शिल्पकारों और ग्रामोद्योग की क्षमता को समझते थे गांधी : वेंकैया नायडू
या कि महात्मा गांधी की 150वीं जयंती वर्ष में खादी एवं ग्रामोद्योग आयोग की इस भित्ति चित्र की संकल्पना में भारत की सांस्कृतिक एकात्मकता, राष्ट्रीय एकता और अखंडता की झलक मिलती है। उन्होंने कहा कि इस भित्ति चित्र को बनाने के मिशन में ग्रामोद्योग के अंतर्गत शिल्पकारी और उसके माध्यम से गांधी जी श्रद्धांजलि संयुक्त प्रयास का अछ्वूत नमूना है । खादी एवं ग्रामोद्योग आयोग के अध्यक्ष विनय कुमार सक्सेना ने बताया कि इस परियोजना के लिए देश के कोने-कोने से 150 शिल्पकारों को चुना गया, जिन्होंने अपनी स्थानीय मिट्टी से मिलकर पांच हजार कुल्लहड़ बनाए। इनमें से उपयुक्त कुल्लड़ो को इस भित्ती चित्र में इस्तेमाल किया गया और इसी से गांधी जी की चित्रकृति समाने आई है । इस चित्रकृति के नीचे मेरा जीवन ही मेरा संदेश है वाक्य लिखा गया है। यह वाक्य
By JagranEdited By: Updated: Thu, 31 Jan 2019 10:49 PM (IST)
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली : महात्मा गांधी ग्राम-स्वराज के सबसे बड़े प्रतिपादक थे। उनका मानना था कि देश के विकास का रास्ता गांव से ही गुजरता है। दीन-हीन जनों के सबसे बड़े हितेषी गांधी शिल्पकारों और ग्रामोद्योग की क्षमता को समझते थे। यह कहना है कि उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू का।
नई दिल्ली नगर पालिका परिषद (एनडीएमसी) की दीवार पर कुल्हड़ों से बनाए गए महात्मा गांधी के भित्ति चित्र के अनावरण पर नायडू ने कहा कि हम सभी को गांधी के सपनों को साकार करने के लिए नए भारत का निर्माण करना चाहिए, जैसे इन शिल्पकारों ने उनके भित्ति चित्र को अलग-अलग जगह की मिट्टी से बना कर एकाकार कर दिया है। उन्होंने कहा कि इस भित्ति चित्र को बनाने वाले शिल्पकार अभिनंदन के पात्र हैं। इनकी मेहनत से बना यह भित्ति चित्र गांधी जी के सत्य और अ¨हसा के संदेश को न केवल देश अपितु विदेश में भी प्रचारित-प्रसारित करेगा।
सूक्ष्म, लद्यु एवं मध्यम उद्यम राज्यमंत्री गिरिराज ¨सह ने बताया कि महात्मा गांधी की 150वीं जयंती वर्ष में खादी एवं ग्रामोद्योग आयोग की इस भित्ति चित्र की संकल्पना में भारत की सांस्कृतिक एकात्मकता, राष्ट्रीय एकता और अखंडता की झलक मिलती है। उन्होंने कहा कि इस भित्ति चित्र को बनाने के मिशन में ग्रामोद्योग के अंतर्गत शिल्पकारी और उसके माध्यम से गांधी जी को श्रद्धांजलि संयुक्त प्रयास का अद्भुत नमूना है।
खादी एवं ग्रामोद्योग आयोग के अध्यक्ष विनय कुमार सक्सेना ने बताया कि इस परियोजना के लिए देश के कोने-कोने से 150 शिल्पकारों को चुना गया, जिन्होंने अपनी स्थानीय मिट्टी से मिलकर पांच हजार कुल्हड़ बनाए। इनमें से उपयुक्त कुल्हड़ों को इस भित्ति चित्र में इस्तेमाल किया गया। भित्ति चित्र के नीचे 'मेरा जीवन ही मेरा संदेश है' वाक्य लिखा गया है। यह वाक्य गांधी जी के उस हस्तलिखित कथन का नमूना है, जो गांधी स्मारक संग्रहालय, अहमदाबाद में प्रदर्शित है। एनडीएमसी के चेयरमैन नरेश कुमार ने कहा कि हमें गर्व है कि एनडीएमसी मुख्यालय की दीवार को इस भित्ति चित्र की स्थापना के लिए चुना गया।
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