स्कूलों की सुरक्षा पर जीरो-टालरेंस नीति, बम के खतरों सहित आपदाओं को लेकर जारी किए गए दिशा-निर्देश
डीओई ने बताया कि उसने स्कूलों के छात्रों और कर्मचारियों के लिए सुरक्षा योजना पर चर्चा करने के लिए पिछले महीने एक आपात बैठक बुलाई थी। मुद्दे पर विभिन्न हितधारकों और विशेषज्ञों के साथ गहन चर्चा के बाद जारी विभिन्न परिपत्रों के माध्यम से स्कूल सुरक्षा के न्यूनतम मानकों सुरक्षा ऑडिट करने के साथ संभावित आपदाओं की तैयारी के संबंध में आवश्यक निर्देश जारी किए गए हैं।
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। स्कूलों को बम से उड़ाने की धमकी संबंधी मेल और फर्जी कॉल के मामले पर शिक्षा निदेशालय (डीओई) ने दिल्ली हाई कोर्ट में हलफनामा दाखिल करके कहा कि स्कूलों में सुरक्षा के मामलों में जीरा-टालरेंस नीति है।
अदालत में दाखिल स्थिति रिपोर्ट में दिल्ली सरकार ने कहा कि अधिकारी बम खतरों सहित आपदाओं से निपटने के लिए दिशानिर्देशों के प्रभावी कार्यान्वयन को सुनिश्चित करने के लिए अपना सर्वश्रेष्ठ प्रयास कर रहे हैं। यह भी कहा कि विभिन्न स्कूलों व शैक्षिक संस्थानों को अपनी सुरक्षा और सुरक्षा उपायों को बढ़ाने के लिए कई निर्देश जारी किए हैं।
परिहार्य कारणों से सोमवार के लिए सूचीबद्ध
याचिकाकर्ता अर्पित भार्गव की याचिका पर शुक्रवार को होने वाली सुनवाई न्यायमूर्ति सुब्रमण्यम प्रसाद की पीठ ने अपरिहार्य कारणों से सोमवार के लिए सूचीबद्ध कर दी। स्कूलों में बम की धमकियों को लेकर चिंता जताने वाली एक याचिका पर दिल्ली सरकार के वकील संतोष कुमार त्रिपाठी के माध्यम से दायर स्थिति रिपोर्ट में डीईओ ने कहा कि विभाग ने स्कूलों को बम की धमकियों से निपटने के मुद्दे पर 16 अप्रैल को एक विशिष्ट परिपत्र जारी किया है और एहतियाती उपायों और स्कूल अधिकारियों की भूमिकाओं पर दिशानिर्देश जारी किए।सुरक्षा योजना चर्चा के लिए आपात बैठक
डीओई ने बताया कि उसने स्कूलों के छात्रों और कर्मचारियों के लिए सुरक्षा योजना पर चर्चा करने के लिए पिछले महीने एक आपात बैठक बुलाई थी। मुद्दे पर विभिन्न हितधारकों और विशेषज्ञों के साथ गहन चर्चा के बाद जारी विभिन्न परिपत्रों के माध्यम से स्कूल सुरक्षा के न्यूनतम मानकों, सुरक्षा ऑडिट करने के साथ संभावित आपदाओं की तैयारी के संबंध में आवश्यक निर्देश जारी किए गए हैं।
स्थिति रिपोर्ट में यह भी कहा गया कि सभी स्कूलों के लिए सुरक्षा के मुद्दे पर मासिक रिपोर्ट भरने के लिए डीओई वेबसाइट पर एक लिंक के साथ एक आनलाइन माड्यूल भी है। दिल्ली पुलिस ने पिछले साल अदालत को बताया था कि उसने स्कूलों में बम की धमकी वाली कॉल्स से निपटने के साथ-साथ फर्जी कॉल के मामले में अपनाई जाने वाली प्रक्रिया के लिए एक कार्य योजना तैयार की है।
माता-पिता बच्चों को करें जागरुक
बम की धमकियों के संबंध में डीओई ने कहा कि स्कूलों के प्रमुखों को निर्देश दिया गया है कि वे माता-पिता को जागरूक करें कि वह अपने बच्चों को समझाएं कि वे किसी भी कारण कारण से कोई झूठी धमकी भरी कॉल नहीं करनी चाहिए, क्योंकि इससे न केवल उसकी पढ़ाई प्रभावित हो सकती है, बल्कि पुलिस कार्रवाई के साथ निलंबन व निष्कासन भी हो सकता है। इसके अलावा स्कूलों के प्रमुखों को नियमित आधार पर छात्रों और कर्मचारियों की सुरक्षित निकासी के लिए माक ड्रिल आयोजित करने के लिए कहा गया है।
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