2020 Delhi Riots Chargesheet: दिल्ली दंगा को लेकर आरोपपत्र में कई सनसनीखेज खुलासे, जानकर दंग रह जाएंगे आप
2020 Delhi Riots Chargesheet बोतलों में तेल रखने के पीछे का उद्देश्य यह था कि भागने के दौरान महिलाएं सड़कों पर तेल गिरा दें ताकि कोई आसानी से पीछा न कर पाए।
By JP YadavEdited By: Updated: Thu, 17 Sep 2020 10:05 AM (IST)
नई दिल्ली [राकेश कुमार सिंह]। 2020 Delhi Riots Chargesheet: दिल्ली दंगे के लिए देशद्रोह के आरोपित जेएनयू के पूर्व छात्र उमर खालिद ने जेएनयू के पूर्व छात्र व देशद्रोह के कई मामलों में आरोपित शरजील इमाम व इंडिया अगेंस्ट हेट के संयोजक खालिद सैफी समेत 100 से अधिक खास सहयोगियों के जरिए ऐसी खतरनाक साजिश रची थी, जिसे जानकर हर किसी के रोंगटे खड़े हो सकते हैं। धरने पर समुदाय विशेष की महिलाओं को पैकेटों में लाल मिर्च के पाउडर, बोतलों में सरसों का तेल, ईंट-पत्थर, लाठी-डंडे व पेट्रोल बमों से लैस करके बैठाया गया था, ताकि कभी भी दंगे शुरू होने पर वे इन सब के जरिए कड़ा मुकाबला कर सकें। दिल्ली दंगे की विस्तृत साजिश रचे जाने के मामले में स्पेशल सेल द्वारा दायर आरोप पत्र में पुलिस ने उक्त हैरान करने वाले तथ्यों का उल्लेख किया है। कहा गया है कि ये सब तैयारियां 22 फरवरी से कई हफ्ते पहले से की जा रही थीं।
समुदाय विशेष की महिलाओं को इस तरह की तैयारियों की जिम्मेदारी उमर खालिद ने पिंजरा तोड़ की सदस्य 25 से अधिक छात्राओं को सौंप रखी थी। इसके लिए पैसे भी मुहैया कराए गए थे। उत्तर-पूर्वी जिले के सभी धरना स्थलों पर बैठी महिलाएं तो इस तरह के सामानों से लैस थीं। वहीं, अपने-अपने घरों में बैठी समुदाय विशेष की महिलाओं को भी वॉट्सऐप संदेश के जरिए इस तरह की तैयारी कर लेने को कहा गया था, ताकि दंगा भड़कने पर अगर कोई पुलिसकर्मी अथवा अन्य दंगाई उनके घरों में घुसने की कोशिश करें तो उनसे डटकर मुकाबला कर सकें।
बोतलों में तेल रखने के पीछे का उद्देश्य यह था कि भागने के दौरान महिलाएं सड़कों पर तेल गिरा दें ताकि कोई आसानी से पीछा न कर पाए। घरों की सीढ़ियों पर तेल गिरा दें, ताकि पुलिसकर्मी फिलसकर नीचे गिर जाएं। मिर्च पाउडर रखने के पीछे का उद्देश्य यह था कि पुलिसकर्मी जब उन्हें हटाने की कोशिश करें तो वे उनकी आंखों में मिर्च पाउडर डाल दें। मिर्च पाउडर व तेल की बोतलें तो महिलाएं अपने पर्सों में छिपाकर लाई थीं, जबकि ईंट- पत्थर वे लोग थैलियों में लेकर आई थीं।
धरनास्थलों पर अधिक से अधिक महिलाओं को इकट्ठा करने के पीछे का मकसद यह था कि पुलिस प्रदर्शनकारियों को हटाने के लिए अधिक जोर-जबरदस्ती न कर पाए। महिलाओं को ढाल के तौर पर इस्तेमाल करने की बात कही गई है। 22, 23 व 24 फरवरी को जाफराबाद व चांदबाग में पहले पुलिस को निशाना बनाया गया ताकि गुस्से में आकर पुलिस लाठीचार्ज करे और उसके बाद दंगे फैल सकें।पुलिसकर्मियों पर पथराव करने के कारण 108 पुलिसकर्मी घायल हो गए थे और दो की मौत भी हो गई। इसके बाद पूरे जिले में दंगे फैल गए थे। उमर खालिद के पिता प्रतिबंधित संगठन सिमी में पदाधिकारी थे। भारत सरकार द्वारा सिमी पर प्रतिबंध लगने के बाद उसके कार्यकर्ताओं ने पीएफआई नाम से नया संगठन खड़ा कर लिया। जांच के दौरान सुरक्षा एजेंसियों को शाहीन बाग धरनास्थल और उत्तर-पूर्वी दिल्ली दंगे में पीएफआइ के जरिए फंडिंग की पुख्ता सूचना है।
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