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आप गोलगप्पे खाकर कैंसर को दे रहे दावत! इन जानलेवा बीमारियों का कारण बन रही आपकी पसंदीदा चीज

Golgappas Cause of Diseases गोलगप्पे खाने से आपको कई बीमारियां हो सकती हैं। यह बीमारियां ऐसी होती हैं जो आपके लिए जानलेवा साबित हो सकती है। गोलगप्पे में मिलाया जाने वाला कृत्रिम रंग कई बीमारियों को जन्म देता है। कर्नाटक में जब रोड किनारे लगाए जानी वाली दुकानों से गोलगप्पे के सैंपल लिए गए और जांच की गई तो इसकी सच्चाई सामने आई।

By Jagran News Edited By: Geetarjun Updated: Tue, 02 Jul 2024 05:09 PM (IST)
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आपकी पसंदीदा पानी पूरी कैंसर, अस्थमा और कई अन्य बीमारियों का खतरा बढ़ा सकती है।
आईएएनएस, नई दिल्ली। अगर आप गोलगप्पे यानी पानीपूरी खाना पसंद है तो आपको अव सावधान हो जाने की जरूरत है। क्योंकि यह आपके स्वास्थ्य पर खतरनाक असर डाल सकता है। इसमें पड़ने वाले कृत्रिम रंग से आपको कैंसर और अस्थमा जैसी स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। इसके अलावा यह कई स्वास्थ्य पर बुरा असर डालने वाली बीमारियों को जन्म देता है।

यह बातें मंगलवार को विशेषज्ञ न कही हैं। कई शिकायतें मिलने के बाद कर्नाटक में खाद्य सुरक्षा अधिकारियों ने सड़क किनारे की दुकानों से लगभग 260 नमूने एकत्र किए थे।

गोलगप्पे की गुणवत्ता निकली खराब

जांच में सामने आया कि 22 प्रतिशत गोलगप्पे की गुणवत्ता बुरी तरह खराब रही। लगभग 41 प्रतिशत नमूनों में कृत्रिम रंग और कैंसर पैदा करने वाले तत्व पाए गए, जबकि 18 फीसद बासी और खाने लायक नहीं थे।

कृत्रिम रंगों की मिलावट पर है रोक

कर्नाटक के खाद्य सुरक्षा और मानक विभाग ने जून के अंत में एक एक आदेश पारित किया था, जिसमें राज्य में चिकन कबाब, मछली और सब्जी के व्यंजनों में कृत्रिम रंगों का उपयोग करने पर 10 लाख रुपये तक का जुर्माने का प्रावधान किया गया। साथ ही सात साल से लेकर आजीवन कारावास की सजा है।

रोडामाइन-बी के इस्तेमाल पर भी प्रतिबंध

मार्च में कर्नाटक ने रोडामाइन-बी के इस्तेमाल पर भी प्रतिबंध लगा दिया था। यह गोभी मंचूरियन और कॉटन कैंडी में इस्तेमाल होने वाला एक कृत्रिम रंग है। एस्टर सीएमआई अस्पताल (बेंगलुरु) की क्लीनिकल न्यूट्रिशन एंड डायटेटिक्स की हेड ऑफ सर्विसेज एडविना राज ने को बताया कि व्यंजन को अधिक आकर्षक बनाने और स्वाद बढ़ाने के लिए कृत्रिम खाद्य रंगों का प्रयोग किया जाता है। इनका अत्यधिक उपयोग कई तरह के स्वास्थ्य जोखिम पैदा करता है, खासकर उन लोगों के लिए जो अक्सर बाहर का खाना खाते हैं।

उन्होंने कहा कि खाद्य पदार्थों में ऐसे सिंथेटिक तत्वों का अत्यधिक प्रयोग से  कैंसर का खतरा बढ़ जाता है और सूजन बढ़ने से आंत का स्वास्थ्य खराब हो जाता है।

हो सकती हैं ये भी बीमारियां

उन्होंने कहा कि इससे बच्चों में हाइपरएक्टिविटी, एलर्जी के लक्षण और अस्थमा के दौरे भी पड़ सकते हैं। इसके अलावा अगर पानी पूरी में इस्तेमाल किया जाने वाला पानी दूषित है, तो इससे टाइफाइड जैसी खाद्य जनित बीमारियां भी हो सकती हैं।

खाद्य उत्पादों में कृत्रिम खाद्य रंग अच्छा दिखने के लिए मिलाए जाते हैं और ये स्वाद को बढ़ाते हैं, ताकि खाने वाले को अच्छा लगे। हालांकि, खाद्य पदार्थों में सनसेट येलो, कारमोइसिन और रोडामाइन-बी जैसे रंगों का उपयोग कई स्वास्थ्य जोखिम पैदा करता है।

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एडविना ने कहा कि कृत्रिम रंगों के बजाय ऐसे खाद्य पदार्थों का सेवन कर चाहिए जो चुकंदर, हल्दी, केसर आदि का उपयोग करके प्राकृतिक रंग और स्वाद से बने होते हैं।

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