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YouTuber बाबी कटारिया को दिल्ली के पटियाला हाउस कोर्ट से मिली जमानत, पढ़िये क्या थी गिरफ्तार होने की मूल वजह

YouTuber Baby Kataria स्पाइसजेट के कानूनी और कंपनी मामलों के प्रबंधक जसबीर चौधरी ने 13 अगस्त को दिल्ली पुलिस में इसकी शिकायत दी थी जिसमें जिसमें कहा गया कि कटारिया ने विमान में धूमपान कर न सिर्फ विमान बल्कि इसमें सवार यात्रियों की सुरक्षा को खतरे में डाला है।

By JagranEdited By: Vinay Kumar TiwariUpdated: Fri, 30 Sep 2022 10:32 AM (IST)
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YouTuber Baby Kataria: कोर्ट के निर्देश के बाद 27 सितंबर को बाबी छानबीन में शामिल हुआ।
नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। YouTuber Baby Kataria: विमान में ध्रूमपान के मामले में स्पाइसजेट की ओर से मिली शिकायत पर आइजीआइ थाना में दर्ज प्राथमिकी मामले में आरोपित बलवंत उर्फ बाबी कटारिया को पटियाला हाउस कोर्ट से जमानत मिल गई है। पुलिस अधिकारी ने बताया कि कोर्ट के निर्देश के बाद 27 सितंबर को बाबी छानबीन में शामिल हुआ।

छानबीन के दौरान उसका रवैया सहयोग का नहीं था, जिसे देखते हुए उसे गिरफ्तार किया गया। बाद में कोर्ट में उसके ओर से जमानत की अर्जी लगाई गई, जिसे कोर्ट ने स्वीकार कर लिया। इस मामले में स्पाइसजेट के कानूनी और कंपनी मामलों के प्रबंधक जसबीर चौधरी ने 13 अगस्त को दिल्ली पुलिस में इसकी शिकायत दी थी जिसमें जिसमें कहा गया कि कटारिया ने विमान में धूमपान कर न सिर्फ विमान बल्कि इसमें सवार यात्रियों की सुरक्षा को खतरे में डाला है।

शिकायत में कहा गया था कि 21 जनवरी की इस घटना की जानकारी उन्हें इंटरनेट मीडिया से 24 जनवरी को मिली। 27 जनवरी को ब्यूरो आफ सिविल एविएशन सिक्योरिटी से भी इस बााबत पत्र मिला, जिसमें इस घटना का जिक्र करते हुए सेफ्टी प्रोटोकाल के उल्लंधन की बात कही गई और कहा गया कि इसकी पूरी जांच की जानी चाहिए।

दो फरवरी को गुरुग्राम के उद्योग विहार थाना में इसकी शिकायत की गई लेकिन पुलिस ने क्षेत्राधिकार नहीं होने की बात कहते हुए कोई कार्रवाई नहीं की। अब स्पाइसजेट की ओर से आइजीआइ थाना में नागरिक विमानों की सुरक्षा से जुड़े अधिनियम,1982 के तहत कार्रवाई करने की मांग की गई है।

इस्तांबुल से आने वाले हर विमान में एक से दो यात्री किए जा रहे डिपोर्ट

तुर्किए की राजधानी इस्तांबुल से आने वाले विमानों पर आइजीआइ एयरपोर्ट पर तैनात इमिग्रेशन अधिकारियों की विशेष नजर रहती है। विमान से उतरे तमाम यात्रियों में से अमूमन दो से तीन यात्री ऐसे होते हैं जिन्हें एयरपोर्ट से भारत डिपोर्ट किया जाता है। खास बात यह है कि डिपोर्ट किए गए आरोपितों में से अधिकांश के तार नई दिल्ली स्थित रिपब्लिक आफ गुयाना दूतावास से जुड़े पाए जा रहे हैं।

तुर्किए इमिग्रेशन की ओर से डिपोर्ट किए जाने के बावत एकमात्र कारण वीजा का फर्जी होना बताया जाता है। लेकिन डिपोर्ट किए गए यात्रियों में से कुछ ऐसे भी पाए गए जिनके बिजनेस वीजा को जांच के दौरान सही पाया गया। पुलिस सूत्रों की मानें तो पिछले 15 दिनों में करीब 40 यात्रियों को इस्तांबुल एयरपोर्ट से नई दिल्ली डिपोर्ट किया जा चुका है। आइजीआइ थाना पुलिस तमाम कोण को ध्यान में रखते हुए जांच में जुटी है।

27 सितंबर को तुर्किए से आए विमान में अंकित व सतनाम नामक यात्री को तुर्किए से डिपोर्ट किया गया था। छानबीन में पाया गया कि यात्री तुर्की से गुयाना जा रहा था। लेकिन वहां इमिग्रेशन अधिकारियों को लगा कि इसके पासपोर्ट पर लगा वीजा नकली है। लिहाजा, दोनों को डिपोर्ट कर दिया गया। इसी तरह 26 सितंबर को विपिन, हरदीप व परविंदर नामक यात्री को तुर्की से डिपोर्ट कर नई दिल्ली भेजा गया।

छानबीन में पता चला कि इनके पासपोर्ट पर लगा बिजनेस वीजा तब जारी किया गया था, जब तीनों भारत से बाहर थे। इसी तरह आजादविंदर सिंह के मामले में भी यही बात सामने आई है। ठीक इसी तरह की बात सचिन, अंकित के मामले में भी सामने आई।

आखिर कैसे जारी हो रहा वीजा

पुलिस अधिकारियों का कहना है कि यह जांच का विषय है कि आखिर रिपब्लिक आफ गुयाना दूतावास द्वारा बिजनेस वीजा तब कैसे जारी किए जा रहे हैं जब आवेदक ही वहां मौजूद नहीं है। अभी तक सामने आए अधिकांश मामलों में एक ही तरह की बात सामने आ रही है।

इमिग्रेशन की शिकायत है कि वीजा तब जारी किए गए हैं जब वीजाधारी भारत में नहीं बल्कि विदेश में था। कहीं बिजनेस वीजा नकली तो नहीं, यह पूछने पर पुलिस अधिकारी बताते हैं कि कुछ मामले में बिजनेस वीजा सही पाया गया। लेकिन बिजनेस वीजा सही होने के बावजूद तिथि को लेकर ऊहापोेह की स्थिति है। पुलिस अधिकारियों का कहना है मामला काफी उलझा है।

आखिर तुर्किए में ही क्यों पकड़े जा रहे आरोपित

पुलिस अधिकारी इस मामले में यह भी पता करने में जुटे हैं कि आखिर तुर्किए में ही इतने बड़े पैमाने पर लोग क्यों पकड़े जा रहे हैं। पुलिस अधिकारी का कहना है कि हैरानी इस बात को लेकर हो रही है कि इनमें से कईलोग ऐसे भी हैं जिनके वीजा सही थे।

इसके अलावा एक और तथ्य यह भी है कि यदि कोई गिरोह इस मामले में सक्रिय होता तो जिस तरह से लोग एक ही जगह पकड़े जा रहे हैं, उसे देखकर वह अपनी रणनीति में कुछ बदलाव करता, लेकिन यहां ऐसा नहीं हो रहा है। पुलिस अधिकारी का कहना है कि जरूरत पड़ने पर इस मामले में रिपब्लिक आफ गुयाना दूतावास व तुर्किए इमिग्रेशन से भी जानकारी मांगी जाएगी।

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