 मुहम्मद रईस, दक्षिणी दिल्ली। (Underground Museum in Humayun Tomb) हुमायूं के मकबरे में बने विश्व धरोहर स्थल संग्रहालय का दीदार एक अगस्त से किया जा सकेगा। यहां आने वाले पर्यटक 50 रुपये का टिकट खरीदकर 500 से अधिक कलाकृतियां को निहार सकेंगे। भूमिगत संग्रहालय का उद्घाटन 29 जुलाई को केंद्रीय संस्कृति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने किया।

तीन से चार घंटे के लिए ही खुलेगा संग्रहालय

एक अगस्त से संग्रहालय तीन से चार घंटे के लिए ही खुलेगा। सितंबर से फुल टाइम के लिए कलाप्रेमी यहां रखी कलाकृतियों को निहार सकेंगे। इसके लिए 50 रुपये का टिकट खरीदना होगा। इसे बढ़ाकर 60 रुपये भी किया जा सकता है। संग्रहालय में हुमायूं से लेकर सूफी संत निजामुद्दीन औलिया उनके शिष्य और कवि अमीर खुसरो देहलवी के बारे में जानकारियां उपलब्ध हैं।

इसे 10,000 वर्ग मीटर में आगा खां ट्रस्ट फार कल्चर की ओर से तैयार किया है, जो अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस है। संग्रहालय में एक से लेकर 12 नंबर गैलरी में विश्व धरोहर स्मारकों और यमुना नदी से उनके जुड़ाव की जानकारी है। मुख्य गैलरी नंबर दो हुमायूं के मकबरे के वास्तुशिल्प महत्व और उसके संरक्षण पर केंद्रित है।

नौ वर्ष पहले रखी गई थी आधारशिला

देश के पहले भूमिगत संग्रहालय की आधारशिला हुमायूं का मकबरा परिसर में नौ साल पहले यानी अप्रैल 2015 में रखी गई थी। वर्ष 2017 में इसकी इमारत तैयार हुई। आगा खां ट्रस्ट फॉर कल्चर की ओर से शहरी नवीनीकरण पहल के हिस्से के रूप में एएसआई की ओर से इसका निर्माण कार्य पूरा किया गया।

एक अगस्त से संग्रहालय तीन से चार घंटों के लिए खोला जाएगा। सितंबर से इसका पूर्णकालिक संचालन किया जाएगा। 50 से 60 रुपये के बीच इसका शुल्क रखने पर विचार किया जा रहा है। संग्रहालय में रखी सभी कलाकृतियां देश के अलग-अलग हिस्सों से लाई गई हैं। -रतीश नंदा, परियोजना निदेशक, आगा खान ट्रस्ट फार कल्चर (भारत)

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