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नाइजीरियाई लोगों के लिए अहम है 'दिल्ली 59'

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By JagranEdited By: Updated: Fri, 01 Jun 2018 10:12 PM (IST)
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नाइजीरियाई लोगों के लिए अहम है 'दिल्ली 59'

नोट- नाइजीरियाई मूल के तीन लोगों की मौत मामले की पैकेज स्टोरी गौतम कुमार मिश्रा, पश्चिमी दिल्ली

जैसे दिल्लीवाले मुसीबत के समय पुलिस को याद करते हैं, वैसे ही उत्तम नगर में रह रहे नाइजीरियाई मूल के लोग मुसीबत के समय दिल्ली 59 को याद करते हैं। दिल्ली 59 नाइजीरियाई लोगों का एक समूह है, जिसमें समाज के प्रबुद्ध लोग शामिल होते हैं। ये लोग मुसीबत के समय अफ्रीकी मूल के लोगों की मदद करते हैं। दूतावास व यहां रह रहे लोगों के बीच एक कड़ी का काम करते हैं। बृहस्पतिवार को जब इन्हें जानकारी मिली कि नाइजीरिया के तीन युवकों की मौत हुई है तो समूह फौरन घटनास्थल पर पहुंचा और पुलिस के सहयोग में जुट गया। समूह के सदस्य ने बताया कि उत्तम नगर के पोस्टल कोड के आखिरी दो अंक 59 हैं, ऐसे में उन्होंने समूह का नाम ही 59 रख दिया।

घटना की जानकारी मिलते ही दिल्ली व आसपास के विभिन्न इलाकों में रहने वाले नाइजीरियाई नागरिक घटनास्थल पर पहुंचने लगे। मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए क्षेत्र में काफी संख्या में पुलिसकर्मी तैनात कर दिए गए। उत्तम नगर थाना के अलावा डाबड़ी, ¨बदापुर से भी अतिरिक्त पुलिसकर्मी बुलाए गए। पुलिस यह नहीं चाहती थी कि यहां बात बिगड़े। इस स्थिति में दिल्ली 59 समूह के लोगों ने मोर्चा संभाला। नाइजीरियाई लोगों को समझाया और उनसे अनुरोध किया कि अभी घटनास्थल पर आने का कोई फायदा नहीं है। इनके समझाने का असर भी हुआ और धीरे धीरे लोग यहां से जाने लगे, जिससे पुलिस का ध्यान छानबीन की ओर गया। मौके पर मौजूद जांच अधिकारियों को इस समूह का सहयोग लगातार मिलता रहा।

समूह के एक सदस्य फेलिक्स ने बताया कि जैसे ही उन्हें घटना की जानकारी मिली वे मौके पर पहुंचे और पुलिस को मृतक की पहचान व उसके परिवार के बारे में जानकारी जुटाने में मदद की। हम एक ओर पुलिस की मदद कर रहे हैं, वहीं दूसरी ओर इस मामले में दूतावास को भी मदद करेंगे। शव को यदि नाइजीरिया भेजा जाएगा तो उसके इंतजाम में भी समूह हरसंभव सहयोग करेगा।

समूह के एक अन्य सदस्य कॉलिन्स किचेन ने बताया कि वे पुलिस से बराबर मिलते हैं। आलम यह है कि पुलिसकर्मी समूह के अधिकांश सदस्यों को नाम व चेहरे से जानते हैं। दल के सदस्यों ने बताया कि कई बार जब पुलिसकर्मियों को नाइजीरियाई लोगों से जुड़े मामलों की छानबीन में भाषा से जुड़ी दिक्कतें आती हैं तो वे उनकी मदद करते हैं। समूह के कई सदस्य ¨हदी भी बोलते हैं।

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